कैराना मेले का रोमांच बना डर—झूले से युवक गिरकर गंभीर, सुरक्षा लापरवाही की पोल खुली

— इमरान अब्बास, कैराना/जिला शामली

“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए विशेष ब्लॉग रिपोर्ट

कैराना कस्बे में इन दिनों चल रहा वार्षिक मेला लोगों के मनोरंजन का केंद्र तो है, लेकिन इसके अंदर छिपी लापरवाही अब बड़े हादसों को जन्म दे रही है। सोमवार शाम मेले में उस समय हड़कंप मच गया जब नावनुमा झूले से एक युवक तेज रफ्तार के दौरान नीचे गिर गया। मोहल्ला बेगमपुरा निवासी यह युवक गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे तुरंत रोहतक के अस्पताल में रेफर करना पड़ा। उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

तेज रफ्तार, झूले का संतुलन बिगड़ा और युवक जमीन पर…

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार झूले की रफ्तार अचानक बढ़ी और संतुलन बिगड़ते ही युवक हवा में उछलकर नीचे आ गिरा। भीड़ में चीख–पुकार मच गई और कुछ ही पल में पूरा मेला अफरा–तफरी का केंद्र बन गया।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि—

  • झूले पर कोई सुरक्षा बेल्ट नहीं थी
  • झूले को चलाने वाला प्रशिक्षित ऑपरेटर मौजूद नहीं था
  • झूले की तकनीकी जांच भी नहीं कराई गई थी

यह सब देखकर स्थानीय लोग आग बबूला हो उठे। उनका कहना था कि मेले के आयोजक केवल मुनाफा कमाने में व्यस्त हैं और सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं कर रहे।

नगरवासियों का रोष—“यह मेला आनंद नहीं, खतरा बन चुका है”

मेले के कई झूले जर्जर अवस्था में हैं। कई का संतुलन ठीक नहीं, तो कुछ के नट–बोल्ट ढीले। इसके बावजूद उन्हें तेज रफ्तार में चलाया जा रहा है। नगरवासियों का कहना है कि प्रशासन हर बार हादसे के बाद जागता है, जबकि ये अनियमितताएँ लंबे समय से जारी हैं।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने गुस्से में कहा—
“जब तक किसी की जान न चली जाए, तब तक न प्रशासन जागता है, न आयोजक। हर साल ऐसा होता है और हर साल लोग डरते हुए मेले में आते हैं।”

पुलिस ने ली जानकारी, कार्रवाई तहरीर पर निर्भर

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक समय पाल अत्रि ने बताया कि घटना की जानकारी पुलिस को मिल चुकी है। यदि पीड़ित पक्ष तहरीर देता है, तो कार्रवाई की जाएगी और मेले की सुरक्षा व्यवस्था की जांच कराई जाएगी।
हालाँकि लोगों का आरोप है कि “जांच” शब्द हर हादसे के बाद दोहराया जाता है, लेकिन सुधार कभी दिखाई नहीं देता।

कैराना का मेला—मनोरंजन का नहीं, लापरवाही का मंच

यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं बल्कि एक सवाल है—
क्या रोमांच के नाम पर लोगों की जान को जोखिम में डालना मेले का हिस्सा है?

नगरवासियों ने मेले को तुरंत बंद कराने, झूलों की तकनीकी जांच और आयोजकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है।

कुल मिलाकर, कैराना का यह मेला इस समय उत्सव नहीं बल्कि लापरवाही और खतरे का प्रतीक बन गया है, जो किसी बड़े हादसे की चेतावनी दे रहा है।


“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए
कैराना, जिला शामली से पत्रकार इमरान अब्बास की खास ब्लॉग रिपोर्ट

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