कथा के दूसरे दिन स्वामी जी ने बताया कि श्री विश्वकर्मा भगवान ने किस प्रकार सृष्टि की रचना की और उनके पुत्रों मनु , मय , त्वष्टा, देवज्ञ , शिल्पी ने अलग अलग विद्याओ में किस प्रकार सृष्टि की रचना में उनका सहयोग किया और उनके साथ साथ उन्होंने उनकी पुत्रियों रिद्धि सिद्धि की शादी गणेश जी से एवं उनकी पुत्री संज्ञा का विवाह सूर्य भगवान से कैसे और कब हुआ और उनकी संतान शुभ, लाभ, शनि, यमुना के बारे में भी वृतांत सुनाया
स्वामी जी ने बताया कि भगवान श्री विश्वकर्मा अनंत हैं ना उनका कोई आदि है न अंत
आज दूसरे दिन निवर्तमान चेयरमैन श्री अरविंद संगल जी कथा श्रवण करने आए और कथा के पश्चात उनके द्वारा भगवान विश्वकर्मा जी की आरती की गई ।
अरविंद संगल जी ने कहा की वह देश विदेश में घूमे हैं और जहां भी गए हैं वहां सभी जगह विश्वकर्मा जी की पूजा होती है , किसी देश में भगवान विश्वकर्मा के नाम से द्वार बना है तो कहीं उनकी प्रतिमा स्थापित है , कहीं उनके नाम से सड़क का नामकरण हुआ है तो की पार्क का निर्माण।
हमारे देश में तो जगह-जगह विश्वकर्मा समाज , सरकार और फैक्ट्री कारखानों के द्वारा भगवान विश्वकर्मा की अनेकों अनेकों स्थान पर स्थापना की गई है और आज भी हमारी पूरी सृष्टि मे विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के द्वारा ही सब कार्य चल रहा है और दुनिया के सबसे पहले वैज्ञानिक और इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा जी थे । निवर्तमान चेयरमैन ने आज नारी शक्ति के सम्मान में श्री विश्वकर्मा नारी शक्ति सभा के पदाधिकारियों को गोल्डन मेडल देकर सम्मानित किया ।
कथा में श्री विश्वकर्मा नारी शक्ति सभा की अध्यक्ष कौशल्या जांगिड़ , महामंत्री प्रेमलता धीमान , कोषाध्यक्ष पूनम पांचाल , मंत्री दीपा धीमान , सोनिया , बबीता, सुनीता, कविता, सविता , प्रतिभा, छाया , रानी, मिथिलेश, जी एवम उपस्थित व्यक्ति संजय धीमान जी,
महामंत्री श्री सतीश धीमान जी, मेनपाल पांचाल युवा सभा अध्यक्ष , प्रवीण पांचाल जी युवा सभा मंत्री , निश्चय , सचिन , अनन्या व अनंत आदि काफी संख्या में श्रृद्धालु महिलाएं पुरुष उपस्थित रहे और भगवान विश्वकर्मा जी की कथा का आनंद लिया । आज भगवान का प्रसाद, श्रीमती दीपा एवं श्री मुकेश धीमान जी ने लगाया । पूनम पांचालमहा मंत्री श्री विश्वकर्मा नारी शक्ति सभा शामली ।
@Samjho Bharat
8010884848
7599250450
No comments:
Post a Comment