झिंझाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का लगभग 10 वर्ष पूर्व उच्चीकरण कर 30 बिस्तर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया था ?..


सामुदायिक  स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी मुख्य सर्जन डॉ नितिन ने कहा कि अस्पताल में अब जच्चा बच्चा के ऑपरेशन की सुविधा मिलना शुरू हो गई है। जबकि 6 माह के भीतर अन्य मरीजों को भर्ती कर शल्य चिकित्सा सेवा भी मिलना शुरू हो सकेगी। लगभग 10 वर्ष पूर्व उच्चीकरण कर की गई झिंझाना सीएचसी को आज भी पीएचसी का ही बजट मिल रहा है। क्षेत्रीय नेता एवं प्रशासन इस ओर भी ध्यान दें। जिससे कस्बा एवं क्षेत्र के मरीजों को अब शामली एवं करनाल नहीं जाना पड़ेगा। प्रभारी चिकित्सक ने इमरजेंसी एवं मरीजों को भर्ती न करने के लिए स्टाफ की कमी का होना मुख्य कारण बताय गौरतलब हो कि झिंझाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का लगभग 10 वर्ष पूर्व उच्चीकरण कर 30 बिस्तर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया था। बावजूद इसके क्षेत्रीय नेताओं एवं प्रशासन की उदासीनता के चलते शासन द्वारा आज भी उक्त सीएचसी को पीएचसी का ही बजट मिल रहा है। ब्लॉक ऊन में गांव सभा चौसाना ,  केरटू , पिंडोरा एवं कस्बा गढ़ी पुख़्ता में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कस्बा ऊन एवं झिंझाना में  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। कस्बा झिंझाना स्थित सीएचसी पर लगभग ढाई सौ मरीज ओपीडी में प्रतिदिन आते हैं।

मगर क्षेत्रीय नेताओं की उदासीनता के चलते झिंझाना सीएससी पर आज भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का ही बजट मिल रहा है। जिसके कारण मैन पावर की कमी के साथ अन्य चिकित्सा सुविधाओं से भी क्षेत्रवासियों को वंचित होना पड़ रहा है। आज स्थानीय सीएचसी पर नियुक्त चिकित्सा प्रभारी एवं मुख्य सर्जन डॉ नितिन एवं डॉक्टर प्रिंस ने कस्बे के वरिष्ठ पत्रकार से हुई वार्ता में बताया कि झिंझाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जच्चा बच्चा के ऑपरेशन की सुविधा अब शुरू हो गई है जबकि अगले 6 महीने के भीतर यहां हर्निया , अपेंडिसाइटिस पित्त की थैली एवं थायराइड जैसी बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए भी मरीजों को शल्य

चिकित्सा (ऑपरेशन सुविधा) का लाभ भी मिलना शुरू हो सकेगा। लेकिन उन्होंने इसके लिए मैनपावर की कमी का होना मुख्य कारण बताया। डॉ नितिन ने बताया कि इमरजेंसी एवं बड़े ऑपरेशन के लिए मरीजों की भर्ती करने में उन्हें नर्स आदि स्टाफ की भी भारी दिक्कत हैं। डॉक्टर प्रिंस ने बताया कि सीएचसी पर ई एम ओ का भी होना लाजमी है। मुख्य चिकित्सा प्रभारी ने भरोसा दिलाया कि अगले 6 महीनों के भीतर क्षेत्रवासियों को इमरजेंसी एवं शल्य चिकित्सा ( ऑपरेशन ) सुविधाएं भी मिलना शुरू हो सकेगी। जिसके बाद लोगों को शामली और करनाल नहीं जाना पड़ेगा। जनहित में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन से अपील है कि जन समुदाय की भारी जरूरत के चलते उक्त सीएचसी पर ध्यान देकर सुविधाओं एवं मैनपावर की कमी को दूर कराएं।प्रेम चन्द वर्मा

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