आज भी मेरे भारत की मिट्टी पुकारे ,भगत ,और आज़ाद को ,मेरे प्यारे : बी एस बेदी


मेरे प्यारे देशवासियों देश की आजादी के दो ऐसे महान क्रांतिकारी , अगाध देशभक्ति अपनी जनता से असीम स्नेह रखने वाले अपार दिलेर वीर साहसी  इन महान शख्सियतों को देशवासियों ने अनेक उपाधियों से नवाजा ,जैसे सरदार भगत सिंह जी को किसी ने ,नायक, तो किसी ने ,हीरो, किसी ने ,शहीद-ए-आजम , ऐसे ही आज़ाद जी की एक अपनी अनोखी पहचान है जो  घुंघराली मूंछों पर ताव  गठीला बदन, फिर कमर में पिस्तौल  ,  जिन्हें कहते थे आजाद , आजाद ही रहे और रहती कायनात तक आजाद ही  रहेंगे ,अपने वचन के प्रतिबद्ध रहे ,कभी जीते जी  अंग्रेजों की गोली उन्हें छू ना सकी न सरकार उन्हें गिरफ्तार  कर सकी  ,   

 देश की आज़ादी में लग भग 6 लाख 32 हजार क्रांतिकारियों ने इस देश की आज़ादी के लिए अपना लहू बहाया , और बलिदान देकर देश को वर्षों की गुलामी से मुक्त करा गए , उनमें से भारत मां के सपूत , नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार ऊधम सिंह , अशफाक उल्ला खां , पंडित रामप्रसाद बिस्मिल , ठाकुर रोशन सिंह , लाला लाजपत राय ,बटकेश्वर दत्त , रासबिहारी बोस , सरदार करतार सिंघ सराभा ,  सचिंद्र नाथ सान्याल ,रानी लक्ष्मबाई, दुर्गा भाभी , सावित्री बाई , लाला  हरदयाल , भाई परमानंद , आदि महान क्रांतिकारियों ने अपना अनमोल बलिदान दिया,


 जिनमें से देश वासियों का ऐसा मानना है सरदार भगत सिंह सर्वोच्च शिखर पर थे इसी लिए देश वासियों ने, शहीद ए आजम  , की उपाधि से नवाजा  ,  6 लाख 32 हजार क्रांतिकारियों में से सरदार भगत सिंह इकलौते ऐसे क्रांतिकारी थे जिनकी ख्याति भारत के आलाव ,अन्य पड़ोसी देशों में भी  लोग उन्हें चाहते  थे , और इस प्रकार उनकी प्रसिद्ध ता ,ही  उनकी ताकत बनी जो ब्रिटिश सरकार हिला ना सकी , चाहे उनके द्वारा अंग्रेजों की असेंबली में बम फेंकना  या भारतीय कैदियों पर अमानवीय व्यवहार ,जुल्म को लेकर भूख हड़ताल पर  अपने साथियों द्वारा बैठ जाना जो 116 दिन तक चली , जिसमें उनके साथ ही क्रांतिकारी वीर जतिन दास एक  लंबे समय के उपरांत  जतिन दास  ने भूख के कारण दम तोड़ दिया था ,जतिन दास के जाने का भगत सिंह को बड़ा दुख हुआ , जतिन दास भगत सिंह का बहुत सम्मान करते थे फिर भी भगत सिंह ने अपनी हार नहीं मानी , और ब्रिटिश सरकार को उनकी मांगों के आगे झुकना पड़ा भगत सिंह वो  चट्टान थे अंग्रेजी सल्तनत उन्हें हिला ना सकी  और  अंतिम समय तक  लड़ते लड़ते अपने साथी वीर  भारत मां के सपूत राजगुरु, और सुखदेव जी के  साथ भारत मां की गोद में हमेशा के लिए सो गए      आज़ादी के बाद जो सम्मान सरदार भगत सिंह जी को और उनके साथी शहीद क्रांतिकारियों को मिलना था वो भारतीय अंग्रेजी मानसिकता वाली सरकारों ने आज तक नहीं दिया , ऐसा लगता है शायद ही देश में कोई ऐसी सरकार आएगी  जो क्रांतिकारियों के बलिदानों को वास्तविक याद करेगी , और  जो सम्मान आज तक नहीं मिला ,

वह सम्मान  शहीद का दर्जा और  भारत रत्न जैसा  सम्मान देगी , 

आज भी मेरे भारत की मिट्टी पुकारे, भगत , आज़ाद को मेरे प्यारे, 

🇮🇳🇮🇳🌹🌹🌹🇮🇳🇮🇳🤝🤝🤝🤝🤝    आओ इनके सम्मान के लिए सोई हुई हुकूमतों को आप और हम मिलकर जगाएं , देश में शहीदों के सम्मान में एक और क्रांति  लाएं ,  

जय हिन्द जय भारत , जय जवान जय किसान, 

इन्कलाब जिंदाबाद 

👏🌹🇮🇳 बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष , 

क्रांतिकारी संगठन आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार  अपराध मुक्ति संगठन

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