हरिद्वार, 30 सितम्बर 2025 – पावन नगरी हरिद्वार में माँ गंगा की पवित्र धारा के साथ आज एक और जीवनदायिनी पहल की गूंज सुनाई दी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत आयोजित “स्वच्छता ही सेवा” अभियान के अंतर्गत संपन्न स्वच्छोत्सव 2025 ने इस नगर को न केवल स्वच्छता के प्रति जागरूक किया, बल्कि जनभागीदारी के अद्भुत उदाहरण भी प्रस्तुत किए।
हरिद्वार की गलियों, घाटों और सार्वजनिक स्थलों में आज यह संदेश गूँजा – “स्वच्छता ही संजीवनी है!”। आईटीसी मिशन सुनहरा कल, नगर निगम हरिद्वार, ग्राम पंचायत औरंगाबाद और कई सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर इस आयोजन को जन आंदोलनों का रूप दे दिया।
🚩 नगर निगम से उठी स्वच्छता की गूंज
नगर निगम आयुक्त श्री नंदन कुमार ने हरी झंडी दिखाकर नगर निगम से निकलने वाली जागरूकता रैली को रवाना किया। रैली नारायणशीला से देवपुरा होते हुए वाल्मीकि इंटर कॉलेज तक पहुँची और अपने मार्ग में स्वच्छता के नारों से वातावरण को उत्साहपूर्ण बना दिया।इस रैली में स्वयंसेवकों और विद्यार्थियों ने रास्ते में फैला प्लास्टिक और अन्य कचरा उठाकर 200 किलोग्राम अपशिष्ट को निस्तारण हेतु भेजा।
नगर आयुक्त श्री नंदन कुमार ने कहा:
“स्वच्छता केवल सरकारी योजना नहीं, यह जीवन की अनिवार्यता है। हरिद्वार को पवित्रता और स्वच्छता का आदर्श बनाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। आईटीसी मिशन सुनहरा कल का योगदान सराहनीय और अनुकरणीय है।”
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ने भी कहा:
“ऐसे प्रयास समाज में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की चेतना को गहराते हैं। आईटीसी मिशन सुनहरा कल द्वारा चलाए जा रहे मंदिर स्वच्छता अभियान और दीवार पेंटिंग जनजागरण के सशक्त माध्यम हैं।”
🙌 जनता की विराट सहभागिता
इस रैली में नगर निगम, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सामाजिक संस्थाएँ, व्यापारी वर्ग और आम नागरिकों सहित 300 से अधिक लोगों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।आईटीसी मिशन सुनहरा कल की टीम ने विशेष योगदान दिया, जिसमें प्रमुख सदस्य थे: डॉ. पंत, आदित्य, सौरभ, रंजीत, आशा डोभाल, कुलदीप, गिरीश तिवारी, अमरजीत, अमित, सालू कुमारी, यासीन, दीपक, विमला, बबली, स्नेहा, दीपिका, शिखा और ग्रीन टेंपल सुपरवाइज़र आशू कुमार।
📣 स्वच्छता के गूंजते नारे
- 🚯 “गंगा साफ़, जीवन ख़ास!”
- 🌸 “माँ गंगा का मान बढ़ाओ, घाट को स्वच्छ बनाओ!”
- 💧 “गंगा की पवित्र धारा, स्वच्छ रखना है हमारा काम!”
- ✨ “स्वच्छ गंगा, स्वच्छ भारत!”
- 🌿 “गंगा को मैला मत करो, अपना भविष्य उज्ज्वल करो!”
- 🙌 “गंगा घाट का मान–सम्मान, स्वच्छता से ही पहचान!”
🌺 निष्कर्ष
स्वच्छोत्सव 2025 ने यह स्पष्ट कर दिया कि स्वच्छता केवल एक जिम्मेदारी नहीं बल्कि एक पुण्य कार्य है। जब प्रशासन, सामाजिक संस्थाएँ, नागरिक समाज और आईटीसी मिशन सुनहरा कल जैसी दूरदर्शी पहल एक साथ आती हैं, तो स्वच्छता केवल अभियान नहीं, बल्कि जन आंदोलनों का हिस्सा बन जाती है।
माँ गंगा की गोद से उठी यह स्वच्छता की पुकार अब गाँव–गाँव और घाट–घाट तक फैल रही है और भारत को स्वच्छ, सुंदर और जागरूक बनाने का मार्ग दिखा रही है।
रिपोर्ट: ज़मीर आलम, हरिद्वार, उत्तराखंड
स्रोत: समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
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