डॉ0 रणवीर सिंह वर्मा
कांधला जनपद शामली
शामली के कस्बा कांधला में स्थित पंजाबी धर्मशाला में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संचालक सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी मीनाक्षी भारती जी ने कथा के प्रथम दिवस में हरी महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि
हरि चरित्र अनंत हैं वो अपने सार्थकता से हर पल हरि महिमा ही गाते हैं अगर हम बात करे हरि भक्तो की तो वो दो प्रकार के होते हैं एक बाहरी भक्त एक आंतरिक भक्त जैसे मछलिया दो प्रकार की होती है एक वो जो समुंद्री पानी में रहती है
दूसरी जो मीठे पानी मे तैरती है समुंद्री मछलिया तो अपने मुख से पानी पीती है लेकिन मीठे जल में रहने वाली ऐसा नही करती उन मछलियों का शरीर उनकी आवश्यकतानुसार जल अपने आप ही सोख लता है इस विधि से मीन के देह
में कभी भी पानी की कमी नही रहती ऐसे ही मुख से पानी पीने वाली मछलियों की तरह बाहरी भक्त मुख से प्रभु नाम लेते है परंतु आंतरिक भक्तो की आत्मिक क्षुधा सहज ही सुमिरन द्वारा बुझ जाती है और ऐसे भक्त ही प्रभु को प्राप्त कर पाते है ये हरि कथा भी उन भक्तो को लाभ देती है जो अंतःकरण से जुड़कर इसे श्रवण करते है जो भक्त प्रेम श्रद्धा से हरी कथा को श्रवण करते है
वे ईश्वर की कृपया द्वारा मोक्ष प्राप्ति के मार्ग को सहज ही जान लेते है फिर बरह्मज्ञान की प्राप्ति कर अपना जीवन सफल बनाते है इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने सुमधुर भजनों का आनंद उठाया और कथा को उत्साह पूर्वक श्रवण किया इस अवसर पर विशेष रूप
से श्री कुशांक चौहान , श्री विष्णु प्रकाश अग्रवाल प्रमुख समाजसेवी, इंदरपाल गिरधर , kushank चौहान( डायरेक्टर ग्लोबल शांति केयर हॉस्पिटल शामली, डॉ रश्मिकांत जैन , श्री अजय कुमार जैन, श्री पराग जैन , मा0 रणधीर सिंह, मा0 राजकुमार सेन, मा0 घनश्याम वर्मा, डॉ0 रणवीर सिंह वर्मा, कँवर पाल,भुवनेंद्र कुमार राघव MD, जैविन्द्र सिंह,सुमेर सिंह,पाल सैनी,विनोद मित्तल,शुभम मित्तल,संयम मित्तल,आदि उपस्थित रहे।
प्रसाद की व्यवस्था
दिनेश नामदेव हलवाई की ओर से रही
कांधला जनपद शामली
शामली के कस्बा कांधला में स्थित पंजाबी धर्मशाला में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संचालक सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी मीनाक्षी भारती जी ने कथा के प्रथम दिवस में हरी महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि
हरि चरित्र अनंत हैं वो अपने सार्थकता से हर पल हरि महिमा ही गाते हैं अगर हम बात करे हरि भक्तो की तो वो दो प्रकार के होते हैं एक बाहरी भक्त एक आंतरिक भक्त जैसे मछलिया दो प्रकार की होती है एक वो जो समुंद्री पानी में रहती है
दूसरी जो मीठे पानी मे तैरती है समुंद्री मछलिया तो अपने मुख से पानी पीती है लेकिन मीठे जल में रहने वाली ऐसा नही करती उन मछलियों का शरीर उनकी आवश्यकतानुसार जल अपने आप ही सोख लता है इस विधि से मीन के देह
में कभी भी पानी की कमी नही रहती ऐसे ही मुख से पानी पीने वाली मछलियों की तरह बाहरी भक्त मुख से प्रभु नाम लेते है परंतु आंतरिक भक्तो की आत्मिक क्षुधा सहज ही सुमिरन द्वारा बुझ जाती है और ऐसे भक्त ही प्रभु को प्राप्त कर पाते है ये हरि कथा भी उन भक्तो को लाभ देती है जो अंतःकरण से जुड़कर इसे श्रवण करते है जो भक्त प्रेम श्रद्धा से हरी कथा को श्रवण करते है
वे ईश्वर की कृपया द्वारा मोक्ष प्राप्ति के मार्ग को सहज ही जान लेते है फिर बरह्मज्ञान की प्राप्ति कर अपना जीवन सफल बनाते है इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने सुमधुर भजनों का आनंद उठाया और कथा को उत्साह पूर्वक श्रवण किया इस अवसर पर विशेष रूप
से श्री कुशांक चौहान , श्री विष्णु प्रकाश अग्रवाल प्रमुख समाजसेवी, इंदरपाल गिरधर , kushank चौहान( डायरेक्टर ग्लोबल शांति केयर हॉस्पिटल शामली, डॉ रश्मिकांत जैन , श्री अजय कुमार जैन, श्री पराग जैन , मा0 रणधीर सिंह, मा0 राजकुमार सेन, मा0 घनश्याम वर्मा, डॉ0 रणवीर सिंह वर्मा, कँवर पाल,भुवनेंद्र कुमार राघव MD, जैविन्द्र सिंह,सुमेर सिंह,पाल सैनी,विनोद मित्तल,शुभम मित्तल,संयम मित्तल,आदि उपस्थित रहे।
प्रसाद की व्यवस्था
दिनेश नामदेव हलवाई की ओर से रही
Bahoot sunder..shri ashutosh maharaaj ji ki jai ho...
ReplyDeleteBahoot sunder katha ..shri ashutosh maharaj ji ki jai ho
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