प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, जल-जीवन-हरियाली अभियान एवं मनरेगा योजना के प्रगति से संबंधित प्रमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक की गई।


प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में तथा सचिव ग्रामीण विकास विभाग, बिहार बालामुरुगन डी की उपस्थिति में आज समाहरणालय सभाकक्ष मुजफ्फरपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, जल-जीवन-हरियाली अभियान एवं मनरेगा योजना के प्रगति से संबंधित प्रमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक की गई।

समीक्षा बैठक में मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी ,वैशाली, शिवहर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण ,मधुबनी ,दरभंगा और समस्तीपुर के जिला पदाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त उपस्थित थे।
बैठक को संबोधित करते हुए सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार बालामुरुगन डी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, आवास प्लस एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना में प्रमंडल के सभी जिलो में  प्रगति की आवश्यकता है।

  सभी  जिला पदाधिकारी को सतत अनुश्रवण करते हुए 15 अगस्त 2022 के पूर्व अपेक्षित प्रगति लाने का निर्देश सचिव महोदय के द्वारा दिया गया। आवास सहायकों के प्रतिदिन के कार्यो की भी समीक्षा करने का निर्देश दिया गया। सचिव द्वारा समीक्षा के क्रम में जानकारी देते हुए बताया गया कि पूरे भारत में सबसे ज्यादा आवास बनाने का लक्ष्य बिहार को दिया गया है।

अतएव कार्य में तेजी नहीं लाने की स्थिति में राज्य के रैकिंग पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। सचिव द्वारा आवास योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जानकारी लाभुकों तक पहुँचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करवाने की भी निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि इस कार्य मे जीविका दीदीओं से मदद लेने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण मैआवास पूर्णता की समीक्षा को लेकर जानकारी दी गई कि

तिरहुत प्रमंडल में सबसे अधिक पूर्वी चंपारण में 145452 आवास पूर्ण किये गए हैं।जबकि दरभंगा प्रमंडल में दरभंगा जिला में 191081आवास बनाए जा चुके हैं। मुजफ्फरपुर जिला में अभी तक 95353 आवास पूर्ण किए गए हैं।दोनों प्रमंडल में कुल 1115555 आवास पूर्ण किया गया है। निर्देश दिया गया कि निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य की गति बढ़ाई जाय।
आवास योजनाओं की समीक्षा के पश्चात मनरेगा की समीक्षा की गयी।

मनरेगा आयुक्त राहुल कुमार (भा.प्र.से.) ने बताया गया कि मनरेगा सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसके तहत जॉबकार्ड के माध्यम से श्रमिकों को जीविकोपार्जन हेतु कार्य दिया जाता है। मनरेगा के तहत किये जा रहे कार्यों का भी अनुश्रवण करने का निर्देश जिला पदाधिकारीगणों को दिया गया।
सचिव महोदय के द्वारा जल-जीवन-हरियाली योजनाओं की समीक्षा में बताया गया कि राज्य सरकार के द्वारा लिये गये निर्णय के आलोक में सभी सरकारी तालाबों से शत-प्रतिशत अतिक्रमण हटाया जाना है।

तत्पश्चात सौन्दर्यीकरण का कार्य किया जाना है। अतएव किये जा रहे कार्यों का सतत अनुश्रवण करते रहें।  इसके तहत आगामी पाँच वर्षाे में पाँच करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखे जाने की जानकारी दी गयी। सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं तालाबों/पोखर/ आहरों/पइनो को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त कराने समीक्षा के क्रम में पाया गया कि दोनों प्रमंडल में चिन्हित किए गए  ऐसे संरचनाओं की संख्या 3711 है जिसके विरुद्ध 3560  को अतिक्रमण मुक्त किया जा चुका है

151 को अतिक्रमण मुक्त  किया जाना है। इसमें वैशाली जिला में 243 के विरुद्ध 243  को अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया है। मुजफ्फरपुर में 216 के विरुद्ध 214 को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। पश्चिम चंपारण में 411 के विरुद्ध 362, मधुबनी में 528 के  विरुद्ध 484 ,दरभंगा में 810 के विरुद्ध 783, समस्तीपुर में 584 के विरुद्ध 572 ,सीतामढ़ी में 267 के विरुद्ध 260,शिवहर में 24 के विरुद्ध 22 ,मोतिहारी628 के विरुद्ध 620   को अतिक्रमण मुक्त कराया  गया,
कुँओं को अतिक्रमण मुक्त कराने के समीक्षा के क्रम में बताया गया कि दोनों प्रमंडल में 3661 अतिक्रमण कुंओ को चिन्हित किया गया जिसके विरूद्ध 2233 को अतिक्रमण मुक्त कराया गया जबकि 1428  को अतिक्रमण मुक्त कराना शेष है। तालाबों/पोखरों का जीणोद्धार संबंधी समीक्षा में जानकारी दी गई कि दोनों प्रमंडल में कुल निरीक्षित संरचनाओं की संख्या 12302 है जिसके विरूद्ध 2643 पर कार्य प्रारंभ हुए जबकि 2523 तालाबों/पोखरों का जीणोद्धार किया जा चुका है। लोहिया स्वच्छ अभियान के तहत सामुदायिक शौचालयों के निर्माण कार्य मे तेजी लानेे का निर्देश दिया गया। सभी पंचायतों को जेम पोर्टल पर रजिस्टर्ड करवाने का निर्देश उपस्थित जिला पंचायती राज पदाधिकारीगणों को दिया गया। ताकि भविष्य में इसका प्रयोग किया जा सके।

प्रत्येक पंचायत में कचड़ा को निष्पादित करने हेतु पहल प्रारंभ करने को कहा गया। प्लास्टिक कचड़े के निष्पादन हेतु निर्देश दिया गया कि सभी जिला कम से कम एक 1-1 प्रखंडों में प्लास्टिक कचड़ा प्रबन्धन यूनिट स्थापित करें। शराब बंदी कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने में इस पेशे से पूर्व से जुड़े परिवार के जीविकोपार्जन हेतु सरकार के द्वारा चलाई जा रही सतत जीविकोपार्जन योजना के लाभ की जानकारी शराब के धंधे में लगे परिवार को दी जानी चाहिए

ताकि इस धंधे से व्यापार विहीन लोग सरकार की सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ उठा सके ताकि वे पुनः पुराने धंधे पर नही लौटे।
सचिव महोदय के द्वारा जल्द ही पुनः दिये गये निर्देशों के आलोक में पुनर्समीक्षा करने की बात बतायी गयी। बैठक में डीआरडीए निदेशक चंदन चौहान, उप विकास आयुक्त मुजफ्फरपुर आशुतोष द्विवेदी ,उप निदेशक जनसंपर्क कमल सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सुषमा कुमारी भी उपस्थित थे। मुजफ्फरपुर से सतीश कुमार झा की रिर्पोट

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