सरकारी मशीनरी की उदासीनता के चलते सड़कों पर जल भराव से मुख्य मार्ग भी अछूते नहीं रहते है। छोटी सी बरसात में सड़क पर तालाब नजर आते हैं

झिंझाना 4 मई। ।
   शामली करनाल हाईवे पर गाँव जमालपुर का मुख्य चौराहा गाड़ीवाला भी इससे अछूता नहीं है। कैराना झिंझाना मार्ग इस समस्या का ज्वलंत उदाहरण हैं। इस मार्ग पर लगभग तीन बार पैचिंग कार्य के अंतर्गत सड़क के गड्ढे को पाटकर सरकारी तंत्र द्वारा इति श्री कर दी जाती हैं । परिणामस्वरूप आज भी बीती रात में वर्षा के बाद सड़क पर जल भराव की स्थिति अपनी कहानी साफ बता रही हैं।
    पहली बात तो सरकारी मशीनरी के अनुसार सड़क पर पैचिंग कार्य पूरा करते हुए मानकों को ध्यान नहीं रखा जाता। जिसका मुख्य कारण भ्रष्ट ठेकेदारी व अधिकारियों की उदासीनता है।
   दूसरे गाड़ी वाले चोराहे पर सड़क के दोनों ओर नाले बने हुए हैं मगर उनमें पीडब्ल्यूडी की उदासीनता के चलते जल निकासी का प्रबंध उचित नहीं है।

     वैसे जल निकासी के लिए वे ग्रामीण / कस्बा वासी दोषी जरूर है। जिन्होंने अपने निवास के सामने ऊंचा कर जल निकासी में अवरोध पैदा कर दिया है ।परंतु क्या कभी किसी सरकारी तंत्र ने ऐसे दोषियों के विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई करने की जहमत उठाई है। कमोबेश यही स्थिति प्रत्येक गांव कस्बा एवं नगर स्तर पर होती है। जिसमें सड़क के दोनों ओर बने नाले एवं नालिया भी बेकार साबित हो जाती हैं। और सड़क पर जलभराव की स्थिति बिना बारिश के भी देखी जाती है। जिससे सड़क जीर्ण क्षीर्ण होती हैं।
     सरकारी तंत्र में सार्वजनिक निर्माण विभाग , नगर पंचायत हो या गांव पंचायत जिन्हें जल निकासी के लिए उचित प्रबंध करने चाहिए मगर इसे विडंबना ही कहेंगे कि मुख्य मार्गों पर अपने घरों के सामने मिट्टी डालकर अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जाती हैं।
प्रेम चन्द वर्मा

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