अधिकारियों के हो गए हैं दिमाग खराब – इकरा हसन प्रकरण पर भड़के राकेश टिकैत

रिपोर्ट – ज़मीर आलम, "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)


सहारनपुर, 18 जुलाई 2025।
कैराना लोकसभा की युवा सांसद इकरा हसन के साथ हुए अभद्र व्यवहार के मामले में अब भारतीय किसान यूनियन (भाकियू टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत भी खुलकर सामने आ गए हैं।
उत्तराखंड के टीकरी गांव मंदिर से पूजा कर लौटते वक़्त मनोहरपुर और छुटमलपुर में अल्पविराम के दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा—

"भाजपा सरकार में जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह का व्यवहार बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। अधिकारियों के दिमाग खराब हो गए हैं।"

सहारनपुर के एडीएम प्रशासन द्वारा सांसद इकरा हसन के साथ की गई बदसलूकी को राकेश टिकैत ने तानाशाही मानसिकता की उपज बताया। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि ऐसे बर्ताव से लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचती है और जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों का अपमान समूचे जनादेश का अपमान होता है।


"युवा नेता देश की धरोहर हैं"

राकेश टिकैत ने सांसद इकरा हसन को "देश की युवा धरोहर" बताते हुए कहा कि

"इस तरह का व्यवहार केवल सत्ता के नशे में चूर अधिकारियों की बेलगाम मानसिकता को दिखाता है। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करे, ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आस्था बनी रहे।"


किसानों के मुद्दों पर भी गरजे टिकैत

सिर्फ सांसद के मुद्दे तक सीमित न रहते हुए राकेश टिकैत ने मौजूदा सरकार पर किसानों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैये को लेकर भी जमकर हमला बोला।

उन्होंने कहा:

"सरकार किसानों को मात्र छह हज़ार रुपये सालाना सम्मान निधि देकर भ्रमित कर रही है। जबकि ज़मीनी स्तर पर कृषि संकट गहराता जा रहा है।"

उन्होंने एक महत्वपूर्ण सुझाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि—

"हमने सरकार को प्रस्ताव दिया था कि किसानों के घरों पर बड़े सोलर प्लांट लगाकर उनकी बिजली पावर ग्रिड को दी जाए और बदले में किसानों को नलकूपों के लिए बिजली उपलब्ध कराई जाए, ताकि दोनों पक्षों को लाभ हो। लेकिन सरकार केवल वोट की राजनीति कर रही है।"


"हिंदू-मुस्लिम की राजनीति छोड़ें, किसानों की चिंता करें"

राकेश टिकैत ने सरकार पर आरोप लगाया कि

"किसानों से जुड़ी योजनाएं केवल फाइलों में दबी पड़ी हैं। असल ज़रूरतों और समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। सरकार केवल हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण कर वोट बटोरने में लगी है।"

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि

"अगर सरकार और प्रशासन इस रवैये से नहीं बदला तो किसान आंदोलन के अगले चरण की रूपरेखा तैयार की जाएगी।"


स्थानीय नेतृत्व भी रहा साथ

इस प्रेस वार्ता के दौरान भाकियू टिकैत के कई पदाधिकारी मौजूद रहे जिनमें जिलाध्यक्ष नरेश स्वामी, वरिष्ठ जिला महासचिव अजय कांबोज, बबली कांबोज, हेमराज सिंह, सतपाल सिंह आदि प्रमुख रहे।


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