तीनों कृषि बिल पूरी तरह से देश को विदेशी हाथों में सौंपने की तैयारी -- उपेंद्र चौधरी


भारतीय किसान मजदूर सेना के अध्यक्ष एवं कुंडू खाप उत्तर प्रदेश के बाबा उपेंद्र  चौधरी ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि मोदी सरकार ने खाद-बीज के बाज़ार को अमेज़न जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए खोल दिया है। दो दिन पहले अमेजॉन के किसान स्टोर पर Amazon India ने खाद, बीज, कृषि उपकरण जैसे खेती-किसानी से जुड़े करीब 8 हजार उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री शुरू की , इसका  शुभारंभ खुद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया है। लाखो करोड़ का एग्री बिजनेस चंद सालो में इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मुट्ठी में होगा राकेश टिकैत बिल्कुल ठीक कह रहे हैं कि तीनों कृषि बिल पूरी तरह से देश को विदेशी हाथों में सौंपने की तैयारी है। पहले एक ईस्ट इंडिया कम्पनी भारत में आई थी। उसने देश को गुलाम बना लिया था

और अब तो ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ व साउथ सभी दिशाओं से अनगिनत कम्पनियां देश को निगलने के लिये अपना जाल फैला चुकी हैं।' कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति शुरू हो गई है. एग्री बिजनेस में काम कर रही ये कंपनियां खेती के सभी पहलुओं पर डेटा एकत्र करने के लिए दुनिया भर के खेतों पर डिजिटल ऐप की मदद से मिट्टी का स्वास्थ्य,  मौसम, फसल पैटर्न , कृषि उत्पाद की जानकारी इकट्ठा कर रही है इसमे  दुनिया के तमाम महत्वपूर्ण बीज और पशुधन और कृषि ज्ञान की  वह आनुवंशिक जानकारी शामिल है जिसे स्वदेशी किसानों ने हजारों सालों में सीखा है |

यह सारा डेटा इन एग्री बिजनेस करने वाली कंपनियों के स्वामित्व और नियंत्रण में जा रहा और यह आर्टिफिशियल इंटलीजेंस के एल्गोरिदम के माध्यम से चलता है, ......इसी को इकठ्ठा कर के प्रोसेस कर के किसानों को "नुस्खे" के साथ वापस बेचा जाता है कि कैसे खेती करें और कौन से कॉर्पोरेट उत्पाद खरीदें, बिल गेट्स का बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) इस पूरे खेल का एक प्रमुख खिलाड़ी है , पूरी दुनिया मे बिल गेट्स ने कॉरपोरेट्स को लाभान्वित करने के लिए कृषि की दिशा को प्रभावित किया है, अब उसकी नजर दक्षिण एशिया विशेषकर भारत पर है, आपको मैं बार बार याद दिलाता हूँ

कि नवम्बर 2019 में बिल गेट्स भारत आए और उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था जो कृषि से संबंधी डेटा इकट्ठा करने को लेकर आयोजित किये गए थे | बिल गेट्स की विश्व के नेताओं तक नियमित पहुंच है और वह व्यक्तिगत रूप से सैकड़ों विश्वविद्यालयों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और मीडिया आउटलेट्स को व्यक्तिगत रूप से नियंत्रित कर रहे हैं। बिल गेट्स कृषि और फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन कंपनियों में  भारी निवेश कर रहे है, बीएमजीएफ का बीज और रासायनिक दिग्गज मोनसेंटो के साथ घनिष्ठ संबंध सर्वविदित है, इसके अलावा बीएमजीएफ कई अन्य बहुराष्ट्रीय एग्री बिजनेस कारपोरेशन के साथ पार्टनरशिप कर है।

अफ्रीका में उन्होंने बड़े पैमाने पर कृषि को कंट्रोल कर लिया है अफ़्रीका में  उनके द्वारा ककिये इस प्रयोग पर दुनिया भर के सैकड़ों नागरिक समाज समूहों सहित कई आलोचकों का कहना है कि फाउंडेशन की कृषि विकास की नीतियां अफ्रीका में छोटे किसानों और समुदायों की बहुराष्ट्रीय निगमों को वादों को पूरा करने और लाभान्वित करने में विफल हुई हैं.......दिक्कत यहाँ पूंजीवाद से नही है बिल गेट्स जैसे लोग एकाधिकारवादी है, ओर यही समस्या है यह वैश्विक कृषि व्यवसाय के लाभ के लिए स्वदेशी कृषि को उससे जुड़ी पूरी व्यवस्था को उखाड़ फेंकना चाहते हैं हम सभी को समय रहते जागने की आवश्यकता है और एकजुट रहेंगे तो तभी भविष्य में उत्पन्न होने वाली इस विकट समस्या से बच पाएंगे

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