मुज़फ़्फ़रनगर में चौकी प्रभारी की बदजुबानी से भड़का शिया समुदाय, एआईएमआईएम ने किया जोरदार विरोध-किदवई नगर चौकी पर अभद्रता के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग, एआईएमआईएम ने दिखाया मजबूत समर्थन

मुज़फ़्फ़रनगर । शहर के संवेदनशील क्षेत्र खालापार स्थित किदवई नगर चौकी पर उस समय बवाल मच गया जब वहां तैनात चौकी प्रभारी पर शिया समुदाय के लोगों के साथ अभद्र भाषा और गाली-गलौच करने के गंभीर आरोप लगे। चौकी प्रभारी की इस शर्मनाक और भड़काऊ हरकत ने पूरे समुदाय की भावनाओं को गहरा आहत किया है।

आरोप है कि चौकी प्रभारी ने न सिर्फ धार्मिक भावनाओं का अपमान किया, बल्कि समुदाय के सम्मान को खुलेआम ठेस पहुंचाई। इससे गुस्साए शिया समुदाय के लोगों ने भारी संख्या में एकत्र होकर चौकी पर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए कार्यवाही की मांग की।

इस पूरे विवाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने शिया समुदाय के साथ खुलकर खड़ा होकर एक बड़ी मिसाल पेश की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हाजी शौकत अली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष महताब चौहान के निर्देश पर मुज़फ़्फ़रनगर जिला इकाई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए समुदाय को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया।

पार्टी के ज़िला अध्यक्ष मौलाना इमरान कासमी के नेतृत्व में एआईएमआईएम का प्रतिनिधिमंडल शिया समुदाय के प्रमुख धर्मगुरु मौलाना असद रज़ा से मिला और उन्हें भरोसा दिलाया कि इस लड़ाई में एआईएमआईएम की पूरी टीम मजलूमों के साथ है। मौलाना असद रज़ा ने एआईएमआईएम के सहयोग और समर्थन की सराहना करते हुए मौलाना इमरान कासमी को क़ुरआन-ए-शरीफ़ भेंट कर उनका स्वागत किया।

एआईएमआईएम के प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ नेता इंतज़ार अंसारी, ख़ालिद मलिक, शाहरूल त्यागी, एडवोकेट उस्मान, हाजी दीन मोहम्मद, गुलज़ार अब्बासी, क़ुर्बान राव समेत तमाम जुझारू कार्यकर्ता मौजूद रहे।

पार्टी के ज़िला सोशल मीडिया प्रभारी एडवोकेट शाकिर ज़हीर ने कहा कि,
"यह सिर्फ एक समुदाय नहीं, पूरे समाज के सम्मान का सवाल है। एआईएमआईएम हर उस व्यक्ति के साथ खड़ी है जो अन्याय और प्रशासनिक अत्याचार का शिकार हो। हम इस मामले को लेकर जिला प्रशासन से भी मिलेंगे और मांग करेंगे कि चौकी प्रभारी को तत्काल बर्खास्त कर उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।"

इस घटनाक्रम ने जनपद में प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चौकी प्रभारी की भाषा और व्यवहार से उठे विवाद को अब राजनीतिक और सामाजिक समर्थन मिलने से मामला और अधिक गंभीर होता जा रहा है। अब निगाहें प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं। "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका से गुलवेज आलम की रिपोर्ट 
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