शामली थानाभवन। थाना भवन के अंबाला हाईवे साईट पर किसान पिछले पांच दिन से दिन - रात ठंड में धरने पर बैठकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं हाईवे अथॉरिटी उनकी ओर ध्यान नहीं दे रही है। पांचवे दिन बाद जब परियोजना अधिकारी अंबाला हाईवे पर पहुंचे तो किसानों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया। इसके बाद परियोजना अधिकारी के समाधान के आश्वासन के बाद धरना 21 दिसम्बर तक स्थगित किया गया। थानाभवन क्षेत्र से गुजर रहे अंबाला हाईवे में जाने वाली खेती की भूमि में सिंचाई के लिए परेशान किस पांच दिन से धरने पर डटे थे। दो बार किसानो को हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों ने मिलने का वादा किया था परंतु कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। किसानों ने मौके पर ही तंबू लगाकर धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया हुआ था। हालांकि हाईवे पर काम को किसानों द्वारा बाधित नहीं किया गया था किसान अपने ही खेत में तंबू लगाकर बैठे हुए थे। इस बीच सोमवार को हाईवे अथॉरिटी के कुछ अधिकारी साइट पर पहुंचे थे। हाईवे पर परियोजना डायरेक्टर की गाड़ी देखी तो किसानों ने परियोजना डायरेक्टर की गाड़ी को रुकवा लिया तथा अधिकारी से समस्या के समाधान की मांग की। जिस पर परियोजना डायरेक्टर आशीम बंसल ने किसने की समस्याओं को सुनते हुए कहा कि किसान अपनी समस्याओं को लिखकर उन्हें दिन जिस पर में उच्च अधिकारियों से संपर्क कर मामले का जल्द समाधान करेंगे। अधिकारी के आश्वासन पर किसानों ने 21 दिसंबर तक डरने को स्थगित कर दिया। विदित रहे गांव लतीफगढ़ में रहने वाले बहुत से किसानों की भूमि अंबाला हाईवे की जद में आ गई है। अंबाला हाईवे में जाने वाली भूमि का मुआवजा तो किसानों को मिल गया है परंतु कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनकी भूमि का बीच का हिस्सा अंबाला हाईवे में आया है। जिसके चलते किसानो की भूमि दो हिस्सों में बट गई है जिसका खेतों में जाने के लिए रास्ता भी अब किसानों पर नहीं है। हाईवे के एक छोर पर ट्यूबवेल लगी है तो दूसरे छोर पर उसका खेत है आखिर हाईवे के दूसरे और पानी ट्यूब वैल से कैसे पहुंचाया जाए या किसान एक साइड से दूसरी साइड में कैसे जाएं। समस्या का समाधान निकालने के लिए किसानों ने पिछले कई दिनों से हाईवे कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया हुआ है परंतु अधिकारी इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं मामले को लेकर परेशान किसानों ने कुछ दिन पूर्व धरना प्रदर्शन की भी चेतावनी दी थी परंतु उसके बावजूद किसानों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जबकि सीमेंट का पाइप डालकर अथवा पुल बनाकर समस्या का सामान्य रूप से समाधान किया जा सकता था परंतु हाईवे अधिकारियों ने इसके विषय में कोई विचार नहीं किया। परेशान किसान महेंद्र, बाबूराम, सलेकचंद, सुमित उर्फ सोनू, मांगेराम, नीरज, प्रवीण, विजयपाल, मूर्ति देवी, सुमन, निशा, सीमा, जसबीर, जगदीश आदि किसान गुरुवार को हाईवे की जद में आए अपने खेतों पर पहुंचे तथा धरना प्रदर्शन पर बैठ गए थे । इस दौरान जिला पंचायत सदस्य पति मेनपाल सैनी, किसान सांगठन के नरेश तोमर, सभासाद अनिल कुमार, सभासद विनोद सैनी आदि मौजूद रहे। रिपोर्ट-पंकज उपाध्याय थानाभवन शामली
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