झलकारी बाई का जन्मदिन मनाया


झिंझाना 22 नवंबर। गांव भोगीमाजरा (ऊन) में 1857 की वीरांगना झलकारी बाई कोरी के जन्मदिवस सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन कर उनकी वीरगाथाओ को याद किया गया।

   कार्यक्रम का शुभारंभ अजब सिंह कोरी और मुख्य अतिथि मुकेश कुमार कोरी ने संयुक्त रूप से किया।


मुख्य वक्ता मुकेश कोरी ने मां झलकारी बाई कोरी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि झलकारी बाई  रानी लक्ष्मीबाई की महिला सेना की सेनापति थी। वो हुबहु रानी लक्ष्मी बाई जैसी लगती थी।


1857 की क्रांति में जब अंग्रेजो ने झांसी के किले पर हमला किया तो एक सैनिक ने गद्दारी करके महल का दरवाजा खोल दिया था। लेकिन


झलकारी बाई ने रानी को पिछले दरवाजे से निकाल दिया,और खुद अंग्रेजो से लड़ी और देशसेवा पर अपने प्राणों को न्योछावर कर दिये।

मोहनलाल कोरी जी(मु०नगर ) ,प्रदीप कुमार कोरी पारस कोरी आदि ने

अपने विचार रखे रखें। कार्यक्रम की अध्यक्षता अजब सिंह कोरी ने एवं  संचालन प्रमोद कुमार कोरी ने किया।

                          प्रेम चन्द वर्मा

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