📍स्थान: बरेली / बदायूं / मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश
📅 तिथि: 10 अक्टूबर 2025
✍️ विशेष रिपोर्ट: ज़मीर आलम, “समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
बरेली में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा का मामला अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है।
हिंसा के मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें लगातार बढ़ती दिख रही हैं। अब उनके घर पर सहकारी बैंक द्वारा नोटिस चस्पा की गई है।
यह नोटिस बदायूं सहकारी समिति द्वारा जारी की गई है, जिसमें मौलाना तौकीर रजा से ₹40,555 रुपये ब्याज सहित जमा करने को कहा गया है। यह रकम 1990 में लिए गए कृषि लोन से संबंधित बताई जा रही है।
🏦 35 साल पुरानी फाइल दोबारा खुली
बैंक के रिकॉर्ड के अनुसार, तौकीर रजा ने वर्ष 1990 में कृषि ऋण लिया था, जिसकी अदायगी अब तक नहीं की गई।
हाल ही में बरेली में हुई हिंसा के बाद प्रशासन और बैंकिंग संस्थाएं सक्रिय हो गई हैं, जिसके चलते तौकीर रजा की पुरानी फाइलें दोबारा खोली गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, बैंक की टीम ने उनके आवास पर पहुंचकर नोटिस चस्पा किया और तय समय सीमा में बकाया राशि जमा करने का निर्देश दिया।
यदि निर्धारित समय तक भुगतान नहीं होता है, तो कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है।
“₹40,555 रुपये ब्याज समेत तुरंत जमा किए जाएं, अन्यथा संपत्ति कुर्क की जाएगी।”
— सहकारी समिति, बदायूं (नोटिस अंश)
🔥 हिंसा के बाद प्रशासन हुआ सख्त
बरेली में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के मामले में प्रशासन पहले से ही सख्त रुख अपनाए हुए है।
मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रजा वर्तमान में फतेहगढ़ जेल में बंद हैं।
इस बीच, बैंक की कार्रवाई ने उनके खिलाफ कानूनी और वित्तीय मोर्चे पर भी दबाव बढ़ा दिया है।
स्थानीय सूत्र बताते हैं कि हिंसा के बाद शासन ने तौकीर रजा और उनसे जुड़े संगठनों की आर्थिक गतिविधियों की जांच के आदेश दिए हैं।
अब उनके पुराने बैंक लोन, संपत्ति और वित्तीय रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
📂 राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज
तौकीर रजा की गिरफ्तारी और अब बैंक नोटिस के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है।
समर्थक इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बता रहे हैं, जबकि प्रशासन का कहना है कि “यह बैंक का नियमित रिकवरी प्रोसेस है, जिसका धर्म या राजनीति से कोई संबंध नहीं।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला अब सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि जवाबदेही और पारदर्शिता का प्रतीक बनता जा रहा है।
तीन दशक पुराना यह लोन नोटिस एक बड़ा संदेश भी देता है कि पुरानी गड़बड़ियां अब छिपी नहीं रह सकतीं।
⚖️ फिलहाल जेल में हैं तौकीर रजा
बरेली हिंसा प्रकरण में गिरफ्तार मौलाना तौकीर रजा पर साजिश और भड़काऊ बयानबाजी के आरोप हैं।
वह इस समय फतेहगढ़ जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।
पुलिस और प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, उनके खिलाफ अन्य मामलों की भी जांच जारी है।
🗣️ निष्कर्ष
हिंसा की आग बुझी नहीं थी कि कर्ज की नोटिस ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
35 साल पुरानी फाइल का फिर से खुलना यह साबित करता है कि सिस्टम अब जवाबदेही की ओर बढ़ रहा है।
अब देखना होगा कि मौलाना तौकीर रजा इस वित्तीय नोटिस का क्या जवाब देते हैं —
क्या वे बकाया राशि चुकाते हैं या फिर मामला कुर्की तक पहुंचता है?
🖋 विशेष रिपोर्ट: ज़मीर आलम
📜 “समझो भारत” — राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
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