ज़ी न्यूज़ द्वारा भाकियू प्रमुख चौधरी नरेश टिकैत के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर स्टिंग ऑपरेशन का नाम देना गलत -- धर्मेंद्र प्रधान


टीवी पर बैठा जो एंकर लंबी चौड़ी बकवास कर रहा था वह अपने गिरेबान में झांके, अन्य गांव में क्षेत्र में गन्ने के कोल्हू को किस रेट में दी जा रही है ठेके पर जमीन उसको भी दिखाएं टीवी चैनल, और समय पर पेमेंट ना होने के चलते 225 ,250, 275 क्या किसी भी रेट में गन्ना बेचने को मजबूर हो जाती है किसान, जी न्यूज के फर्जी स्टिंग ऑपरेशन पर  टिकैत ब्रिगेड के प्रमुख धर्मेंद्र प्रधान ने खड़े किए सवाल और की  भारतीय किसान यूनियन प्रमुख द्वारा कही गई एक एक बात को बताया किसान हित में है और साथ ही साथ जी न्यूज के प्रमुख एंकर को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वह भी अपने गिरेबान में झांके

उनके कर्मकांड भी किसी से छिपे नहीं है, उन्होंने कहा कि कल गोदी मीडिया का एक बार फिर काला चेहरा जगजाहिर हुआ जब उन्होंने चापलूसी की सारी हदें पार करते हुए वाक्यों प्रमुख चौधरी नरेश टिकैत का स्टिंग ऑपरेशन नाम से एक कार्यक्रम चलाया उनके द्वारा वर्तमान में किसानों द्वारा पेमेंट ना होने के चलते मिल भाव से नीचे गन्ना सप्लाई करने की मजबूरी को बताया कि मिल जाता है लेकिन इस गोदी मीडिया में उसको दूसरे तरीके से प्रस्तुत किया और गन्ने की खपत के लिए यदि कोई गन्ने की मिनी फैक्ट्री या गुड बनाने का कोल्हू लगता है और इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा उसे लगाए जाने का समर्थन किया जाता है और एक न्यूनतम किराए पर अपनी जमीन दिए जाने की बात करते हैं वह भी किसान हित में कि जब यहां इस तरह की फैक्ट्री लगेगी तो गन्ने की दुर्दशा नहीं होगी किसानों को मिलेगा इसका लाभ तो इसमें गलत क्या है

कोई कमीशन खोरी के बाद की गई हो कोई उसमें किसी तरह की भी इस पत्र की मांग की गई हो उसमें क्षेत्र में उनके बगैर आप नहीं लगा सकते को इस तरह के बाद की गई होती तो लगता कि हां उनके द्वारा गलत किया जा रहा है सही बात 10000 बीघा की जिन गांव में जिनकी जमीन में गन्ने के  कुल्हूं लगे हैं वह किसान अपनी जमीन के ₹15000 से ₹25000 भीगे तक ले रहे हैं और ऐसे में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश के द्वारा मात्र ₹10000 में किसान हित में अपनी जमीन दिए जाने का ऊपर किसी भी नजरिए से गलत नहीं है नजरिया केवल खबर को गलत तरीके से देखने और प्रस्तुत करने का है

यदि इस तरह की अपनी हरकतों से गोदी मीडिया बाज नहीं आया तो टिकेत ब्रिगेड को निश्चित रूप से ठोस कदम उठाने को मजबूर होना पड़ेगा इसे चेतावनी समझे या अनुरोध हरकतों से बाज आए गोदी मीडिया वरना समझ ले हम वह किसान हैं जो अच्छे से अच्छे बिगड़ैल पशु के भी नात डाल देते हैं।

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