सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान डीजीपी मनोज यादव की देखरेख में तैयार हुई रूपरेखा
पानीपत - हरियाणा पुलिस ने अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों से गुजरते वाले एनएच-44 के 187 किलोमीटर क्षेत्र में स्पीड रडार, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर्स और कैमरे का एक
नेटवर्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह नेटवर्क खतरनाक ड्राइविंग करने वालों सहित ओवरस्पीड और असुरक्षित लेन में चलने वालों पर अंकुश लगाने के लिए एक केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष से जुड़ा होगा।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में मनाए गए 31 वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान पुलिस महानिदेशक
(डीजीपी) श्री मनोज यादव की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा विषय पर आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान इस संबंध में रूपरेखा तैयार की गई थी।
उन्होंने कहा कि बार-बार गति सीमा का उल्लंघन अधिक दुर्घटनाओं का कारण बनता है। सड़क पर सही गति का पता लगाने वाले उपकरणों और कैमरों की स्थापना निश्चित रूप से सड़क
दुर्घटनाओं में बहुमूल्य मानव जीवन के नुकसान को कम करने में मददगार साबित होंगे। डीजीपी मनोज यादव के दूरदर्शी दृष्टिकोण के फलस्वरुप इस तरह की अनूठी पहल से प्रदेश में विशेषतौर पर इस
राजमार्ग पर सड़क दुर्घटनाओं को और कम करने में मदद मिलेगी।
श्री विर्क ने कहा कि राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत
हरियाणा पुलिस ने इस साल जनवरी माह में राज्य भर में सड़क और यातायात सुरक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए विशेष जागरूकता अभियान, कार्यशाला और सेमिनार सहित कई पहल की हैं। सप्ताह
भर चले इस कार्यक्रम में राज्य पुलिस ने यातायात स्वयंसेवकों के साथ मिलकर नागरिकों को सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया।
सड़क सुरक्षा को पैदल यात्रियों सहित अन्य के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बताते हुए श्री विर्क ने कहा कि इस दौरान पुलिस कर्मियों ने सड़क सुरक्षा को लेकर संदेश देते हुए नागरिकों से सड़क
पर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अपना योगदान देने का अनुरोध किया जो कि संपूर्ण राष्ट्र के लिए एक चिंता का विषय है।
एडीजीपी ने कहा कि 17 जनवरी तक मनाए गए सडक सुरक्षा सप्ताह के दौरान ट्रैफिक पुलिस टीमों ने स्वयंसेवी की मदद से ट्रैफिक नियम के उल्लंघनकर्ताओं को फूल भेंट कर ट्रैफिक नियमों का पालन
करने बारे जागरूक किया गया। हेलमेट पहनने के लिए दोपहिया वाहन चालकों को प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस ने उन्हें हेलमेट भेंट कर सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनने के महत्व के बारे में जागरूक
किया। इसके अतिरिक्त, भारी या हल्के वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप भी चिपकाई गई। श्री विर्क ने बताया कि पुलिस द्वारा इस दौरान कुल 115 सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
आयोजित किए गए अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में सड़क सुरक्षा पहलुओं पर सड़क उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना, यातायात अधिकारियों को प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण प्रदान करना, ड्राइवरों
की आंखों की जांच, रक्तदान शिविर का आयोजन, स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन आदि शामिल हैं। ओवर स्पीडिंग के 53 चालान, गलत पार्किंग के 776
और नशे में वाहन चलाने के 26 चालान भी चेकिंग के दौरान यातायात उल्लंघनकर्ताओं को जारी किए गए।
पानीपत - हरियाणा पुलिस ने अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों से गुजरते वाले एनएच-44 के 187 किलोमीटर क्षेत्र में स्पीड रडार, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर्स और कैमरे का एक
नेटवर्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह नेटवर्क खतरनाक ड्राइविंग करने वालों सहित ओवरस्पीड और असुरक्षित लेन में चलने वालों पर अंकुश लगाने के लिए एक केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष से जुड़ा होगा।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में मनाए गए 31 वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान पुलिस महानिदेशक
(डीजीपी) श्री मनोज यादव की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा विषय पर आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान इस संबंध में रूपरेखा तैयार की गई थी।
उन्होंने कहा कि बार-बार गति सीमा का उल्लंघन अधिक दुर्घटनाओं का कारण बनता है। सड़क पर सही गति का पता लगाने वाले उपकरणों और कैमरों की स्थापना निश्चित रूप से सड़क
दुर्घटनाओं में बहुमूल्य मानव जीवन के नुकसान को कम करने में मददगार साबित होंगे। डीजीपी मनोज यादव के दूरदर्शी दृष्टिकोण के फलस्वरुप इस तरह की अनूठी पहल से प्रदेश में विशेषतौर पर इस
राजमार्ग पर सड़क दुर्घटनाओं को और कम करने में मदद मिलेगी।
श्री विर्क ने कहा कि राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत
हरियाणा पुलिस ने इस साल जनवरी माह में राज्य भर में सड़क और यातायात सुरक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए विशेष जागरूकता अभियान, कार्यशाला और सेमिनार सहित कई पहल की हैं। सप्ताह
भर चले इस कार्यक्रम में राज्य पुलिस ने यातायात स्वयंसेवकों के साथ मिलकर नागरिकों को सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया।
सड़क सुरक्षा को पैदल यात्रियों सहित अन्य के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बताते हुए श्री विर्क ने कहा कि इस दौरान पुलिस कर्मियों ने सड़क सुरक्षा को लेकर संदेश देते हुए नागरिकों से सड़क
पर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अपना योगदान देने का अनुरोध किया जो कि संपूर्ण राष्ट्र के लिए एक चिंता का विषय है।
एडीजीपी ने कहा कि 17 जनवरी तक मनाए गए सडक सुरक्षा सप्ताह के दौरान ट्रैफिक पुलिस टीमों ने स्वयंसेवी की मदद से ट्रैफिक नियम के उल्लंघनकर्ताओं को फूल भेंट कर ट्रैफिक नियमों का पालन
करने बारे जागरूक किया गया। हेलमेट पहनने के लिए दोपहिया वाहन चालकों को प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस ने उन्हें हेलमेट भेंट कर सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनने के महत्व के बारे में जागरूक
किया। इसके अतिरिक्त, भारी या हल्के वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप भी चिपकाई गई। श्री विर्क ने बताया कि पुलिस द्वारा इस दौरान कुल 115 सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
आयोजित किए गए अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में सड़क सुरक्षा पहलुओं पर सड़क उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना, यातायात अधिकारियों को प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण प्रदान करना, ड्राइवरों
की आंखों की जांच, रक्तदान शिविर का आयोजन, स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन आदि शामिल हैं। ओवर स्पीडिंग के 53 चालान, गलत पार्किंग के 776
और नशे में वाहन चलाने के 26 चालान भी चेकिंग के दौरान यातायात उल्लंघनकर्ताओं को जारी किए गए।
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