बिड़ौली/झिंझाना। मदरसा नूरिया में रविवार को आयोजित सालाना जलसे में दारुल उलूम देवबंद के मुफ्ती मुनीरूद्दीन ने तालीम और दीनी रहनुमाई पर विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि इंसान को अपने गुनाहों से तौबा करते हुए सीधी राह पर चलना चाहिए। अल्लाह और उसके रसूल के बताए रास्ते पर चलना ही असली कामयाबी है। मिली खबर के अनुसार कार्यक्रम के दौरान मदरसे के छात्र मोहम्मद सैफी और मोहम्मद जैद ने हिफ्ज-ए-कुरान पूरा किया, जिन्हें सम्मानित किया गया।
वहीं बालिकाओं में शबनम, नाजिया, सादिया, सुमय्या, कहकशा, फबी, जोबी और एलिना को तरबियत कोर्स पूरा करने पर प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके अलावा सफिया, अरीबा, इल्मा और सना बालिकाओं को कुरान मजीद का नजारा पूरा करने की उपाधि दी गई
दिल्ली शाह वालीउल्लाह ट्रस्ट के मोहतमिम मौलाना शकील अहमद ने जलसे को संबोधित करते हुए कहा कि प्यारे नबी हजरत मोहम्मद साहब की सुन्नतों पर अमल करना ही दुनिया और आख़िरत दोनों की भलाई का जरिया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अपनी जिंदगी को दीन के मुताबिक ढालना चाहिए।
मेरठ से आए मुफ्ती खालिद ने अपने बयान में सूद, ब्याज, नशाखोरी, चोरी और झूठ से बचने की नसीहत दी। वहीं मौलाना मुस्तकीम कांधलवी, मौलाना खैर मोहम्मद दिल्ली और कारी सादिक भैसानी इस्लामपुर ने भी जलसे को खिताब किया। जलसे की सदारत कारी वकीलुर्रहमान ने की जबकि संचालन मुफ्ती आजम ने किया। जलसे में हाफिज महमूद हसन, हाफिज शब्बीर अहमद कांधला, हाजी रईस अहमद, हाफिज नसीम, हाजी इलियास, खुर्शीद आलम, याकूब, आबिद, हाशिम, यूसुफ, नवाब सभासद, असलम आदि मौजूद रहे। अंत में मुफ्ती मुनीरूद्दीन ने मुल्क में अमन और सलामती की दुआ कराई।
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