"रात 2 बजे खतौली की गंगनहर पटरी पर क्या हुआ? ट्रक रोकते ही गोलियां चलने लगीं... पुलिस ने जो किया वो चौंका देगा"

मुजफ्फरनगर। खतौली की गंगनहर पटरी पर बीती रात उस समय अचानक सनसनी फैल गई जब एक चोरी हुआ ट्रक चेकिंग के दौरान पुलिस को दिखाई दिया और रुकने की बजाय भागने लगा। कुछ ही पलों में यह मामूली लगने वाला मामला उस मोड़ पर पहुंचा जहां गोलियां चलीं, एक बदमाश गोली लगने से घायल होकर गिरा, दूसरा मौके से पकड़ लिया गया और दो खेतों में भाग गए। पर कहानी यहीं खत्म नहीं होती, असली कहानी शुरू होती है ऑपरेशन की रणनीति और उसके पीछे खड़े उन अफसरों से जिनकी सख्ती और मैदान पर डटी टीम की बहादुरी से यह पूरी साजिश नाकाम हुई।

मामला 23 जून को शुरू हुआ जब खतौली निवासी एक व्यक्ति शकील ने थाना में तहरीर दी कि उसका ट्रक रहस्यमयी तरीके से चोरी हो गया है। थाना खतौली पर एफआईआर नंबर 246/25 दर्ज की गई और वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे हल्के में नहीं लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने साफ निर्देश दिए कि यह ट्रक नहीं, जनपद की पुलिस की प्रतिष्ठा का सवाल है। पुलिस अधीक्षक नगर  सत्यनारायण प्रजापत, जो जिले में अपनी आक्रामक कार्यशैली और मैदानी पकड़ के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने खुद इस केस को मॉनिटर करना शुरू किया। थानाध्यक्ष बृजेश कुमार सिंह को निर्देश दिए गए कि केवल ट्रक नहीं, पूरा गिरोह चाहिए।

इसके बाद खतौली पुलिस ने चुपचाप इलाके में सघन निगरानी शुरू कर दी। कई दिन तक इलाके के संभावित रूट, गैंग की गतिविधियां, मोबाइल लोकेशन और मुखबिर नेटवर्क को एक्टिव किया गया। फिर आई वो सूचना जिसने पूरी टीम को अलर्ट कर दिया। 28 जून की रात लगभग 2 बजे सूचना मिली कि हरिद्वार की ओर से चोरी गया ट्रक आ रहा है।

पुलिस ने बिना देरी किए गंगनहर पटरी पर नाकाबंदी कर दी। ट्रक दिखाई दिया, रुकने का इशारा किया गया लेकिन ट्रक तेज रफ्तार में भागने लगा। पीछा हुआ। मुसद्दी की बगिया के पास ट्रक रोका गया, लेकिन ट्रक से उतरते ही चार लोगों ने पुलिस टीम पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में एक बदमाश परवेज उर्फ मोनी के पैर में गोली लगी और वह गिर पड़ा। उसका साथी आजम उर्फ आलम को पुलिस ने घेर कर दबोच लिया। जबकि दो अन्य बदमाश अंधेरे और खेतों का लाभ उठाकर भाग निकले।

मौके से पुलिस ने चोरी गया ट्रक (UP20AT6934) और एक देसी तमंचा बरामद किया, जिसमें एक जिंदा और एक खोखा कारतूस मिला। घायल बदमाश को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बाद की जांच में पता चला कि परवेज उर्फ मोनी के खिलाफ पहले से हरिद्वार में चोरी और अवैध हथियारों के कई मामले दर्ज हैं। वहीं आजम उर्फ आलम ट्रक चोरी के इस केस में पहले से वांछित था।

इस पूरी कार्रवाई की असली ताकत थी वो पुलिस टीम जिसने मौके पर जान हथेली पर रखकर न केवल जवाबी फायरिंग की बल्कि दोनों अपराधियों को धरदबोचा। टीम का नेतृत्व कर रहे थे प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार सिंह, जिनके साथ उपनिरीक्षक विक्रांत कुमार, अनुपम सारस्वत, लोमेश कुमार, और पुलिसकर्मी मुनीश शर्मा, विनीत कुमार, शीतल देव, विवेक, संदीप नागर, शौबीर, प्रवीण कुमार और प्रदीप कुमार मौके पर पूरी मजबूती से डटे रहे।

वरिष्ठ अधिकारियों ने इस ऑपरेशन को लेकर टीम की जमकर सराहना की है। पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत ने टीम के साहस को सराहते हुए इसे "क्लासिक एक्शन" करार दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  संजय कुमार ने भी पूरी टीम को शाबाशी दी और स्पष्ट किया कि "अपराध चाहे जो हो, कार्रवाई हर हाल में होगी"।

यह केवल ट्रक चोरी का मामला नहीं था, बल्कि यह दिखाने का मौका था कि मुजफ्फरनगर पुलिस अब हर फायरिंग का जवाब देती है और हर साजिश को बीच रास्ते रोकने में सक्षम है। खतौली पुलिस की यह कार्रवाई यह साबित करती है कि अब अपराधियों को कोई जगह नहीं मिलने वाली – न कानून से, न कानून के सिपाहियों से। सलाम खाकी से गुलवेज़ आलम 
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