हैल्मेट मैन राघवेंद्र कुमार ने रचा इतिहास, महिला दिवस पर पढ़ें लिखे लोगों पर अशिक्षित महिलाएं भारी, दे रही हैं शिक्षा और सड़क सुरक्षा का संदेश

                                                     भीलवाड़ा, राजस्थान (भैरू सिंह राठौड़) कहते हैं कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान सड़क पर चलते हुए अपनी सुरक्षा के प्रति बेपरवाह होता जा रहा है।

इस श्रेणी में मुख्य रूप से शिक्षा कमी को आवश्यक रूप से जिम्मेदार माना जा सकता है। बखूबी इसके लिए दुनिया भर में हैल्मेट मैन के नाम से मशहूर हो रहे राघवेंद्र कुमार ने अपने अथक प्रयासों से देश में अलख जगा रहे वो निहायत ही काबिले तारीफ है।

आज महिला दिवस पर दिल्ली के अजमेरी गेट पर हैल्मेट मैन राघवेंद्र कुमार शिक्षा और सड़क सुरक्षा पर अशिक्षित महिलाओं को साथ में लेकर जो यह संदेश देने का काम कर रहे हैं वो अपने आप में अलग है। जहां हैल्मेट मैन राघवेंद्र कुमार देश में शिक्षा से वंचित रहे और

सड़क सुरक्षा में लापरवाही बरतने वालों के लिए पुरानी पुस्तक लेकर बदले में लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए हैल्मेट दिया जा रहा है जो उन माता-पिताओं को अपनी जिम्मेदारी का अहसास दिलाता है।

 इस अवसर पर अनपढ़ महिलाएं पढ़े लिखे लोगों को हेलमेट देकर सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने एवं जागरूकता पैदा करने का महिलाएं महिला दिवस पर संदेश दे रही है। राघवेंद्र कुमार ने इस संवाददाता भैरू सिंह राठौड़ को बताया कि इस अवसर पर काफी

संख्या में लोग पुरानी पुस्तक लेकर आए थे हेलमेट लेने के लिए आज के कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अशिक्षित महिला थी और महिला दिवस पर महिलाओं ने लोगों को हेलमेट दिया जो सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे और जिन लोगों ने घर से लाकर

 पुस्तक दी उन सभी को हैलमेट दिया और लोगों से अपील की कि आपकी पढ़ी हुई पुस्तक से किसी जरूरतमंद बच्ची को देकर उसको शिक्षा देने में मदद करें उसे अशिक्षित नहीं रहने दे। पूरे विश्व में महिला दिवस मनाया जाता है। देश की हर भूमिका में पुरुषों की तरह

महिलाओं की भी उतनी ही भूमिका रहती है। महिला यह कदम तभी बढ़ा सकती है जब उसके पास शिक्षा हो। आज भारत को आगे बढ़ाने में 36 प्रतिशत महिला अभी भी पीछे हैं क्योंकि उन्हें शिक्षा नहीं मिल पाती है। महिलाओं को शिक्षा नहीं मिलने से समाज में अपने

अधिकार के लिए लड़ाई नहीं कर पाती है। इसका सीधा असर उनके जीवन पर पड़ता है, एक आजाद मुल्क में रहते हुए भी गुलामों की तरह जीवन जीना पड़ता है। किसी भी देश का विकास तभी संभव है जब उस देश के सभी नागरिक शिक्षित हो। आज भारत में शिक्षा की

कमी की वजह से सड़क दुर्घटना में विश्व के पहले पायदान पर भारत का नाम आता है। प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटना में डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है। जो चिंता का विषय है, इसे गंभीरता से लेते हुए हैलमेट मैन राघवेंद्र कुमार पिछले 6 साल से सड़क दुर्घटना को रोकने का कार्य

कर रहे हैं और भारत को 100% साक्षर करने का मिशन बना रखा  हैं। आज महिला दिवस पर संदेश दिया कि जो महिला शिक्षा नहीं ले पाती है उन्हें अपने ही देश में गुलाम बनना पड़ता है। दिल्ली के रेड लाइट एरिया में 99% वैसी महिलाएं देह व्यापार से जुड़ी है क्योंकि उनके पास शिक्षा नहीं है.

इस तरह भारत में 90 लाख महिला ऐसे कार्य में लिप्त है, जो हर किसी की अपनी एक बहुत बड़ी कहानी है लेकिन इनकी कहानियां समाज में पढ़ा लिखा व्यक्ति कोई देखना और सुनना पसंद नहीं करता है। आज वो  सड़क पर दूसरों की जान बचाने के लिए जागरूकता

का संदेश दे रही थी। हमेशा हैलमेट लगाकर सड़क पर चलना चाहिए। अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत होती है उसके घर में बच्चे अनाथ हो जाते हैं और उन्हें शिक्षा लेने में कठिनाई होती है अगर वह बच्चे शिक्षित नहीं हो पाएंगे तो कहीं ना कहीं उन्हें भी देह बाजार

का हिस्सा ना बनना पड़े यह विचारणीय प्रश्न है। इसलिए पढ़े लिखों से पुरानी पुस्तक लेकर भारत के सभी अशिक्षित बच्चियों को शिक्षा मिले ताकि वो अपने पैरों पर खड़े होकर देश को विकसित बनाने में

 अपना योगदान दें सकें। आज 8 मार्च महिला दिवस पर धनलक्ष्मी सिंह, मुकुंद सिंह, विकास पांडे, शुभम सिंह, दीप कमल, गौरव सिंह, सुमित कुमार, गौरव कुमार, राघव झा आदि जागरूक कार्यकर्ता उपस्थित थे।                                                                                          *रिपोर्ट - भैरू सिंह राठौड़ भीलवाड़ा (राजस्थान) 09799988158*

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