मोटी रकम लेकर महिंद्रा एंड महिंद्रा को ग्राम पंचायत चरागाह / बंजर भूमि पर कब्जा कराने का ग्राम प्रधान का प्रयास नाकाम

इससे पहले भी 5 बीघा चारागाह/ बंजर भूमि पर  करा चुके हैं ग्राम प्रधान टपराना के द्वारा अवैध कब्जा 

अब महिंद्रा एंड महिंद्रा को रुपयों के लिए कब्जा करने का किया जा रहा था प्रयास वही टपराना के प्रधान द्वारा जो कर गया अवैध कब्जा वो अपने पिछले फर्जी  बैनामा को छुपाने का था प्रयास

ग्राम प्रधान टपराना द्वारा उक्त पांच बीघा भूमि का तालाब के रूप में किया जा रहा है इस्तेमाल


महिंद्रा एंड महिंद्रा को 500 मीटर भूमि ही नहीं शमशानों को जाने वाला पक्का रास्ता एवं हरिजनो के धार्मिक स्थल भी घिरवाने का था प्रयास 
यहां तक की शमशान को जाने वाले सरकारी रास्ते पर जो खड़ंजा लगा था उसको भी उखाड़ना शुरू कर दिया गया था 

अगर हाल फिलहाल उक्त जमीन के रेट 22 से ₹25000 गज तक के हैं वही कूड़ियों के भाव जानकार सूत्रों की माने तो मात्र ₹5000 गज में बेंच दी गई थी महिंद्रा एंड महिंद्रा को उक्त जमीन जिसके लिए एडवांस भी ले चुके हैं ग्राम प्रधान
फर्जी बनाने को छुपाने का प्रयास किया गया है यदि उसके विषय में आपको बताएं तो आपके यह जानकर होश उड़ जाएंगे  उक्त कृषि भूमि सोमपाल पुत्र फल्ली की थी जो उस समय कानपुर में सीएमओ के पद पर तैनात थे जिस दिन बैनामा हुआ

उस दिन भी ड्यूटी पर थे लेकिन उनके भतीजे सुभाष पुत्र महेंद्र को फर्जी सोमपाल सीएमओ बनाकर उक्त जमीन का बना हुआ अपने परिचित हरिजन के कराया और खुद गुवाह बने इतना ही नहीं उक्त सुभाष से पहले जो भूमि ली गई है वह सुभाष के नाम से ही ली गई है
और उसमें भी स्वयं प्रधान ही गवाह है इससे साफ प्रतीत होता है कि एक सारा षड्यंत्र ग्राम प्रधान द्वारा रचा गया है साक्ष्य के तौर पर सोमपाल सीएमओ द्वारा अपने गांव का मकान एक अन्य के बैनामा हुआ किया गया है उक्त दोनों बैनामो में नाम एक है फोटो अलग-अलग हैं जिससे साफ प्रतीत होता है कि उक्त षड्यंत्र कूट रचित दस्तावेज़ तैयार करके घोटाला वर्तमान  प्रधान ग्राम टिटौली द्वारा किया गया
इस फर्जी बैनामें की जानकारी जब ग्राम प्रधान टपराना को हुई तो उसने प्रधान पर दबाव बनाते हुए अपने माजरा सेवापुर की पानी निकासी की समस्या से निजात पानी के लिए ग्राम टिटौली की पांच बीघा भूमि पर कब्जा कर लिया और कब्ज़ा दिलाने के वक्त भी प्रधान मौके पर मौजूद रहा लेकिन बोलता तो फर्जी बनाने में कारवाई होने का डर था क्योंकि खरीदी गई जमीन टपराना के अंतर्गत ही आती है
और इस तरीके से जो की आबादी से सटी हुई चारागाह / बंजर की भूमि थी उस पर अवैध कब्जा दूसरे ग्राम पंचायत द्वारा कर लिया गया जबकि ग्राम टिटौली में अनेको ग्रामवासी ऐसे हैं जिनके पास सर छुपाने के लिए छत तक नहीं है जिनको आज आवासीय प्लाट की आवश्यकता हैउक्त प्रकरण को अभी ग्रामवासी भूलें भी नहीं थे कि इसी रोड पर महिंद्रा एंड महिंद्रा द्वारा अपनी वर्कशॉप हेतु लगभग 9.5 बीघा जमीन खरीदी गई जिसका फ्रंट 132 फीट तथा बराबर में शमशान को जाने वाला रास्ता तथा रास्ते से सटा हुआ उक्त चारागाह की भूमि में हरिजन समाज के धार्मिक स्थल थे महिंद्रा एंड महिंद्रा के

शोरूम का फ्रंट बड़ा करने के लिए एक बार फिर षड्यंत्र रचा गया जहां  उनकी चौड़ाई 132 फुट थी उसको बढ़कर 200 फीट से भी ज्यादा करने का प्रयास किया गया बुनियाद खुदाई तथा चारागाह से रास्ता भी लगभग बना ही लिया गया लेकिन समय रहते ग्रामीणों को उसका पता लगा ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध करते हुए पुलिस को बुला लिया गया पुलिस को संबंधित अवैध कब्जाधारियों  के विरुद्ध ग्रामवासियों द्वारा तहरीर दे दी गई हैअब देखना यह होगा कि क्या महेंद्र एंड महिंद्रा अपना फ्रंट चौड़ा करने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं 

ग्राम प्रधान  एक बार फिर अपने षड्यंत्र में कामयाब हो पाते हैं या नहीं मनचाही वसूली महेंद्रा एंड महिंद्रा से कर पाते हैं या नहीं 


क्या इतने धनवान लोगों के विरुद्ध पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई कर पाएगा आज के समय में ग्रामवासियों की जुबान पर बस यही एक सवाल है क्या गांव की जमीन इसी तरह से लुटती रहेगी होते रहेंगे अभी भी कब्जे आखिर कब तक,  इन सभी सवालों के जवाब अब केवल पुलिस प्रशासन के पास है देखना यह होगा कि क्या अवैध कब्जा धारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई होती है या फिर वही नतीजा ढाक के तीन पात होता है या चलता है गांधी जी,  का जलवा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतना तो है कि फर्जी बैनामे की जमीन पर कोई भी कार्रवाई होने से बच गए ग्राम पंचायत की पांच बीघा जमीन की बलि देकर 
अब एक उक्त प्रकरण से ग्राम प्रधान सांठगांठ करने वाले अधिकारी कैसे निकाल पाते हैं तो आने वाला वक्त बताएगा

साक्ष्यों सहित समझें ----- 
नंबर एक पर  खड़ंजा की न्यूज़ जिसको पढ़ कर फ्रंट चौड़ा करने का प्रयास किया गया है उसका फोटो

नंबर दो पर हरे-भरे जामुन के पेड़ को सरिया ठोकर सुखाने का प्रयास 

नंबर तीन पर वह सरकारी सिजरा नक्शा जो उक्त भूमि का है लाल लाइन से दर्शाया गया है और नीली लाइन से वह भूमि आदर्श गई है जिस पर अवैध कब्जा किया गया है 


नंबर चार पर महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी से पहले जिस डीलर द्वारा उक्त जमीन को खरीदा गया था आवश्यक कॉलोनी काटने हेतु उसके द्वारा बनाया गया अपने कॉलोनी का नक्शा जिसमें 132 फुट का फ्रंट दिखाया गया है जो इस बात का साक्ष्य है कि उक्त जमीन का फ्रंट मात्र 132 फिट है ।
नंबर पांच पर गोल घेरे में जो फोटो है वह ओरिजिनल सीएमओ जो कि जब बना हुआ उस वक्त ड्यूटी पर तैनात थे सोमपाल का जिन्होंने अपने घर बेचते वक्त अपना बैनामा किया था उक्त बैनामे में फोटो इस उद्देश्य से गोल किया गया कि दोनों बैनामो में आप फोटो का मिलान कर सके कि दोनों एक ही व्यक्ति है या अलग-अलगनंबर 6 गोल घेरे में हरजीत सीएमओ का फोटो सुभाष पुत्र महेंद्र द्वारा सोमपाल पुत्र फल्ली बनकर बैनमा किया गया है का है जो किया दर्शाने के लिए काफी है कि कितना बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है लेकिन फिर भी अधिकारियों को चकमा देकर फर्जीवाडे के दबाव में गांव की पांच बीघा चारगाह / बंजर जमीन पर ग्राम पंचायत टपराना के प्रधान कब्जा करने में कामयाब हुए हैं।

#समझोभारत 


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