चिटफंड कंपनियां क्यों डकार जाती है निवेशकों का पैसा, वित्त मंत्रालय एवं आरबीआई क्यों देता है इन्हे लाइसेंस


झिंझाना 8 जनवरी। सरकार से मान्यता प्राप्त  चिटफंड कंपनिया सरकारी मान्यता होने की दुहाई देते हुए निवेशकों को अल्पावधि में धन बढ़ने का लालच देकर केवल अनुबंध पत्र थमा कर धन इकट्ठा करती हैं। और बाद में निवेशकों का पैसा वापस नहीं करती हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी निवेशक परेशान हैं। दशकों बीत जाने के बाद भी सैकड़ों चिटफंड कंपनियां करोड़ों निवेशकों का पैसा डकार चुकी है। आखिरकार सेबी, रिजर्व बैंक, आदि भारत सरकार के विभाग ऐसी चिटफंड कंपनियों को केवल स्वीकृति देने भर तक ही क्यों जिम्मेदार रहती है। क्या विभाग उन पर मॉनिटरिंग नहीं करता। और यदि करता है तो, तब ऐसी कंपनियां निवेशकों का पैसा निर्धारित समय पर निवेशकों को क्यों नहीं लौटा पाती। यह अपने आप में एक यक्ष प्रश्न है। 

   सरकार बदलती रहती हैं। लेकिन क्या कोई ऐसे कानून नहीं है कि जिन के अनुपालन में कंपनियां निवेशकों का पैसा निर्धारित समय पर दे सके। क्या यह सब भी राजनीति की भेंट यूं ही चढ़ता रहेगा और निवेशक हमेशा से ठगा जाता रहेगा। बेहद अफसोस है कि न्यायपालिका के आदेश भी निवेशकों का पैसा वापस दिलाने में सफल नहीं हो रहे हैं। ऐसे में जनता सरकार पर भरोसा करें ,न्यायपालिका पर भरोसा करें, अथवा  किसके सम्मुख जाकर रोए , यह सिलसिला कब तक चलता रहेगा। आखिर देश में कब कानून का राज होगा ताकि निवेशकों को न्याय मिल सके।

     देश की जनता देश के प्रधानमंत्री से अपेक्षा करती है कि वह देश में करोड़ों निवेशकों की खातिर इस व्यवस्था को मजबूत कर आरबीआई, एवं सेबी जैसे विभागों की जिम्मेदारी एवं मॉनिटरिंग स्थापित करदें ताकि निवेशकों को निर्धारित समय अनुसार पैसा मिल सके। और ऐसी धोखेबाज कंपनियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें।

     गौरतलब हो कि सरकार के मुख्य विभाग आरबीआई, एमसीए ,सेबी आदि विभागों से मान्यता प्राप्त चिटफंड कंपनियों की बदोलत लाखों बेरोजगार युवक /युवतियां/ गृहणियां कंपनी संचालकों के गोरखधंधे में फंस कर, अपने एवं अपने रिश्तेदार ,मित्र एवं आस-पड़ोस के लोगों का धन इन स्वीकृत कंपनियों में लगवा देते हैं। बाद में निर्धारित समय पर पैसा नहीं मिलने से जहां ऐसे लाखों अभिकर्ता/ एजेंट बेरोजगार हो जाते हैं वही निवेशक भी परेशान होते हैं। और सैकड़ों निवेशक एजेंट इस समस्या में उलझ कर मौत को गले लगा चुके हैं परंतु परंतु दशकों पुरानी इस समस्या से निजात नहीं मिल पा रही हैं।

     देश के लोकप्रिय एवं राष्ट्र को समर्पित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी क्या इस ज्वलंत समस्या से देश के करोड़ों निवेशकों को उनका हक नहीं दिलवा सकते।

    वर्तमान में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने करोड़ों निवेशकों के इस दर्द को समझते हुए इस समस्या को लेकर आंदोलन चलाने का जो बीड़ा उठाया है। वह स्वागत योग्य कदम है। इसी आंदोलन को बढ़ाते हुए 7 जनवरी को जनपद में सभी तहसील स्तर पर कांग्रेसी नेताओं की अगुवाई में निवेशकों ने उपस्थित होकर उप जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन प्रस्तुत कर निवेशकों का पैसा दिलाए जाने की मांग की है।


     जनपद शामली की ऊन तहसील पर युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अश्वनी शर्मा एवं निवेशक संघ के कार्यकर्ता जितेंद्र चौहान की अगुवाई में लगभग चार दर्जन निवेशकों ने पहुंच कर उप जिलाधिकारी विशू राजा को देश, प्रदेश के राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम संबोधित मांग पत्र प्रस्तुत करते हुए निवेशकों का पैसा वापस लौटाए जाने की मांग की है।

    निवेशक संघ के कार्यकर्ता जितेंद्र चौहान ने बताया कि पर्ल्स कंपनी लोगों का पैसा वापस नहीं कर रही है। जबकि वर्ष 2016 में न्यायपालिका ने भी सेबी को आदेश दिया था कि वह निवेशकों का पैसा कंपनी की संपत्ति को बेच कर वापस करादे। बावजूद उसके 5 साल बीतने के बाद भी निवेशक इंतजार में है। और 10 हजार तक की रकम ही सेबी द्वारा वो भी चन्द निवेशकों को ही उनके मूलधन से भी कम वापस हो सकी है।

    विदित हो कि सहारा इंडिया, पर्ल्स, किम फ्यूचर विजन सर्विस लिमिटेड, साईं प्रसाद, नेक्टर कमर्शियल लिमिटेड, सर्वोत्तम विकास मल्टी स्टेट हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड आदि सैकड़ों कंपनियां भोले भाले करोड़ों निवेशकों को अपना शिकार बना चुकी हैं। और भोली-भाली जनता इन कंपनी संचालकों के लुभावने वायदों के अनुरूप बैंकिंग सिस्टम के मानिंद इन कंपनियों में मासिक, त्रैमासिक, वार्षिक तौर पर


अपनी जरूरतों के अनुसार अपना मुंह बांध कर  अपना पैसा शिक्षा, शादी, मकान आदि सपनों को साकार करने के लिए एकत्र करने के उद्देश्य से बचत करती हैं। और ये कंपनियां उनका पैसा डकार कर उन्हें रिइन्वेस्टमेंट के नाम पर कोरे आश्वासन देकर मार्केट से रफूचक्कर हो जाती हैं। आखिर जनता की इस आवाज को सुना ही जाना चाहिए। ताकि गरीब, मध्यमवर्गीय परिवार बर्बादी की मार से उबर सकें। 

      इस अवसर पर यूवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अश्वनी शर्मा (सींगरा), जितेंद्र सिंह चौहान केरटू, अश्वनी कौशिक (हथछोया), प्रेम चन्द वर्मा, अमित तोमर,सुधीर चौधरी, अर्पित शर्मा, रुपक मान, सुबोध कोरी,डॉक्टर रामचन्द्र, रुपक मछरोली, सचिन दिक्षित पिण्डोरा, संदीप भाटी,हिमांशु शर्मा, राजेंद्र गोल्डी पप्पू सैनी, तेजस्वी अत्रि आदि मौजूद रहे।

@Multani Samaj

8010884848

7599250450

No comments:

Post a Comment