थाना या शराबखाना? कांधला पुलिस का घिनौना चेहरा उजागर — वीडियो वायरल, महकमे की साख पर लगा दाग !

शामली। जनपद शामली के कांधला थाना प्रांगण से पुलिस विभाग की साख को झकझोर देने वाली चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कानून-व्यवस्था की रखवाली करने वाली कांधला पुलिस अब खुद विवादों के दलदल में फंस चुकी है। थाना परिसर से वायरल हुए एक वीडियो ने पूरे महकमे को कटघरे में खड़ा कर दिया है। वीडियो में थाने के ही कमरे में हेड कांस्टेबल अरविंद कुमार अपने साथियों के साथ शराब पार्टी करते खुलेआम दिखाई दे रहे हैं। थाने की टेबल पर शराब की बोतलें और गिलास रखे हैं और पुलिसकर्मी बेफिक्र होकर जाम छलका रहे हैं। यह नज़ारा देखकर लोग हैरान हैं कि जिस जगह पर फरियादी इंसाफ की आस लेकर आते हैं, वही जगह शराबखोरी का अड्डा कैसे बन गई।

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब प्रदेशभर में नशाखोरी के खिलाफ सख्ती से “ऑपरेशन सवेरा” अभियान चलाया जा रहा है। सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है कि नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है, लेकिन कांधला थाने की यह हरकत उन दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि अगर थाने की चारदीवारी शराबखाने में बदल जाए तो जनता से कानून पालन की उम्मीद करना सबसे बड़ा मज़ाक है। सोशल मीडिया पर लोग गुस्से में हैं और सवाल पूछ रहे हैं कि जब पुलिस ही नशे में धुत होकर थाने में महफ़िलें सजाएगी तो अपराधियों पर कार्रवाई कौन करेगा।

जब इस मामले में हेड कांस्टेबल अरविंद कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने इसे आपसी रंजिश का नतीजा बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की। उनका कहना था कि वीडियो उनकी छवि बिगाड़ने के लिए वायरल किया गया है और उस समय उनके निजी मेहमान थाने आए हुए थे। सवाल यह उठता है कि आखिर निजी मेहमान थाने में किस अधिकार से पहुंचे और थाने के कमरे को शराब पार्टी के लिए किसने उपलब्ध कराया। जनता अब यह पूछ रही है कि क्या थाने को फरियादियों की जगह शराबियों का ठिकाना बना दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन जनता का कहना है कि यह सिर्फ औपचारिकता होगी। हर बार की तरह कागज़ी कार्रवाई कर मामले को दबा दिया जाएगा और दोषियों को बचा लिया जाएगा। इस मामले ने न केवल कांधला थाना बल्कि पूरे शामली पुलिस महकमे पर दाग लगा दिया है। लोग इसे पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में व्याप्त ढिलाई और भ्रष्टाचार की जड़ मान रहे हैं।

थाना प्रांगण में शराब पार्टी का यह घिनौना कांड पुलिस की छवि पर ऐसा धब्बा है जिसे मिटाना आसान नहीं होगा। यह सिर्फ एक कांस्टेबल की हरकत नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की सच्चाई उजागर करता है। जब वर्दीधारी रक्षक ही कानून तोड़ने लगें और जनता की फरियाद सुनने के बजाय जाम छलकाने में व्यस्त हो जाएं, तो सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर इस प्रदेश में कानून की रक्षा कौन करेगा। कांधला थाना अब जनता की नजरों में एक शराबखाना बन चुका है और यह घटना योगी सरकार के “ऑपरेशन सवेरा” पर सबसे बड़ा सवालिया निशान छोड़ गई है। "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए जिला शामली, उत्तर प्रदेश से पत्रकार गुलवेज आलम की रिपोर्ट 
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