अभी दो साल पहले सादिक का निकाह सलमा ( परिवर्तित नाम ) के साथ दो साल
पहले 2 अप्रैल 2018 को बड़ौत मे हुआ था। सलमा ( परिवर्तित नाम ) जो की
हाजी अनीस की सबसे बड़ी लड़की है शादी के 9 दिन बाद लड़की अपने
चाचा और चाची के साथ हंसी खुशी बडौत चली गई। लेकिन शादी के
बाद जब लड़का लड़की को लेने उसके घर यानी बडौत गया तो लड़की
के बाप ने अपनी लड़की को अपने दामाद के साथ भेजने से मना कर
दिया और अपने दामाद से कहा कि अपनी दिल्ली मे जो तुम्हारी झुग्गी
झोपड़ी है उसको बेचकर उसमें से हिस्सा लेकर मेरे घर रहो और अगर
तुम ऐसा नही करोगे तो मे कोर्ट कचहरी का तजुर्बेकार आदमी हूँ मै तुम्हे
और तुम्हारे सभी परिवार को थाने में बंद करवा दूंगा अगर तुम ऐसा नही
करोगे फिर उसके बाद लड़के वालों ने अपनी बहू यानी कि सलमा ( परिवर्तित ( नाम ) को
अपने घर लाने की पुरजोर कोशिश की पर लड़की के बाप ने लड़के वालों
की एक न सुनी और बल्कि लड़के वालों को डराने धमकाने लगा और
लड़के वालों को दहेज,बलात्कार के झूठे केस में फसाने की धमकी देने
लगा और आये दिन रोज पुलिस द्वारा फोन करवा के डराने धमकाने लगा
और लड़के के बाप से कहने लगा की या तो मेरी लड़की का समान भेज
दो वरना मे तुमको जेल मे बंद करवा दूंगा लड़के का बाप यहाँ भी खुद
ही झुक गया। और लड़की का जो भी समान शादी मे दिया था वह सारा
समान लड़के वालो ने लड़की वालों को लौटा दिया और साथ मे जो भी
फर्नीचर लड़की वालों ने लड़के वालो को दिया था उसके लड़की वालों ने 2 लाख रूपये मांगे यहाँ भी बेचारा लड़के वाला खुद ही झुक गया और उसने लड़की वालों को 2 लाख रूपये भी दे दिये। लड़की का बाप यानी हाजी अनीस अपनी लड़की के दहेज का सामान और फर्नीचर के पैसे लेने के बावजूद भी अपनी हरकतों से बाज नही आ रहा है। और लड़के वालों को पुलिस द्वारा डराने धमकाने मे लगा हुआ है।
लड़की पक्ष के सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि लड़के पक्ष द्वारा फर्नीचर व सलमा ( परिवर्तित नाम ) के हुई लड़की के खर्च की एवज में तय हुए दो लाख रुपये अभी तक नही दिये गए है। और लड़की पक्ष पर ठगी करने का आरोप भी बिल्कुल निराधार है।उधर लड़की की और से अपने ससुरालियों के विरुद्ध महिला थाना बागपत में मुकदमा संख्या 0075/19 धारा अंतर्गत भा0दं0सं0 498A, 323, 354 व दहेज
प्रतिषेद अधिनियम 3/4 के अंतर्गत सादिक़ मिर्ज़ा ( पति ) हुस्नआरा ( सास ) साबिर मिर्ज़ा ( ससुर ) आदिल मिर्ज़ा ( जेठ ) उज़मा ( जेठानी ) अनस मिर्ज़ा ( देवर ) व नाज़नीन ( ननंद ) फ़िरोज ( नन्दोई ) नदीम ( नन्दोई ) संगम विहार दिल्ली के विरुद्ध रिपोर्ट में बताया कि पीड़िता का निक़ाह मुस्लिम रीति रिवाज़ के अनुसार 02/04/2018 को सादिक़
मिर्ज़ा वल्द साबिर मिर्ज़ा निवासी एल-15/803 शनि बाजार नाला,संगम विहार, दिल्ली-62 के साथ संपन्न हुआ था। मेरे वालिद ने काफ़ी दान दहेज़ दिया था। और लगभग 15,00,00 लाख रुपये खर्च किये थे। शादी के बाद से ही पीड़िता के ससुराल वाले व पति कम दहेज़ लाने के लिये प्रताड़ित करने लगे तथा दहेज़ में 10,00,00 लाख रुपये और दो हमें
अपना काम करना है। तथा कहने लगे कि हमने तुझसे विवाह रुपये लेने के लिये किया है। तुम वैसे ही जली हुई हो उपरोक्त सभी पीड़िता के साथ मारपीट करते रहते थे। इसी बीच पीड़िता के पिता ने ससुरालियों को काफी समझाया व अंकन 3,00,000 रुपये शादी के बाद भी दे दिए लेकिन यह सब फिर भी मुझे परेशान करते रहे। और मेरे साथ मेरे पति
सादिक़ मिर्ज़ा ने ज़बरदस्ती कई बार अप्राकृतिक यौन संबंध बनाये जिससे पीड़ित बीमार रहने लगी बीमार होने के बाद भी ज़बरदस्ती यौन संबंध बनाये जिससे पीड़िता गंभीर बीमार रहने लगी और लोक लिहाज़ व पारिवारिक इज़्ज़त के कारण किसी को कुछ नही बताया पीड़िता के पति के दोनों बहनोई फ़िरोज व नदीम ने भी पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें
की परन्तु पीड़िता के पति ने अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने की सभी हदे पार कर दी तो पीड़िता गंभीर रूप से बीमार हो गयी तब भी ससुरालियों ने बीमार अवस्था में मारपीट चालू रखी । दिनांक 14/08/18 को पीड़िता
के पिता ससुराल से मायका बडौत ले आये । पीड़िता की हालत गंभीर होने की दशा में हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहाँ इलाज के दौरान बताया
गया कि उक्त सभी हरकतों की वजह से सलमा ( परिवर्तित नाम ) की
पेशाब की थैली खराब हो गयी मारपीट की घटनाओं व अप्राकृतिक यौन संबंधों के कारण पीड़िता आज भी ठीक नही है। तथा पेशाब करने के लिये नली का सहारा लेना पड़ता है। इसी बीच दिनांक 10/05/19 को मुझको एक पुत्री पैदा हुई बताया गया है।
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