मेरठ। एक श्रद्धा से भरी यात्रा कब खौफनाक हादसे में बदल जाए, इसका अंदाज़ा शायद किसी को नहीं होता — और जब गूगल मैप आपको सीधा तालाब के अंदर ले जाए, तब हालात कैसे पलटते हैं, इसका जीता-जागता उदाहरण बने मेरठ के चार युवा। बुधवार शाम को मेरठ से अंबाला के लिए निकले चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के छात्र नेता सूर्या और उनके तीन दोस्त — आदित्य, अनुज और आशुतोष — बाल-बाल उस वक्त बचे जब उनकी कार गूगल मैप की ग़लत दिशा के चलते सीधे एक गहरे तालाब में जा गिरी।
चारों दोस्त अपनी ब्रेजा कार से अंबाला के कस्बा शाहाबाद स्थित महर्षि मारकंडेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे थे। जैसे ही वे सरसावा पहुंचे, उन्होंने मंदिर की लोकेशन गूगल मैप पर डाल दी और उसी के अनुसार रास्ता पकड़ लिया। लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि यह भरोसा उनकी जान पर भारी पड़ने वाला है। गूगल मैप के निर्देशों पर चलते हुए जैसे ही कार सिरोही पैलेस के पास एक रास्ते से मुड़ी, वह सीधा पानी से भरे एक बड़े तालाब की ओर बढ़ती गई। कार चला रहे आदित्य को जब तक कुछ समझ आता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी — और अगली ही सेकंड में कार तालाब के अंदर समा गई।
कार डूबने लगी, पानी भीतर घुसता गया — लेकिन घबराने की बजाय चारों युवकों ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने तेजी से कार के शीशे नीचे किए और बारी-बारी से बाहर कूदकर किसी तरह तैरते हुए किनारे तक पहुंचे। इस बीच छात्र नेता सूर्या ने तुरंत डायल 112 पर कॉल करके पुलिस को सूचना दी, साथ ही पूर्व सांसद प्रदीप चौधरी को भी सूचित किया। मौके पर पुलिस पहुंची और राहत कार्य शुरू हुआ।
एसडीएम सुबोध कुमार और थाना अध्यक्ष विनोद कुमार ने पुष्टि की कि चारों युवक पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई। अधिकारियों ने कहा कि यह पूरी घटना गूगल मैप की गलती का नतीजा थी, जिसने कार को गलत रास्ते पर मोड़ दिया और वह सीधे तालाब में जा गिरी।
यह हादसा जहां एक ओर युवकों की जान पर बन आया, वहीं यह आज के डिजिटल भरोसे पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। तकनीक भले ही रास्ता दिखाए, लेकिन आंख मूंदकर उस पर चलना जानलेवा भी साबित हो सकता है। समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए गुलवेज़ आलम
की खास रिपोर्ट
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