सबसे क्रूर सजा दिए जाने का जो मामला दुनियां के सामने आया था ,वो ईरान की 16 वर्षीय मासूम लड़की अतीफेह रजबी सहलीह का मामला है

अतीफेह रजबी सहलीह: एक मासूम लड़की की दर्दनाक कहानी*

अतीफेह रजबी सहलीह एक 16 वर्षीय मासूम लड़की थी, जिसने ईरान में एक दर्दनाक और अन्यायपूर्ण सजा का सामना किया। उसकी कहानी दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई और लोगों ने ईरान की न्याय प्रणाली पर सवाल उठाए।

*एक दर्दनाक जीवन*

अतीफेह की जिंदगी बहुत दर्दनाक थी। उसके पिता मजदूरी करते थे और उसकी मां की मृत्यु एक कार दुर्घटना में हो गई थी। उसके छोटे भाई की भी एक नदी में डूबने से मृत्यु हो गई थी। वह अपने वृद्ध दादा-दादी के साथ रहती थी। लेकिन उसकी जिंदगी का सबसे बुरा दौर तब शुरू हुआ जब एक 51 वर्षीय रिटायर्ड गार्ड अली दराबी ने उसके साथ बलात्कार किया। यह सिलसिला तीन साल तक चलता रहा और अतीफेह को धमकी दी गई कि अगर उसने किसी को बताया तो उसे और उसके परिवार को मार दिया जाएगा।

*न्याय प्रणाली की विफलता*

जब अतीफेह के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने अतीफेह को ही गिरफ्तार कर लिया और उस पर "क्राइम्स अगेंस्ट चेस्टिटी" का आरोप लगाया। इस्लामिक शरिया कानून के अनुसार, यह आरोप महिला को ही सजा दिलाता है, जब तक वह यह साबित न कर सके कि उसने आरोपी को संबंध बनाने के लिए ललचाया नहीं था। अतीफेह को थाने में भी प्रताड़ित किया गया और कई पुलिस वाले उसका दुष्कर्म भी करते थे।

*फांसी की सजा*

कोर्ट में आरोपी और पुलिस ने मिलकर ऐसी दलीलें दीं कि मामला अतीफेह के ही खिलाफ जाने लगा। जज हाजी रेजाई ने अतीफेह को उम्र कैद की सजा सुनाई, लेकिन जब अतीफेह ने अपनी सफाई देने के लिए अपने चेहरे से हिजाब उठा लिया, तो जज ने उसे अदालत का अपमान बताया और फांसी की सजा सुना दी। 15 अगस्त 2004 को अतीफेह को एक क्रेन से लटका कर सरेआम फांसी दी गई।

*न्याय और मानवता का सवाल*

अतीफेह की कहानी ने दुनिया भर में आक्रोश फैला दिया और लोगों ने ईरान की न्याय प्रणाली पर सवाल उठाए। यह एक ऐसा मामला है जो ईरान से बाहर की दुनिया तक पहुंच पाया, लेकिन ऐसे कितने मामले होंगे जो दुनिया की नजरों से ओझल हैं? यह एक ऐसा सवाल है जो हमें सोचने पर मजबूर करता है कि न्याय और मानवता का क्या अर्थ है ?.. समझो भारत 

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