शनिवार को कस्बे के चौधरी सिताब सिंह मार्किट स्थित पत्रकार संगठन कैराना के कार्यालय पर स्थानीय पत्रकारों की एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की संयुक्त अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार व लेखक रियासत अली ताबिश और मेहरबान अली कैरानवी ने की, जबकि संचालन संगठन के संरक्षक सुधीर चौधरी ने किया।
बैठक में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि तहसील प्रशासन अपने दायित्वों से विमुख होकर काम कर रहा है। सुधीर चौधरी ने कहा कि कस्बे के बाहर हदूद हल्का-02 में खसरा संख्या 990 व 991 पर स्थित सरकारी चकमार्ग और नाली पर कुछ दबंग लोगों ने वर्षों से अवैध कब्जा कर रखा है। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं। जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को भी प्रार्थना-पत्र दिए गए, जिन पर कार्रवाई के निर्देश भी जारी हुए।
पत्रकारों का आरोप है कि डीएम शामली द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बावजूद एसडीएम कैराना ने कब्जाधारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। चार दिन पूर्व तहसीलदार की अध्यक्षता में गठित टीम को 26 दिसंबर को चकमार्ग और नाली को कब्जामुक्त करना था, लेकिन कथित तौर पर एसडीएम की भूमिका के चलते यह कार्रवाई रोक दी गई। पत्रकारों ने एसडीएम पर कब्जाधारियों से सांठगांठ और संरक्षण देने के आरोप लगाए।
बैठक में मौजूद पत्रकारों ने चेतावनी दी कि यदि निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई तो वे एसडीएम के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ने को मजबूर होंगे। पत्रकारों ने उच्चाधिकारियों से मांग की कि जनहित को ध्यान में रखते हुए मामले का संज्ञान लिया जाए और सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाए।
इस अवसर पर पत्रकार संगठन कैराना के अध्यक्ष संदीप इन्सां सहित अनेक वरिष्ठ व स्थानीय पत्रकार मौजूद रहे। उधर, एसडीएम कैराना से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका सरकारी सीयूजी नंबर आउट ऑफ कवरेज एरिया बताया गया।
“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए शामली, उत्तर प्रदेश से पत्रकार सुरेन्द्र सिंह निर्वाल की खास रिपोर्ट
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