कार्यक्रम का शुभारंभ निर्वतमान विधायक तेजेंद्र निर्वाल एवम् जिलाधिकारी महोदय रविंद्र सिंह जी के द्वारा मां शारदे के सम्मुख दीप प्रज्वलन से हुआ।
कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार, नगर पालिका परिषद शामली अध्यक्ष अरविंद संगल ने सभी कवि व शायरों को पटका व फूल मालाओं से स्वागत किया
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध कवियत्री डॉ शुभम त्यागी की मधुर सरस्वती वंदना से हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य कवि के रूप में विश्वविख्यात शायर डॉ नवाज देवबंदी ने अपने उत्कृष्ट कायपाठ में देश के प्रति अपना प्रेम छलकाते हुए पढ़ा
हिंदू मुस्लिम चाहे जो लिखा हो माथे पर मगर।
अपने सीने पर तो हिंदुस्तान होना चाहिए।।
प्रदीप मायूस ने अपनी रचना पढ़ते हुए कहा
बस एक यही बात है सबकी जुबान पर।
भारत का नाम लिख देंगे,हम आसमान पर।
आंखें निकाल लेंगे,ओर खेलेंगे गोटियां,
कोई नजर उठाए तो हिंदोस्तान पर ।।
संभल से पधारे डॉ सौरभकांत शर्मा ने अपने कायपथ में कहा
है राष्ट्र बढ़ा सारे ही धर्मों को छोड़कर।
आओ करें प्रणाम सभी हाथ जोड़ कर।
इतना तो मान रखना मेरे प्रभु मेरा,
अंतिम सफर पे निकलूं तिरंगे को ओढ़कर।।
प्रसिद्ध कवियत्री डॉ शुभम त्यागी के खूबसूरत गीत को लोगों ने खूब सराहा
स्पर्श हुआ जब से तेरा ने चहकी चहकी हूं,
सजनवा बहकी बहकी हूं ,बलमवा महकी महकी हूं ।।
देहरादून से पधारी कवियत्री पूनम बडोला ने सुनाया
जो मैं हो जाऊं ओझल तो रस्ता नापा करती हैं,
भीड़ में एक जोड़ी आँखें मुझको ताका करती हैं।।
दिल्ली से पधारे योगेंद्र सुंदरियाल ने अपनी हास्य से ओतप्रोत रचना से सभी श्रोताओं को देर तक गुदगुदाया।
हापुड़ से पधारे वीर रस के सशक्त हस्ताक्षर अनिल बाजपेई ने देश भक्ति की गंगा बहाई ।
अंसार सिद्दीकी ने सुनाया
पाजेब की वो नुगराई झंकार छोड़ कर
ये तुझ को किस ने कह दिया घुंघरू तलाश कर।।
@Samjho Bharat
8010884848
अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार ने भी उत्कृष्ट काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर कौसर जेदी ने की
राधाकांत पांडेय, तनवीर जलालपुरी, के मधुकर ,बलराज मालिक प्रीतम सिंह प्रीतम,अनिल पोपट, ने भी शानदार काव्यपाठ से देर रात तक श्रोताओं को बांधे रखा।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक तेजेंद्र निर्वाल, एसडीएम ऊन ,समस्त सभासद, सहित गणमान्य लोग मोजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन प्रदीप मायूस व डॉ शुभम त्यागी ने किया ।
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