विश्व मानव अधिकार परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष मुन्ना खान ने देश की आवाम से अपील की है। विश्व मानव अधिकार परिषद प्रदेश उपाध्यक्ष मुन्ना खान ने बताया
की हाल ही में देश में ज्वलित मुद्दों में एनआरसी सीएबी है । यह स्वतंत्र भारत में पहली बार है जब सांप्रदायिक विचारधारा के आधार पर वर्गीकरण किया जा रहा है यह स्वतंत्र भारत में सांप्रदायिकता को बढ़ावा तो देगी ही साथ ही है समाज को वर्गों में विभाजित कर शोषण करने का माध्यम भी बनेगी । यह स्वतंत्र भारत में पहली बार है लेकिन यह इतिहास में पहली बार नहीं है।
कि मनुवादी विचारधारा के आधार पर समाज को वर्गों में विभाजित कर शोषण होगा, यह हजारों वर्षों पहले भी हो चुका है। इसी विचार के आधार पर पहले भी समाज को बांटा जा चुका है और हजारों साल तक एक विशेष वर्ग को मानवता के खिलाफ अत्यंत घृणित तरीके से शोषण एवं अत्याचार का शिकार बना कर रखा है। विश्व मानव अधिकार परिषद मुन्ना खान ने सभी देशवासियों से अपील करती है की एनआरसी को सांप्रदायिक होने से बचाने के लिए एनआरसी का विरोध करते हुए एनआरसी में अपना नाम दर्ज नहीं कराएं
एवं सभी को नाम ना दर्ज कराने के लिए जागरूक करें । और सांप्रदायिक आधार पर बनी सरकार को डिटेक्शन कैंप बनाने दें।
की हाल ही में देश में ज्वलित मुद्दों में एनआरसी सीएबी है । यह स्वतंत्र भारत में पहली बार है जब सांप्रदायिक विचारधारा के आधार पर वर्गीकरण किया जा रहा है यह स्वतंत्र भारत में सांप्रदायिकता को बढ़ावा तो देगी ही साथ ही है समाज को वर्गों में विभाजित कर शोषण करने का माध्यम भी बनेगी । यह स्वतंत्र भारत में पहली बार है लेकिन यह इतिहास में पहली बार नहीं है।
कि मनुवादी विचारधारा के आधार पर समाज को वर्गों में विभाजित कर शोषण होगा, यह हजारों वर्षों पहले भी हो चुका है। इसी विचार के आधार पर पहले भी समाज को बांटा जा चुका है और हजारों साल तक एक विशेष वर्ग को मानवता के खिलाफ अत्यंत घृणित तरीके से शोषण एवं अत्याचार का शिकार बना कर रखा है। विश्व मानव अधिकार परिषद मुन्ना खान ने सभी देशवासियों से अपील करती है की एनआरसी को सांप्रदायिक होने से बचाने के लिए एनआरसी का विरोध करते हुए एनआरसी में अपना नाम दर्ज नहीं कराएं
एवं सभी को नाम ना दर्ज कराने के लिए जागरूक करें । और सांप्रदायिक आधार पर बनी सरकार को डिटेक्शन कैंप बनाने दें।
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