आधुनिक युग विज्ञान का युग है। वर्तमान समय में वैज्ञानिकों ने हर क्षेत्र में तकनीकी आविष्कारों का निर्माण कर मानव जीवन को अत्यंत ही सरल एवं सुलभ बना दिया है जिससे आज हमारा समाज देश निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है। आज के विद्यार्थियों को चाहिए कि वे इन सब आविष्कारों के विषय में जानकारी प्राप्त करे और स्वयं को वैज्ञानिकता के इस युग में आगे बढ़ाने के लिए अग्रसर हो, यदि जीवन में तरक्की प्राप्त करना है तो तकनीकी के विषय में जानकारी प्राप्त करना हर विद्यार्थी के लिए विशेष महत्वपूर्ण है क्योंकि वैज्ञानिक तकनीक के द्वारा ही हमारा मानसिक विकास होता है। इसलिए हर विद्यार्थी को चाहिए कि वह विद्यालय में समय-समय पर आयोजित की जाने वाली वैज्ञानिक वर्कशॉप में प्रतिभाग कर अपने अन्दर तकनीकी कौशल का विकास कर सके।
विद्यार्थियों में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य तकनीकी विकास करने के लिए विज्ञान कार्यशालाओं का आयोजन विद्यालय मेें किया जाता है। जिससे विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ तकनीकी क्षेत्र में भी पारंगत बने और अपने लिए एक सफल भविष्य का निर्माण करने में अग्रसर रहे। उक्त उद्गार स्थानीय सैंट. आर. सी. कॉन्वेंट स्कूल, शामली में आयोजित दो दिवसीय तकनीकी विकास कार्यशाला उद्घाटन करते हुए स्कूल के निदेशक भारत संगल ने व्यक्त किये। कार्यशाला के प्रथम दिन हरिद्वार की विज्ञान तकनीकी फाउण्डेशन ऑफ इण्डिया के इंजीनियर सचिन कुमार, लगन
किशोर, भरत वर्मा भार्गव कक्षा के बच्चों को क्लाइनोमीटर यंत्र के विषय में जानकारी प्रदान करते हुए उन्हे प्रोजेक्ट तैयार करने की विधि के विषय में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि क्लाइनोमीटर एक ऐसा उपकरण है जिसकी सहायता से गुरूत्व के सापेक्ष किसी पहाड़ से लेकर किसी इमारत तक की ऊँचाई व झुकाव नापा जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सन बोर्ड, सरकुलर फोम, डबल साइड टेप, टूथ पिक, सीडी, धागे के हुक व स्टीकर आदि जैसी घर में आसानी से प्राप्त वस्तुओं की सहायता से क्लाइनोमीटर का मॉडल तैयार कराया, बच्चों ने
क्लाइनोमीटर का मॉडल स्वयं बनाकर अत्यंत रोमांच का अनुभव किया।उक्त कार्यशाला का संचालन विद्यालय के निदेशक श्री भरत संगल जी के दिशा निर्देशन में किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों मे पढ़ाई के साथ-साथ अन्य तकनीकी कौशल का विकास करने के लिए समय-समय पर विज्ञान कार्यशालाओं का आयोजन विद्यालय में किया जाता है। जिससे विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ
तकनीकी क्षेत्र में भी पारंगत बने और अपने लिए एक सफल भविष्य का निर्माण करने में अग्रसर रहें। इस अवसर पर उपप्रधानाचार्य श्री आर. पी. एस. मलिक, आदित्य कुमार, अजय गोयल, हरिओम वत्स, अरविन्द शर्मा, नरेश पंत, रवि हुड्डा, अँजू पँवार, अँजू मलिक, निशा शर्मा, मनीष मित्तल, प्रतिभा सिंह, आशा सेठ आदि शिक्षक, शिक्षिकाएं व सहयोगी उपस्थित रहे।
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