मायके गई पत्नी पर पति ने लगाया बच्चों को चोरी से ले जाने का आरोप, पुलिस जांच में जुटी

✍️ रिपोर्ट: पंकज उपाध्याय, पत्रकार – "समझो भारत" राष्ट्रीय मासिक समाचार पत्रिका, थाना भवन, शामली (उत्तर प्रदेश)


थानाभवन, शामली —
पति-पत्नी के आपसी विवाद अब पुलिस थाने तक पहुँच गए हैं। थाना भवन क्षेत्र के गांव ठिरवा में रहने वाले मनोज पुत्र ईश्वर ने अपनी पत्नी पूजा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह बिना जानकारी दिए उनके बच्चों को चोरी-छिपे मायके ले जाने की कोशिश कर रही थी। पति ने इस घटना को लेकर थाना भवन पुलिस को तहरीर दी है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।


⚖️ क्या है पूरा मामला?

मनोज ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि दो महीने पहले किसी बात को लेकर पति-पत्नी में कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद पत्नी पूजा दोनों बच्चों को छोड़कर अपने मायके चली गई थी। इस बीच बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी मनोज के ऊपर ही थी।

लेकिन 30 जून की शाम, मनोज के अनुसार, पूजा बिना पूर्व सूचना दिए गांव में आई और दोनों बच्चों को अपने साथ ले जाने लगी। जब मनोज को घर में बच्चे नहीं मिले तो वह घबरा गया। पड़ोसियों से पूछताछ करने पर पता चला कि उसकी पत्नी ही बच्चों को लेकर जा रही थी। इसके बाद मनोज ने पीछा करके बच्चों को वापस लाया।


🚔 पुलिस ने शुरू की जांच

मनोज की तहरीर मिलने के बाद थाना भवन पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि

“दोनों पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं। बच्चों की भलाई और पारिवारिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।”


👨‍👩‍👧‍👦 पारिवारिक विवाद की संवेदनशीलता

यह घटना पारिवारिक विवादों की जटिलता को उजागर करती है, जहाँ माता-पिता के बीच अनबन का सबसे बड़ा असर बच्चों पर पड़ता है। ऐसे मामलों में कानूनी समाधान तो जरूरी होता है, लेकिन सामाजिक और पारिवारिक प्रयासों से सुलह भी एक अहम विकल्प बन सकता है।


🔍 क्या हो अगला कदम?

  • 🔸 पुलिस दोनों पक्षों से विस्तृत बयान ले रही है
  • 🔸 बच्चों की देखभाल और संरक्षकता को लेकर विचार
  • 🔸 यदि मामला आगे बढ़ा तो कोर्ट के माध्यम से निर्णय संभव
  • 🔸 पारिवारिक काउंसलिंग का विकल्प भी खुला

📣 समापन टिप्पणी:

बच्चे किसी भी दांपत्य जीवन के सबसे मासूम और संवेदनशील हिस्से होते हैं। ऐसे में जब रिश्तों में दरार आती है, तो सबसे ज्यादा प्रभावित वही होते हैं। कानूनी प्रक्रिया के साथ-साथ सामाजिक संवाद और समझौता भी जरूरी है, ताकि किसी मासूम का बचपन किसी विवाद की भेंट न चढ़ जाए।


📍 स्थान: थाना भवन, जिला शामली, उत्तर प्रदेश
📞 संपर्क: 8010884848
📰 "समझो भारत" राष्ट्रीय मासिक समाचार पत्रिका
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