किसान महापंचायत के आयोजक भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष मनोनीत होने से नाराज चल रहे थे वही किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक को कार्यक्रम में बुलाकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर दबाव बनाने का किया प्रयास। आज भारतीय किसान यूनियन द्वारा आयोजित दुल्ला खेड़ी में किसान महापंचायत में जहां आयोजक रविंद्र राणा ने अपनी ताकत का एहसास कराया वहीं किसान यूनियन के अध्यक्ष सुवित मलिक भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के इर्द-गिर्द घूमते नजर आए इसे चापलूसी की इंतहा कहिए या फिर आने वाले किसान राजनीति के संकेत कि जल्द ही कर सकते हैं
मैं भी अपनी संगठन का भारतीय किसान यूनियन में विलय आखिर जो भी होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन यदि उक्त किसान महासम्मेलन संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित होता तो किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिक का आना उचित माना जाता लेकिन भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हो रहे कार्यक्रम में आना किसानों में बना चर्चा का विषय वहीं कुछ लोग उसको चापलूसी बता रहे थे कुछ छ पास रोग वहीं कुछ ऐसे अज्ञानता भी बता रहे हैं क्योंकि एक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दूसरे संगठन के सम्मेलन में इस तरह जाना जब किसी संयुक्त कार्यक्रम का आयोजन ना हो और ना ही बतौर आप अतिथि के रुप में बैनर पर आपका नाम हो तो जनता में चर्चा होना तो स्वभाविक है
और ऐसे में जो भी आज चर्चा का विषय बना है वही किसान राजनीति के जानकार इसे कार्यक्रम आयोजकों एक तीर से दो निशाने वाला गांव भी बता रहे हैं जानकारों का मानना है कि आयोजक भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकट पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बुलाया गया था क्योंकि आयोजक कपिल खाटियान के जिला अध्यक्ष बनने से नाराज बताऐ जा रहे हैं वह होना लाजमी है अब आगे क्या होगा यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन आज सम्मेलन में मौजूद किसानों में खासी चर्चा का विषय बने रहे मलिक आने का उद्देश्य क्या था यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन आज बड़ी चर्चा का विषय बना रहे।
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