दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा रिंडर सादड़ी दंत रोग विशेषज्ञ के बतौर सराहनीय कार्य करने में नहीं हैं पीछे, राष्ट्रीय दंत दिवस के उपलक्ष्य में दंत स्वास्‍थ्‍य


 आपके मुंह का स्वास्थ्य (oral health) आपके शरीर के स्वास्थ्य जितना ही जरूरी है। इतना ही नहीं दांतों की बीमारियां हृदय रोग, कैंसर और डायबिटीज से भी जुड़ी हो सकती हैं।  ऐसे में जरूरी ये है कि आप अपने दांतों के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें और साथ ही दांतों से जुड़ी उन बीमारियों के बारे में भी जानें, जो आपके मुंह के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाते हैं। तो, आइए सबसे पहले जानते हैं दांतों से जुड़ी आम परेशानियों के बारे में विस्तार से। दांतों से जुड़ी आम परेशानियां- Common Dental Diseases हमारे मुंह में लाखों बैक्टीरिया दांतों की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं। इनमें से कुछ तो दांतों के लिए फायदेमंद हैं, जबकि अन्य दांतों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। हालांकि, ज्यादातर दांतों के रोगों का बड़ा कारण बैक्टीरिया है जो हमारे मुंह के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है। कुछ सबसे आम दांतों के रोग की बात करें, तो इनमें शामिल हैं-

1. मसूड़ों की बीमारी (Periodontal Disease)

अगर आपको पीरियडोंटल बीमारी का पता चला है, तो आपको अपने मसूड़ों की बेहतर देखभाल करने की आवश्यकता है। इसे गम डिजीज (Gum Disease) भी कहा जाता है, जो कि दांतों को अच्छी तरह से फ्लॉस न करने के कारण होता है। प्लॉक पैदा करने वाले जीवाणुओं का निर्माण आखिरकार मसूड़े की सूजन या पीरियंडोंटाइटिस के विकास की ओर ले जाता है, जो पीरियडोंटल बीमारी का पहला चरण है।

पीरियडोंटल डिजीज के लक्षण

- ब्रश करने, फ्लॉस करने या कुरकुरे खाद्य पदार्थ खाने के बाद दांतों से खून बहना

-दर्दनाक और मसूड़ों में सूजन

-दांतों के बीच बढ़ती जगह

- मुंह के छाले

आपके मसूड़ों में और उसके आसपास प्लॉक और टैटार बिल्डअप को हटाने के लिए गहराई से दांतों की सफाई करें। यह प्रक्रिया कुछ लोगों के लिए दर्दनाक हो सकती है लेकिन आमतौर पर इससे आपको मसूड़ों की बीमारियों से आराम मिल सकता है। 


2. दांतों में कैविटी (Tooth Decay & Cavities)

दांतों में कैविटी बच्चों और वयस्कों, सभी को प्रभावित करती है।  कैविटी की परेशानी ज्यादातर मीठी चीजों,  अम्लीय खाद्य पदार्थों व पेय पदार्थों के सेवन करने और उसके बाद ब्रश ना करने के कारण होती है। ये पदार्थ दांतों में बैक्टीरिया के प्रसार को बढ़ावा देते हैं और कैविटीज को नुकसान पहुंचाते हैं। 

कैविटी के लक्षण

-कैविटी वाले दांतों और उनके आसपास दर्द

- दांतों की सतह पर दिखने वाले ग्रे या भूरे रंग के धब्बे

- खराब मसूड़े

-संवेदनशीलता के कारण भोजन चबाने में परेशानी

3. मुंह के छाले (Oral Thrush)

मुंह में हानिकारक कैंडिडा फंगल इंफेक्शन की वृद्धि के कारण मुंह में छाले हो जाते हैं। यह स्थिति शिशुओं और कम प्रतिरक्षा वाले लोगों को प्रभावित करती है। ओरल थ्रश आसानी से देखा जाता है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप जीभ और गालों पर दूधिया सफेद घाव फैल जाते हैं। अगर इसे बहुत लंबे समय तक अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो कैंडिड इंफेक्शन टॉन्सिल और गले को लक्षित कर सकता है, जिससे निगलने में कठिनाई होती है।

ओरल थ्रश के लक्षण

-मुंह के अस्तर पर फंगल इंफेक्शन के कारण सफेद घाव

-मुंह के कोनों पर दरारें और जलन दर्द

-भूख में कमी और स्वाद न आना

4. मुंह से दुर्गंध (Halitosis or bad breath)

हैलिटोसिस को बैड ब्रिथ के नाम से जाना जाता है, जिसमें व्यक्ति के मुंह से दुर्गंध आती है। ये एक सबसे पुरानी स्थिति है जो धूम्रपान, खराब दांतों का स्वास्थ्य और मौजूदा श्वसन पथ संक्रमण सहित कई जोखिम कारकों के कारण हो सकती है। हैलिटोसिस मसूड़े की सूजन या पेरियोडोंटाइटिस के कारण भी हो सकता है, जो दांतों और मसूड़ों के आसपास प्लाक और टार्टर बिल्डअप के कारण होता है।

हैलिटोसिस के लक्षण

-मुंह से दुर्गंधयुक्त सांस

- मुंह का फटना

-लार का न बनना या अधिक बनना

-चीजों को खाने से खराब स्वाद आना

हैलिटोसिस का इलाज केवल एक सख्त मौखिक स्वच्छता दिनचर्या को अपनाने और नियमित रूप से अपने दंत चिकित्सक के पास जाकर किया जा सकता है। खाने के बाद और सोने से पहले बैक्टीरिया से छुटकारा पाने के लिए एंटीसेप्टिक माउथवॉश के उपयोग के साथ फ्लॉसिंग और ब्रश करना चाहिए। इसके अलावा, दिन भर फ्लोराइड युक्त पानी से हाइड्रेटेड रहना सांसों की बदबू के लक्षणों को कम कर सकता है।

5. टूटा हुआ दांत (Chipped Tooth)

अगर आप नियमित रूप से नट्स या आइस क्यूब्स जैसे जटिल खाद्य पदार्थों को खाते हैं, तो इससे आपके दांत टूट सकते हैं। ऐसे में जब आप अपनी जीभ को इसके साथ चलाते हैं, तो आप एक खुरदरा किनारा भी महसूस कर सकते हैं। टूटे हुए दांतों के कारण आपको दांतों में सेंसिटिविटी की परेशानी भी हो सकती है। 

6. दांत पीसना व ब्रुक्सिज्म (bruxism) 

दांत पीसना आमतौर पर बच्चों में सबसे ज्यादा होता है पर ये आदत नहीं है बल्कि एस बीमारी है, जिसे ब्रुक्सिज्म  कहते हैं। ब्रुक्सिज्म के कारण आपके दांतों की सतहें खराब हो सकती हैं और जबड़ें भी खुल सकते हैं। इसके चलते आपको दांतों में दर्द भी हो सकता है। 

7. जिंजिवाइटिस (Gingivitis)

जिंजिवाइटिस, मसूड़े की बीमारी के शुरुआती चरण में होता है। इसमें प्लॉक के कारण आपके दांतों के आसपास के टिशूज में संक्रमण होता है। अगर आपको मसूड़े की सूजन है, तो आपके मसूड़े लाल हो सकते हैं, सूज सकते हैं और आसानी से खून बह सकता है। आपको सांसों की बदबू का भी अनुभव हो सकता है क्योंकि मसूड़ों की बीमारी आमतौर पर दर्द रहित होती हैं। 

8. डायबिटीज के कारण दांतों से जुड़ी परेशानियां ( Oral Health Problems and Diabetes)

डायबिटीज के कारण कई लोगों को दांतों से जुड़ी परेशानियां भी होती हैं।  दरअसल, टाइप 2 डायबिटीज गम डिजीज का कारण बनता है। इसके अलावा डायबिटीज से पीड़ित लोगों की इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है जिससे उन्हें मुंह में बैक्टीरिया के संक्रमण ज्यादा तेजी से होता है। इसके चलते कई परेशानियां हो सकती हैं, जैसे कि

-पीरियोडॉन्टल बीमारी के कारण ब्लड शुगर का असंतुलन

- किटोसिस के कारण मुंह से दुर्गंध आने की समस्या

-ड्राई माउथ

9.  ओरल कैंसर (Oral Cancer)

मुंह का कैंसर आपके गले, जीभ, गाल और होंठ सहित मुंह के कई क्षेत्रों को लक्षित कर सकता है।यह रोग आमतौर पर एक लाल या सफेद सतह के साथ सूजन या झुनझुनी गले के रूप में प्रकट होता है जो अतिरिक्त तंबाकू सेवन या मानव पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण हो सकता है। ओरल कैंसर के लक्षणों की बात करें, तो इनमें शामिल हैं

-सूजी हुई लसीका ग्रंथियां

-निगलने में कठिनाई

-लाल या सफेद अल्सर जो कभी नजर आते हैं, तो कभी गायब हो सकते हैं

-प्रभावित क्षेत्रों में ब्लीडिंग

अगर आपको समय से पहले मुंह के कैंसर का पता चलता है, तो कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं जैसे कि कीमोथेरेपी आदि। बस डॉक्टर से प्रारंभिक चरणों में ही इस बीमारी की पहचान करवा लें।

दांत और मौखिक रोगों के कारण- Causes of oral diseases

-धूम्रपान

-खराब ब्रश करने की आदतें

-शुगर युक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों पर लगातार स्नैकिंग

-डायबिटीज

-दवाओं के उपयोग से मुंह में लार की मात्रा का कम हो जाना

-परिवार का इतिहास या आनुवांशिकी

-कुछ संक्रमण, जैसे एचआईवी या एड्स

-महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन

-अपच और लगातार रहने वाली एसिडिटी

-एसिड के कारण 

दांत से जुड़ी बीमारियों के लक्षण-Symptoms of oral diseases

- मुंह में छाले या घाव

-ब्रश करने या फ्लॉसिंग के बाद मसूड़ों से खून आना या सूजन होना

- मुंह से दुर्गंध

-गर्म और ठंडे तापमान या पेय पदार्थों के लिए अचानक संवेदनशीलता

- दांत दर्द

-ढीले दांत

-मसूड़ों में कमी

-चबाने या काटने के साथ दर्द

-गाल और चेहरे में सूजन

-जबड़े में दर्द

- टूटे हुए दांत

-ड्राई माउथ की परेशानी

ओरल हेल्थ टिप्स -Oral Health Tips

-दिन में दो बार ब्रश करें (Brush at least twice a day)

-दो से तीन मिनट तक ब्रश करें (Brush thoroughly)

-फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का उपयोग करें  (Use fluoridated toothpaste)

-ठंडी चीजों और फलों के रस जैसे एसिडिक ड्रिंक्स में कमी लाएं (Limit acidic drinks like soft drinks and fruit juices)

-दांतों को चोट से बचाएं (Protect your teeth from injury)

-भोजन चबाने के अलावा किसी और चीज के लिए अपने दांतों का उपयोग करने से बचें (Avoid using your teeth other than chewing food)

-महीने में एक बार डेंटल चेकअप के लिए जरूर जाएं (visit your dentist for regular checkups) डॉ0 पूजा रिंडर                        दंत रोग विशेषज्ञ समझों भारत न्यूज़ से डॉ0 के0एल0 परमार की रिपोर्ट

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