एडवोकेट अख्तर खान "अकेला" की कलम से

दोस्तों ,,बहुत हुआ ,,देश ने हमे ,आपको बहुत कुछ दिया है , अब वर्तमान हालातों में देश को ,सुकून ,शान्ति ,धैर्य संयम देने की आपकी  बारी है ,,आपकी समझदारी है ,,देश में  इन्साफ की जंग  का महाफेसला आने वाला है ,, कहते है जो होता है ,अच्छे के लिए होता है ,जो होता है वोह अल्लाह ,ईश्वर की मर्ज़ी से होता है ,फैसले का सम्मान करो ,सब्र करो ,,भरोसा करो ,और सुकून से प्यार मोहब्बत से रहो, फसादात से बचो ,, अफवाहों से दूर रहो ,, दोस्तों सभी को पता है ,देश में राम मंदिर ,मस्जिद को लेकर एक बढ़ा फैसला आने वाला है ,,फैसला भारत के संविधान ,,विधि नियम ,के प्रावधानों के तहत ,आपको ,हमे सभी को सुनवाई का भरपूर मौक़ा देने के बाद आ रहा है ,देश की सर्वोच्च अदालत जिसे ,देश में सर्वोच्च सम्मान है ,यह फैसला उसे देना है
,बहुपक्षीय सुनवाई हो गयी है ,,फैसला जो भी हो ,हमे तो उसका सम्मान करना है ,हालातों में ज़हर नहीं घुले ,,अराजकता का वातावरण नहीं हो ,परस्पर अविश्वास ,तानेबाजी न हो ,सभी सम्मान करे ,फैसला अदालत का हो भी जाए ,तो भी समझौते ,प्यार मोहब्बत के रास्ते ,,बाहें खोलकर आपका इन्तिज़ार करते है ,समझौता फिर भी हो सकता है ,सभी सम्भावनाये तलाशे , बस एक दूसरे के सुख दुःख के साथी बनों ,,नमाज़ पढ़ने के लिए लाखों लाख मस्जिदें है ,पूजा के लिए करोड़ों करोड़ , मंदिर है ,,, इंसाफ़ ,,सुकून ,धैर्य ,संयम ,भी एक इबादत है , देश प्रेम ,,पड़ोसी का सम्मान ,,एक दूसरे पर भरोसा ,,एक दूसरे के काम आने का जज़्बा ही इबादत है ,पूजा है ,तो दोस्तों,, देश को आपके धैर्य ,संयम ,समझदारी की ज़रूरत है ,ऐसे माहौल में जब देश के समझदार लोग ,एक तरफ तो महाराष्ट्र
में सरकार बनाने को लेकर विवादों में उलझे है ,ऐसे वक़्त पर जब इन्साफ की अदालत का फैसला आने वाला है ,तब समझदार लोग ,काले कोट ,खाकी कोट की लड़ाई में उलझे है ,तब देश को ही एक जुट होकर समझदारी का उदाहरण पेश करना होगा ,,एक विवाद ,अदालत में हुआ ,झगड़ा ,हुआ वकील की पिटाई हुई ,,शिकायत हो गयी ,हंगामा हो गया ,,फिर देश खुद सोचे ,किन हालातों में किन लोगों के इशारे पर ,किन मुद्दों को  भटकाने के लिए देश की हाईकोर्ट के फैसले के बाद ,हाईकोर्ट के फैसले का अनादर करते हुए ,क़ानून की पालना करने वाले खाकीधारियों ने धरना दिया ,प्रदर्शन किया ,,मिडिया मैनेजमेंट कर देश को भड़काने की साज़िश रची ,,,इतना था तो कोई बात नहीं ,लेकिन अलग अलग जगह प्रदर्शन ,चदेबाज़ी ,,ऐसी हरकतों से तो देश को शर्मसार होना पढ़ रहा है ,,हद तो यह है के भाजपा के टिकिट पर चुनाव लड़ी किरण बेदी ,चुनाव हारने के बाद ,, राज्यपाल बन गयी ,
लेकिन उन्होंने अपना राजधर्म छोड़ दिया और ,पक्षकार बनकर अपनी बयानबाज़ी करने लगीं ,दोस्तों यह घटना नहीं ,यह दुर्घटना है ,इस दुर्घटना का इलाज ,धैर्य ,संयम ,समझौता ,एक दूसरे की गलत फहमी दूर कर ,एक दूसरे का विश्वास  फिर से जीतने की कोशिशें होना चाहिए थी ,लेकिन ऐसा जानबूझ कर नहीं किया गया ,क़ानून मंत्री ,गृह मंत्री ,,प्रधानमंत्री ने अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभाई ,,,सब कुछ जब एक अदालत के फैसले से न्यायिक  जांच के पिटारे में बंद हो गया था ,तब अदालत के फैसले के खिलाफ ,अदालत के सुझावों के खिलाफ ज़िद पर अढ़कर ,, किसी बेहूदा साज़िश का शिकार होकर ,ऐसे मौके  पर   जब देश को आपकी ज़रूरत है ,,आपकी व्यवस्थाओं की ज़रूरत है ,आप अघोषित हड़ताल पर जाकर धरने ,प्रदर्शन के नाम पर देश के एक हिस्से को हेल्डअप कर देते है ,,प्रधानमंत्री की निकटतम राज्यपाल किरणबेदी ,राजधर्म निभाने की जगह,, एक पक्षकार बनकर बयानबाज़ी करती है ,,दोस्तों देश इन लोगों से नहीं बना  है ,कुछ लोग तन्ख्वाह के भूखे है ,कुछ लोग कुर्सी के भूखे है ,यह अपने टारगेट को पूरा करने के लिए कोई भी कुछ भी हरकत कर सकते है ,इसलिए ऐसे उदाहरणों से विचलित मत होना ,असली देश भक्त आप और हम है ,
अफवाहे न फैले ,,झूंठ आगे न बढे ,वाट्सअप ,फेसबुक ,इंस्टाग्राम ,पर सावधानी रखे ,बिकाऊ मीडियाकर्मियों की कोई साजिश अगर दिखे तो उसे तत्काल प्रभाव से कंडेम करें ,,एक दूसरे से प्यार मोहब्बत का वातावरण और मज़बूत करे ,,ईश्वर अल्लाह का इबादत घर है ,फैसला वोह कर लेंगे ,हमे तो धैर्य ,संयम से ही काम लेना है ,,विश्व आज देश की तरफ देखरहा है ,हमारे देशवसियों की संवेधनशीलता की तरफ झांक रहा है ,इसे हमे रुसवा नहीं होने देना है ,हमारा देश ,सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान है ,मेरा भारत महान है ,,इस देश को विश्व के नक़्शे पर हर हालत में ,हर संकट की घडी में  ,,सुर्खुरू करना है ,इस देश के सर को ,विश्व शान्ति ,भाईचारा ,सद्भावना मामले में सबसे ऊँचा ,सबसे बुलंद रखना है ,,रखोगे ना प्लीज़ ,, मानोगे न प्लीज़ ,, समझदारी ,प्यार ,मोहब्बत ,धैर्य संयम का हिस्सा बनोगे  ना प्लीज़  ,, *एडवोकेटअख्तर खान "अकेला"*
कोटा राजस्थान

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