पत्रकारिता दिवस पर दो मजबूत कलमों की एक यादगार तस्वीर

कैराना। हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर मुज़फ्फरनगर जनपद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारिता जगत की दो सशक्त आवाज़ें एक ही फ्रेम में नज़र आईं। यह ऐतिहासिक पल तब सामने आया जब बुढ़ाना के वरिष्ठ पत्रकार नसीम कुरैशी और कैराना के स्वतंत्र पत्रकार गुलवेज आलम ने एक साथ एक यादगार तस्वीर ली।

नसीम कुरैशी, जिनका नाम पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता में सम्मान और ईमानदारी का प्रतीक माना जाता है, वर्षों से बेबाक, निष्पक्ष और जनहित की पत्रकारिता कर रहे हैं। उनकी गहरी दृष्टि, शांत स्वभाव और तथ्यपरक लेखन ने उन्हें एक आदर्श और मार्गदर्शक के रूप में स्थापित किया है।

वहीं दूसरी ओर गुलवेज आलम, एक युवा, ऊर्जावान और निर्भीक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में उभरे हैं, जो निरंतर जमीनी मुद्दों को उठाने और समाज की सच्चाई सामने लाने का कार्य कर रहे हैं। उनके सवाल, उनका विश्लेषण और खबरों को पेश करने का तरीका यह बताता है कि वह पत्रकारिता को केवल पेशा नहीं, बल्कि एक मिशन मानते हैं।

इस विशेष अवसर पर दोनों पत्रकारों की यह तस्वीर न केवल दो पीढ़ियों के संवाद की प्रतीक बनी, बल्कि यह भी दिखा गई कि पत्रकारिता तब और भी ताक़तवर होती है जब अनुभव और ऊर्जा एक साथ खड़े होते हैं।

हिंदी पत्रकारिता दिवस जैसे गौरवशाली दिन पर इन दोनों पत्रकारों की मौजूदगी और उनका योगदान हम सभी को यह विश्वास दिलाता है कि पत्रकारिता आज भी सच्चाई की राह पर है — और ऐसे ही लोगों के हाथों में सुरक्षित भी। इमरान अब्बास प्रधान
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