मंगलवार को कथा शुरू करने से पूर्व को मुख्य यजमान पंडित अमित शर्मा एवं उनकी धर्मपत्नी अनुराधा शर्मा ने कथा वाचक गुरुदेव जी को तिलक करके पुष्पमाला अर्पण करके गुरुजी का पूजन किया। पंडित अमित शर्मा ने गुरु जी को पगड़ी पहना कर और शोल ओढाकर कथावाचक पूज्य श्री भक्ति प्रसाद विष्णु गोस्वामी जी महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।
कथा वाचक भक्ति प्रसाद विष्णु ने श्रीमद् भागवत और भगवान की कथा का रसपान सर्वप्रथम ब्रह्मा जी ने नारद जी मुनि को और नारद जी ने व्यास मुनि को और व्यास मुनि ने अपने पुत्र शुकदेव मुनि को कराया था। कथा में महाराजा परीक्षित को सात दिन में मृत्यु का श्राप की कथा का वर्णन किया। सुखदेव मुनि ने महाराजा परिक्षित को भागवत कथा का अमृत पान कराकर बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त कराया था। कथा का अमृत रसपान करने के दौरान खानपुर कला व आसपास के दूसरे गांव से ठाठ सिंह, जगतार, कमला देवी, राजा राम, दासी राम, सरस्वती, बबली देवी, शीला माता, पूनमदेवी, पूजा देवी, ममतादेवी आदि श्रोताजन उपस्थित रहे।
समझो भारत, शाक़िर अली
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