कैराना पालिका अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोपों से मचा हड़कंप, जांच के नाम पर औपचारिकता पूरी — भाजपा नेता बोले, “सच्चाई दबाने की कोशिश”

2023 से 2025 तक हुए विकास कार्यों में अनियमितता, पक्षपात और धन के दुरुपयोग के आरोप, शासन के आदेश पर पहुंची पांच सदस्यीय जांच टीम मात्र 20 मिनट में लौटी

कैराना। नगर पालिका परिषद कैराना में भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों को लेकर एक बार फिर माहौल गर्मा गया है। भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष की ओर से की गई गंभीर शिकायत के बाद शासन ने तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश जारी किए। आदेश के तहत तहसीलदार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच टीम बुधवार को पालिका कार्यालय पहुंची। टीम के पहुंचते ही नगर में हलचल मच गई और लोगों की भीड़ कार्यालय के बाहर एकत्र होने लगी।

जांच टीम ने पालिका रिकॉर्ड का संक्षिप्त निरीक्षण किया और कुछ फाइलें देखी, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि जांच प्रक्रिया मात्र 20 मिनट में ही निपटा दी गई। टीम ने किसी भी निर्माण स्थल या विकास कार्य का भौतिक सत्यापन नहीं किया। इससे शिकायतकर्ता समेत नगर के लोगों में रोष फैल गया। शिकायतकर्ता ने जांच दल पर आरोप लगाया कि “यह पूरी कार्रवाई महज खानापूरी थी, ताकि शासन को रिपोर्ट भेजी जा सके।”

भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि वर्ष 2023 से 2025 के बीच नगर पालिका द्वारा किए गए विकास कार्यों में भारी गड़बड़ियां हुई हैं। फर्जी बिल, अधूरे कार्यों का भुगतान, मनमाने ठेके और भेदभावपूर्ण रवैये जैसी शिकायतें विस्तार से की गई थीं। उन्होंने कहा कि पालिका अध्यक्ष शमशाद अहमद अंसारी के कार्यकाल में कुछ ठेकेदारों को पक्षपातपूर्ण ढंग से लाभ पहुंचाया गया, जबकि कई वार्डों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।

जांच टीम ने शिकायतकर्ता से कहा कि जिन कार्यों पर आपत्ति है, उन्हें चिन्हित कर लिखित में उपलब्ध कराएं। इस पर शिकायतकर्ता ने असंतुष्टि जताते हुए कहा कि जब शासन ने पहले ही जांच के आदेश दिए हैं, तो टीम को स्वयं सभी विकास कार्यों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देनी चाहिए थी।

नगर में चर्चा है कि कई वार्डों में सड़क, नाली, पेयजल और प्रकाश व्यवस्था के कार्यों में भारी लापरवाही बरती गई है। कई स्थानों पर लाखों रुपये के विकास कार्य अधूरे पड़े हैं या कागजों में पूरे दिखा दिए गए। नगरवासियों का कहना है कि पालिका प्रशासन पर लंबे समय से भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन हर बार जांच के नाम पर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष ने कहा कि “हम इस बार मामले को ऐसे ही नहीं छोड़ेंगे। शासन को दोबारा पत्र भेजकर उच्चस्तरीय जांच की मांग करेंगे ताकि जनता का पैसा कहां गया, इसका पूरा हिसाब सामने आ सके।”

अब निगाहें शासन पर टिकी हैं कि क्या इस बार कैराना नगर पालिका के भ्रष्टाचार की परतें सच में खुलेंगी, या यह जांच भी पिछली बार की तरह सिर्फ कागजों में ही सिमटकर रह जाएगी।— गुलवेज़ आलम, स्वतंत्र पत्रकार, कैराना
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