विद्युत विभाग की लापरवाही से अब्दाननगर में भैंसे की मौत, बालक बाल-बाल बचा – ग्रामीणों में आक्रोश

✍🏻 रिपोर्ट: शाकिर अली, "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, बिड़ौली/झिंझाना, शामली
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अब्दाननगर (शामली)।
थाना झिंझाना क्षेत्र के ग्राम अब्दाननगर में एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर दिया। बिजली विभाग की घोर लापरवाही के चलते खुले विद्युत पोल की चपेट में आकर एक कीमती भैंसा करंट लगने से मौत का शिकार हो गया। वहीं, भैंसे के पीछे दौड़ रहे एक बालक को भी करंट का झटका लगा, लेकिन सौभाग्यवश उसकी जान बच गई।


⚡ हादसे की पूरी घटना: लापरवाही बनी जानलेवा

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव निवासी वाजिद का भैंसा किसी कारणवश घेर से निकलकर बाहर चला गया। भैंसे को पकड़ने के लिए वाजिद का पुत्र अरशद उसके पीछे दौड़ा। इसी दौरान रास्ते में स्थित खुले ट्रांसफार्मर के पोल से भैंसा टकरा गया और तेज करंट की चपेट में आकर मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

अरशद भी भैंसे के बेहद नज़दीक था, जिससे उसे करंट का जोरदार झटका लगा और वह पीछे की ओर गिर गया। गनीमत रही कि वह पोल को नहीं छू सका, वरना यह हादसा और भी भयावह हो सकता था।


🐃 आर्थिक क्षति और पारिवारिक दुख

भैंसे की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। यह पशु वाजिद परिवार के लिए आमदनी का मुख्य स्रोत था। अब उसकी असामयिक मृत्यु से परिवार पर भारी आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है। परिजनों में गहरा दुख और सदमा है।


📢 जनआक्रोश और विरोध प्रदर्शन

घटना के बाद गांव के लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ जबरदस्त नारेबाज़ी और विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि—

  • खुले ट्रांसफार्मर के चारों ओर कोई सुरक्षा बेरिकेटिंग नहीं थी,
  • विद्युत पोल खुले और असुरक्षित हालात में हैं,
  • बिजली विभाग की लापरवाही के कारण गांव में जान-माल को खतरा बना रहता है।

प्रदर्शन कर मुआवज़े की मांग भी की गई।


✊ प्रदर्शन में शामिल प्रमुख ग्रामीण:

  • साजिद अल्वी
  • रवि प्रजापत
  • रिजवान अल्वी
  • अमित पंवार
  • जुल्फिकार अली
  • इमरान
  • नूरदीन
  • अब्दुल कादिर
  • दिलशाद
  • करमशाह
  • अली मोहम्मद
    आदि ग्रामीणों ने एक सुर में प्रशासन और ऊर्जा विभाग से कार्यवाही की मांग की।

🗣️ विभागीय प्रतिक्रिया – जांच की बात

मामले में पूछे जाने पर अवर अभियंता श्री संजीव सौरव ने स्वीकार किया कि "गांव अब्दाननगर में एक भैंसा मरा है, लेकिन करंट लगने से मरा या किसी और कारण से, यह जांच का विषय है।"
उनका यह बयान लोगों में और आक्रोश का कारण बना, क्योंकि मौके पर स्पष्ट करंट के संकेत मौजूद थे।


❗ सवाल उठाता है यह हादसा:

  • क्या ग्रामीण इलाकों में बिजली विभाग की जवाबदेही नहीं है?
  • ट्रांसफार्मरों के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की जाती?
  • पशुधन की मृत्यु पर प्रशासन कौन-सी जिम्मेदारी लेता है?
  • यदि आज यह भैंसा नहीं, अरशद की जान जाती तो कौन जवाब देता?

✅ निष्कर्ष:

यह घटना सिर्फ एक भैंसे की मौत नहीं, बल्कि एक गंभीर प्रशासनिक चूक और मानवीय खतरे की चेतावनी है। अगर अब भी बिजली विभाग नहीं जागा, तो भविष्य में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं।

"समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका प्रशासन से मांग करती है कि—

  • भैंसे के मालिक को तत्काल उचित मुआवज़ा दिया जाए।
  • पूरे गांव में विद्युत सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
  • जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही हो ताकि भविष्य में कोई जान न जाए।

🖋️ रिपोर्ट: शाकिर अली
📍 बिड़ौली/झिंझाना, जिला शामली
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