सरकारी आदेशों की अनदेखी: अलीपुरा में बंद मिला प्राथमिक विद्यालय, एसआईआर कार्य ठप—बीएलओ परेशान

जिलाधिकारी के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जनपद के कई शासकीय विद्यालयों में लापरवाही देखने को मिली। रविवार होने के बावजूद आदेश था कि सभी सरकारी स्कूल खोले जाएँ और पूरा स्टाफ मौके पर उपस्थित रहे, ताकि एसआईआर (Special Summary Revision) के कार्य में किसी तरह की बाधा न आए।

लेकिन अलीपुरा का प्राथमिक विद्यालय इन नियमों से बिल्कुल अलग तस्वीर पेश करता दिखा। सुबह से लेकर दोपहर तक विद्यालय के मुख्य द्वार पर ताला लटका रहा और पूरा स्टाफ नदारद रहा। ग्रामीणों ने इस स्थिति पर कड़ी नाराज़गी जाहिर की और इसे प्रशासनिक आदेशों की खुली अवहेलना बताया।


एसआईआर कार्य ठप, बीएलओ बोलीं—सहयोग न मिलने से काम रुका

एसआईआर कार्य में लगी बीएलओ दिव्या बजाज ने बताया कि उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बुलाया था, जो थोड़ी देर के लिए स्कूल पहुंचीं भी, लेकिन विद्यालय बंद होने और किसी भी शिक्षक के अनुपस्थित रहने से पूरा कार्य बाधित हो गया।

बीएलओ ने कहा कि वे अपना काम पूरी जिम्मेदारी से कर रही हैं, लेकिन विद्यालय स्टाफ का सहयोग न मिलने से मतदाता सूची सुधार का महत्त्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहा है।

गौरतलब है कि एसआईआर के कार्य को गति देने के लिए 30 नवंबर को अवकाश होने के बावजूद कई विद्यालयों के शिक्षकों को बीएलओ की सहायता में लगाया गया था। जिलाधिकारी ने रविवार को भी विद्यालय खोलकर आवश्यक सहयोग प्रदान करने के आदेश दिए थे, ताकि 4 दिसंबर तक कार्य समय पर पूरा हो सके और अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जा सके।


ग्रामीणों में नाराज़गी—“सुबह से शाम तक कोई अध्यापक नहीं आया”

अलीपुरा के ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय सुबह से दोपहर तक पूरी तरह बंद रहा।
केवल कुछ देर के लिए एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आई थीं, लेकिन स्कूल बंद होने के कारण वह भी वापस लौट गईं।

ग्रामीण इंतज़ार आदि ने कहा—
“आज तो कोई भी अध्यापक स्कूल आया ही नहीं, स्कूल पूरा दिन बंद रहा।”


कार्रवाई की मांग तेज—प्रभारी शिक्षामित्र सुशील कुमार पर सवाल

जब कार्यवाहक विद्यालय प्रभारी, शिक्षामित्र सुशील कुमार से जिलाधिकारी के आदेशों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने गुस्सा दिखाते हुए जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक पर डाल दी और स्वयं के अवकाश पर होने की बात कही।

वहीं प्रधानाध्यापक निशांत राज का कहना है—
“विद्यालय खोलने की जिम्मेदारी सुशील कुमार को दी गई थी, लेकिन उन्होंने बिना किसी लिखित सूचना के शादी में जाने का फैसला कर लिया।”

क्षेत्र के अन्य कई विद्यालय भी बंद पाए गए, जिससे यह मसला और गंभीर हो गया।


बीएसए का बयान: “मामला संज्ञान में नहीं, जांच कर होगी कार्रवाई”

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) लता राठौर ने बताया—
“मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। जानकारी मिलने पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।”


निष्कर्ष: आदेशों की अवहेलना पर प्रशासन सख्त, जांच की तैयारी

एसआईआर जैसे महत्वपूर्ण कार्य में व्यवधान आने के बाद अब इस पूरे मामले की जांच की मांग तेज़ हो गई है। प्रशासनिक आदेशों की खुलेआम अवहेलना न केवल कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि ग्रामीणों के भरोसे को भी कमजोर करती है।

आने वाले दिनों में इस मामले में क्या कार्रवाई होती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।


✍️ खास रिपोर्ट:
सद्दाम राणा
चौसाना, तहसील ऊन, जिला शामली, उत्तर प्रदेश
“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका

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