महिलाओं की रसोई


सेवा कामना वेलफेयर एंड एजुकेशनल ट्रस्ट की महिलाएं लगातार पिछले 25 दिन से रोज रात्रि कम से  कम 200   जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन सेवा इसे लंगर प्रसाद भी कहते हैं, लगाती है यह महिलाओं का जज्बा है जो इस करोना जेसी  महामारी में अपने घर परिवार के साथ अंजान लोगो  की चिंता रखती है जो इस लोक डाउन की वजह से दिनभर बेरोजगार और  बेहाल हैं। सेवा कामना ट्रस्ट की प्रेसिडेंट अनु भाटिया जी का कहना है हम सब अपने परिवार की बखूबी चिंता रखते हैं कि हमारा परिवार भरपेट खाना खाए लेकिन इस करोना की वजह से जिनके पास कोई रोजगार नहीं बचा, लोक डाउन के चलते वह बाहर मजदूरी करना भी उनके लिए संभव नहीं है उनके लिए वह भी रात को भूखे ना सोए हम ने यह कदम उठाया। ट्रस्ट  की महिलाएं खुद बड़े-बड़े बर्तनों में खाना बनाती है इसने लोगों का खाना बनाने में हम से कम 4 घंटे लगते हैं जिनको हम महिलाएं इस सेवा का कार्य करने के लिए अलग से समय निकालती हैं रोज किस प्रकार का कार्य करने मैं कुछ मुश्किल तो है लेकिन अगर दिल में जज्बा हो कि हमें समाज के लिए कुछ करना है तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं है ।उसी प्रकार जब हम इस लोक डाउन की मार सह रहे लोगों को आदर सहित भोजन प्रसाद देते हैं उस समय उनके दिल से जो दुआएं मिलती हैं वह हमारे लिए रोज एक नई कोवी शील्ड का काम करती है।

अनु भाटिया जी कहती हैं इस करो ना में इतने नजदीक से अपने लोगों को बिछड़ते हुए देखा है उस समय यह लगता है जब जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है तो क्यों ना जाएं कमाने के लिए समाज की भलाई के लिए कुछ कार्य किया जाए हम लोग सेवा के नाम पर बहुत कंजूसी करते हैं लेकिन एक यही कार्य है जो दिल खोलकर करना चाहिए उन्होंने यह भी कहा इस करो ना मैं जब एक एक इंजेक्शन की कीमत ₹100000 है रही तो उन लोगों ने उस कीमत पर भी इस इंजेक्शन को खरीदा जो कभी यह कहते थे कि हमारे पास गुजारा करने के लिए भी पैसे नहीं है तो क्यों ना हम अपनी पॉकेट से कुछ रुपए और कुछ मेहनत भोजन प्रसाद में लगाएं जिससे हम इस महामारी से अपने और अपने परिवार का बचाव कर सकें क्योंकि दुआएं किसी भी को भी फील्ड से कम नहीं होती ।इसके साथ उन्होंने अपने सभी सहयोगी अपने सभी साथियों तथा उन सब लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद कहां जिन्होंने इसमें कार्य को करने में उनका तन मन धन से साथ दिया वह आगे  कहती है कि उन्हें आगे भी उम्मीद है वह  इस प्रकार से निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद अपनी संस्था के द्वारा करती रहेंगी

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