वास्तविकता का ज्ञान ही विज्ञान है जैसे कि कुछ प्राकृतिक सत्य है जो हमेशा से ही सत्य हैं।


 पहले मानव जाति जानती थी कि पृथ्वी स्थिर है एवं सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करता है। किंतु कई वर्षों से शोध के बाद पता चला है कि यह सत्य नहीं है बल्कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है। इस तरह की बातो का मालूम होना ही विज्ञान है। इस प्रकार हम संक्षेप में कह सकते हैं की प्रकृति के क्रमबद्ध ज्ञान को ही विज्ञान कहते हैं, यह विचार सेंट आर.सी. कान्वेंट स्कूल शामली में आयोजित दो दिवसीय विज्ञान व रोबोटिक तकनीक वर्कशॉप के उद्घाटन के अवसर पर स्कूल चेयरमैन अरविंद संगल ने व्यक्त किए और उन्होंने कहा कि विज्ञान वह व्यवस्थित ज्ञान है जो विचार, अवलोकन, अध्ययन और प्रयोग करने से ही मिलता है।

जो अध्ययन विषय की प्रकृति एवं सिद्धांतों को जानने के लिए किए जाते हैं इसलिए प्रत्येक विद्यार्थी को चाहिए की वह विद्यालय में समय-समय पर आयोजित की जाने वाली विज्ञान व रोबोटिक तकनीक वर्कशॉप में प्रतिभाग कर अपने अंदर तकनीकी कौशल का विकास करने के लिए अग्रसर रहें। वर्कशॉप के प्रथम दिन विज्ञान तकनीकी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के इंजीनियर सचिन, इंजीनियर लगन, इंजीनियर भारत, इंजीनियर उमा और इंजीनियर वी. राजू की टीम ने कक्षा 4 के विद्यार्थियों को पेपर शीट, फोमशीट, डबल स्टेप एवं प्लास्टिक नेल्स की सहायता से मानव जबड़ा तैयार करके दांतो की संरचना दातों के प्रकार एवं दातों के विषय में जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि दांत हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है।

दांतो का मुख्य कार्य चबाना और भोजन को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित करना होता है। हमारे मुंह के अंदर मौजूद दांत विभिन्न प्रकार के उत्तको से बने होते हैं। मनुष्य में चार प्रकार के दांत होते हैं, जिन्हें छेदक, भेदक, अग्रचर्वणक एवं चवर्णक कहते हैं। इन सब दांतो के कार्य भी अलग-अलग होते हैं। छेदक दातों का कार्य भोजन को काटना, भेदक का कार्य भोजन को फाड़ना, अग्रचर्वणक का कार्य भोजन को कुचलना एवं चवर्णक दातों का कार्य भोजन को पीसना होता है। दांत विभिन्न उत्तको से बने होते हैं और यह ऊपर एवं नीचे के जबड़े में मसूड़ों में अंतर्निहित होते हैं।

इस प्रकार दांत हमारे शरीर का महत्वपूर्ण भाग होते हैं। कक्षा 4 के विद्यार्थियों ने मानव जबड़ा स्वयं बनाकर एवं दातों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर अत्यंत रोचकता का अनुभव किया। विज्ञान व रोबोटिक वर्कशॉप का संचालन विद्यालय के डायरेक्टर भारत संगल के दिशा निर्देशन में किया गया उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि विद्यार्थियों में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य तकनीकी कौशल का विकास करने के लिए समय-समय पर विज्ञान कार्यशाला का आयोजन विद्यालय में किया जाता है, जिससे विद्यार्थी की पढ़ाई के साथ साथ तकनीकी क्षेत्र में पारंगत बने और अपने लिए एक सफल भविष्य का निर्माण करने में अग्रसर रहें। इस अवसर पर सुरक्षा, हर्षित, संचिता, कविता संगल, अंजू पवार, मनोज मेनवाल, आंचल राणा, निकिता जैन, निशा शर्मा, विशाखा चौधरी, रितिका, तनु, पूनम जेली, मीनाक्षी, जसविंदर कौर, और आशा सेठ आदि अध्यापक अध्यापिका उपस्थित रहे।

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