नशा मुक्ति केंद्र की आड़ में चल रहा है नशीली दवाओं का कारोबार


👉बड़े पैमाने पर सक्रिय है नशीली दवाओं के कारोबारी


👉कोरियर के माध्यम से देश में ही नहीं विदेशों तक भेजते हैं नशीली टेबलेट


👉नशीली दवाओं के इस कारोबार के जहां मास्टरमाइंड मेरठ निवासी है वही सारा खेल डॉ अरुण राय की डिग्री पर खेला जा रहा है


👉वही ग्राम की टिटौली में बना है नशीली दवाओं का होम डिलीवरी कोरियर वह गाड़ियों मोटरसाइकिल के माध्यम से मांग के आधार पर सफाई का प्रमुख केंद्र


👉टिटौली निवासी विनीत कुमार उर्फ पिंटू  जोकि रिट्रेट नशा मुक्ति केंद्र बिडोली  का संचालक भी है मांग के आधार पर अपने गुर्गों से करवाता है सप्लाई वहीं डॉ अरुण राय अपने केंद्र से करता है सप्लाई यदि दोनों की ही कॉल डिटेल एवं सीसीटीवी फुटेज से की जाए जांच तो होगा बड़ा खुलासा



👉कभी उड़ते पंजाब के नाम से बदनाम हुए नशे के कारोबार में पंजाब प्रांत के बाद अब शामली भी उड़ता शामली के नाम से जाना जाएगा वह दिन दूर नहीं


👉नशीली दवाओं का निर्माण कराकर स्वयं ही करते हैं मार्केटिंग मेरठ के सरगना द्वारा बनाई गई है मार्केटिंग कंपनी


👉वही बिना बिलिंग की भी टेबलेट बनती है अवैध  अवैध कमाई का जरिया


👉प्रतिमा लाखों की जीएसटी चोरी भी है इनकी अवैध कमाई का प्रमुख जरिया


👉अधिकारियों की चुप्पी  समझ से परे


👉मत बोलिए नशा ही अपराध की जड़ है जिस तरह नशीली दवाओं का कारोबार बढ़ता जा रहा है उसी से निश्चित रूप से बढ़ेगा अपराध भी इसको भी ध्यान में रखकर सरकार व अधिकारियों को उठाने चाहिए कठोर कदम



👉अधिकारी एवं डॉक्टर की सांठगांठ के चलते एक बार फिर फल होने लगा है नशीली दवाओं का कारोबार


👉पूर्व  में की गई शिकायत से आई थी नशीली दवाओं के कारोबार में कमी


👉जिला चिकित्सा अधिकारी औषधि निरीक्षक एवं  ड्रग्स इंस्पेक्टर की मिलीभगत के चलते फल फूल नशीली दवाओं का कारोबार


👉बिडोली नशा मुक्ति केंद्र एवं शामली क्लीनिक से ही नहीं मोटरसाइकिल का गाड़ियों से भी मांग के अनुसार की जा रही है नशीली दवाओं की सप्लाई



👉एक बार फिर मुख्यमंत्री से शिकायत कर की गई जांच की मांग


👉शामली में ही नहीं आई जी की जनपदों के साथ-साथ हरियाणा पंजाब दिल्ली तक फैला है नेटवर्क


👉नशे के ट्रीटमेंट के नाम पर बेची जाती है नशीली दवाएं


👉दोनों ही सैटरों पर लगे सीसीटीवी के आधार के साथ-साथ मोबाइल लोकेशन एवं कॉल डिटेल के आधार पर हो जा होगा बड़ा खुलासा


👉पूर्व में समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों से बौखला कर नशीली दवाओं के माफियाओं ने यमुना पार शुरू कर दिया था अपना अवैध कारोबार


👉सभी नियम कानून ताक पर रखकर किया जा रहा है नशीली दवाओं को कारोबार अधिकारी  मोन

👇👇👇👇👇👇👇👇

(शामली ब्यूरो)


आपको बता दें कि डॉ अरुण राय शामली के संरक्षण में चल रहा प्रतिबंधित नशीली दवाओं का कारोबार जिसकी प्रमुखता से अनेक बार खबर छपी और हिंदू स्वाभिमान रक्षक सेना के अध्यक्ष उपेंद्र चौधरी द्वारा मुख्यमंत्री से शिकायत की गई थी जिसके चलते सामने प्रशासन हरकत में आया और नशीली दवाओं के इस इस गिरोह पर दबाव बनाया दबाव का ही नतीजा है कि आप 


बिडोली नशा मुक्ति केंद्र पर नियम अनुसार 1 दिन बैठता है डॉक्टर,  उसी दिन चलता है नशीली दवाओं का कारोबार कुछ मरीजों को शामली अपने क्लीनिक से भी देता है प्रतिबंधित दवाइयां लेकिन शामली क्लीनिक की खबर भी प्रकाशित होने से बैकफुट पर आया डॉक्टर अब डॉक्टर और नशा माफियाओं ने मिलकर निकाला एक रास्ता निकाल लिया था हरियाणा के मंगलोरा निवासी अंशु जोकि बिडोली नशा मुक्ति केंद्र पर काम करता है और साथ ही साथ बिडोली पुलिस चेक पोस्ट पर पिता की पकौड़ी की दुकान है।

अब  अंशु अपने पिता की दुकान से वह खुद अपने ही घर से खरीदारों के फोन आने पर मंगलौर आकर पुराने चेक पोस्ट पर आकर खासकर ट्रक ड्राइवर को करता है प्रतिबंधित नशीली दवाओं की सप्लाई , अब देखना यह है कि जिस तरह शामली प्रशासन की सख्ती से दबाव में आया है नशीली दवाओं के कारोबार में लगा यह गैंग अब क्या हरियाणा पुलिस की नाक के नीचे चलता रहेगा

नशीली दवाओं का कारोबार यूं तो इस गैंग के तार हरियाणा पंजाब कैसा साथ बागपत बिजनौर मेरठ और दिल्ली से जुड़े हैं । इतना ही नहीं कोरियर द्वारा इनके द्वारा सप्लाई विदेशों तक भी की जाती है ऐसे में इतना बड़ा रैकेट हो किसी भी अधिकारी या कर्मचारी से कार्रवाई की कल्पना करना बेमानी होगा क्योंकि जनपद शामली के सी एम ओ, औषधि निरीक्षक एवं ड्रग्स इंस्पेक्टर सभी की मिलीभगत के चलते फल फूल रहे नशीली दवाओं का कारोबार, लेकिन फिर भी सभी अधिकारी कर्मचारी भ्रष्ट नहीं हो सकते लेकिन फिर भी जिस स्तर की कार्रवाई शामली प्रशासन द्वारा होनी चाहिए थी

उस स्तर की नहीं हुई फोन कॉल डिटेल के माध्यम से तथा सेंटर पर मौजूद दस्तावेजों के आधार पर जांच कर अब तक होनी चाहिए थी कार्रवाई लेकिन रुपए का लेनदेन ऐसा हुआ कि खुद अधिकारियों द्वारा ही नशा व्यापारियों को बता दिया जाता है आगे का रास्ता सीमा पार हरियाणा से करें अपने कारोबार का संचालन ताकि शिकायतों से जनपद शामली के  अधिकारियों पर ना रहे दबाव हां इतना जरूर है कि निश्चित रूप से यूपी क्षेत्र में जाने जनपद शामली में नशे की दवाओं के इस कारोबार में कमी आई थी लेकिन अब एक बार फिर से जनपद शामली बन गया नशीली दवाओं का बड़ा अड्डा इसमें किसी और का कोई बड़ा रोल नहीं जिले के प्रमुख अधिकारी व नशा कारोबारी के साथ-साथ पुलिस की अनभिज्ञता भी काफी बड़ा महत्वपूर्ण रोल है क्योंकि नशा मुक्ति केंद्र से चंद कदम की दूरी पर ही हैं।

बिडोली में पुलिस चेक पोस्ट और दो बार हो चुकी है उक्त नशा मुक्ति केंद्र पर चोरी आखिर किसी भी जांच अधिकारी ने आतंकवाद की जांच करने की कोशिश नहीं की किसी नशा मुक्ति केंद्र व क्यों होती है चोरी क्योंकि बड़ी संख्या में रहता है नशीली दवाओं का जखीरा जोकि बिल में कम दर्शाई जाती है और बगैर बिल के एक बड़ी संख्या में टेबलेट लाकर बेची जाती है इसीलिए तो कहा है कि शामली में बिडोली के दोनों ही सेंटरों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के आधार पर हो जान इतना ही नहीं अब तो नशा माफियाओं ने होम डिलीवरी तक शुरू कर दी है

जहां से भी फोन आता एक निश्चित टेबलेट के आधार पर मोटरसाइकिल और गाड़ियों से सप्लाई कर दी जाती है नशीली दवाइयां अब देखना यह है कब तक बनी रहती है अधिकारियों की इस गैंग पर नरमी आखिर अब तक तो नहीं हुई इस गैंग सरगना के साथ-साथ सदस्यों की गिरफ्तारी और आगे का रास्ता बताया गया  था कि जमुनापार से करेगा पा इससे साफ करती है कि शिकायत के दबाव में अधिकारी हरकत में तो आए लेकिन बड़ी कार्रवाई के मूड में नहीं अब देखना यह होगा कि क्या नशीली दवाओं के इन कारोबारी एवं अधिकारियों का गठजोड़ टूट जाता है या नहीं आखिर जनपद शामली जो यूं कहिए कि अब एक समय में जैसे उड़ता पंजाब कहा जाता था

जिस तरह बनती थी उस पर फिल्में उत्तर शामली बन जाएगा या फिर अधिकारी समय रहते जागेंगे नशा माफियाओं के प्रति वफादार नहीं अपने कर्म एवं पद के प्रति निष्ठावान होकर तथा आने वाली पीढ़ी के भविष्य को देखते हुए इन नशा माफियाओं पर करेंगे कोई कार्रवाई यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन वर्तमान में इतना निश्चित है कि पुलिस से चंद कदम की दूरी पर इतने बड़े पैमाने पर नशे के कारोबार का पुलिस को जानकारी ना होना भी एक बड़ा सवाल है

या फिर इनके द्वारा भी स्वास्थ्य विभाग की तरीके से की गई है कोई  सांठगांठ,  यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतना तय है कि यदि समय रहते इस नशीली दवाओं के अवैध कारोबारियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो वह ठीक है जिस दिन हमारी आने वाली युवा पीढ़ी नशे की चपेट में आ चुकी होगी और इसके जिम्मेदार समस्त शासन प्रशासन जो इस पर रोक लगा सकता था रोक नहीं लगाई, और मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे अवैध कारोबारियों के विरुद्ध अभियान को भी ठेंगा दिखाता है।

@Samjho Bharat

8010884848

7599250450

No comments:

Post a Comment