हरियाणा व उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों का सीमा निर्धारण करती यमुना नदी वैसे तो भौगोलिक और सामरिक स्थिति से अपनी खास अहमियत रखती है लेकिन वर्ष भर में पढ़ने वाली कई पवित्र तिथियां पर यहां बड़े-बड़े स्नान और मेलों का आयोजन भी होता है जिस कारण से श्रद्धालु इन पवित्र तिथियां में यमुना नदी में स्नान कर जहां अपने पुण्य कर्मों में इजाफा करते हैं वहीं यहां लगने वाले मेलों का भी आनंद उठाते हैं हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 5 जून को यमुना नदी पर दशहरे के मेले का आयोजन हो रहा है एक बहुत लंबे भू भाग तक हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं का निर्धारण करने वाली यमुना नदी पर कई जगह बड़े-बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है जिसमें हरियाणा और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर पड़ने वाले बिडोली यमुना पुल पर भी सैकड़ो वर्षों से मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरियाणा उत्तर प्रदेश के अलावा काफी दूरदराज से यहां आकर पुण्य लाभ कमाते हैं और यहां लगने वाले मेलों का भरपूर आनंद उठाते हैं जिसके लिए बुधवार को ही दूर-दूर से आए दुकानदारों ने अपने-अपने दुकान लगाने शुरू कर दी है क्योंकि सुबह तीन-चार बजे से ही श्रद्धालु यहां स्नान करने के लिए आने लगते हैं और यह संख्या कई लाख तक पहुंच जाती है शासन प्रशासन ने भी अपनी तैयारी पूरी तरह कर ली है जैसे गहरे पानी की तरफ बेरी गेटिंग की गई है चेंजिंग रूम लगा दिए गए हैं तथा एक साइड से ही स्नान करने के लिए रास्ता खोला गया है बाकी जो डेंजर जोन है उस तरफ रास्ते को ब्लॉक कर दिया गया है ताकि कोई भी श्रद्धालु उधर स्नान करने के लिए ना जाए और किसी के साथ कोई हादसा ना होना पाए
ग्राम सचिव अनुज चौधरी ने बताया कि हमने अपने स्तर से सारी तैयारी पूरी कर ली है जैसे गहरे पानी की तरफ बैरिकेडिंग और डेंजर जोन की तरफ रास्ते को बिल्कुल ब्लॉक किया गया है चेंजिंग रूम तथा अन्य सुविधाएं भी पुरी की जा चुकी है किसी भी स्तर पर किसी अप्रिय घटना को घटित नहीं होने दिया जाएगा तथा श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार आने में जाने के लिए अलग-अलग रास्ते का इंतजाम किया गया है
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