कैराना। मजदूरों और बेरोजगारों के अधिकारों की आवाज बुलंद करने वाले मजदूर बेरोजगार एकता मंच का कारवां लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। कैराना में आयोजित मंच की बैठक ने इस एकता अभियान को नई ऊर्जा दी। बैठक का आयोजन नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी नवाब राणा के आवास पर किया गया, जिसमें क्षेत्रभर से सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से नवाब राणा को विधानसभा सचिव कैराना तथा महबूब अंसारी को ब्लॉक अध्यक्ष कैराना नियुक्त किया गया। मंच के पदाधिकारियों ने दोनों नव-नियुक्त साथियों को नियुक्ति पत्र सौंपकर सम्मानित किया और संगठन की जिम्मेदारियों के निर्वहन की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष नौशाद सैफी ने एकता की ताकत पर जोर देते हुए कहा कि जब तक मजदूर और बेरोजगार एकजुट नहीं होंगे, तब तक उनकी आवाज सत्ता के गलियारों तक नहीं पहुंचेगी। उन्होंने युवाओं से संगठन में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
जिला अध्यक्ष (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ) कारी गुलफाम सिद्दीकी ने कहा कि दीन और इंसानियत के दायरे में रहकर समाज में जागरूकता फैलाना ही असली सेवा है। उन्होंने कहा कि संगठन तभी मजबूत होगा जब हर सदस्य अपने स्तर पर जिम्मेदारी निभाएगा।
जिला अध्यक्ष अब्दुल वाजिद सिद्दीकी ने कहा कि संगठन को घर-घर तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। हर गांव, हर मोहल्ले में मजदूरों और बेरोजगारों को जोड़ना ही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब हर साथी को संगठन के विस्तार में अपनी भूमिका निभानी होगी।
जिला प्रभारी साजिद अंसारी ने अपने संबोधन में कहा कि यह मंच किसी एक वर्ग का नहीं बल्कि हर मेहनतकश का संगठन है। हमें अपने हक की लड़ाई संगठन के बैनर तले मिलजुलकर लड़नी होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष सैय्यद मोहम्मद असलम ने कहा कि आज समाज को धर्म और जाति की राजनीति से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा — “हमारा संघर्ष मजहब या बिरादरी का नहीं, बल्कि इंसानियत और समान अधिकारों का है।” असलम ने जोर देकर कहा कि जब तक हम सब एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई नहीं लड़ेंगे, तब तक बदलाव संभव नहीं है।
बैठक में अंसार अंसारी, जमील अब्बासी, साहिब राई, शहजाद खान, शमशाद सिद्दीकी, सद्दाम अल्वी, मोमिन अली, शुएब सिद्दीकी, खालिद सैफी, मोहम्मद तौफीक, मोहम्मद निजामुद्दीन, नसीम अंसारी सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम के अंत में संगठन को विस्तार देने और आने वाले दिनों में कैराना स्तर पर बड़े आंदोलन की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई। उपस्थित लोगों ने एक स्वर में कहा कि मजदूर और बेरोजगारों की आवाज को अब दबाया नहीं जा सकेगा — “यह कारवां अब रुकने वाला नहीं।” रिपोर्ट - गुलवेज़ आलम कैराना
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