शामली, आज के इस आधुनिक युग में साइंस दिन प्रतिदिन तरक्की करता जा रहा है,


शामली, आज के इस आधुनिक युग में साइंस दिन प्रतिदिन तरक्की करता जा रहा है, हिन्दुस्तान विश्व में वैज्ञानिक तकनीकि में अपनी प्रतिष्ठा बनाए हुए है। आज के विद्यार्थियों के लिए वैज्ञानिक तकनीक सबसे जरूरी है इसका विद्यार्थी के जीवन में विशेष महत्व है

क्योंकि वैज्ञानिक तकनीक से ही हमारा मानसिक विकास होता है, तकनीकि क्षेत्र में छोटी-छोटी जीत उनके जीवन में आगे बढ़ने के लिए रास्ता बनाती है। बच्चों का आज, देश के आने वाले कल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए बच्चों के क्रिया कलापों व उन्हंे दिए जाने वाले ज्ञान पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए तथा समय-समय पर तकनीकि कौशल विकास कार्यशालाओं का आयोजन विद्यालय के प्रांगण में किया जाना चाहिए।
उक्त उद्गार सेन्ट आर. सी. कान्वेंट स्कूल शामली में आयोजित तीन दिवसीय तकनीकि कौशल विकास-विज्ञान कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती मीनू संगल (प्रमुख समाजसेवी) ने किया। कार्यशाला में कक्षा-5 व 6 के विद्यार्थियों ने भाग लेकर तकनीकि कौशल के प्रति अपनी रूचि को प्रदर्शित किया।

हरिद्वार की विज्ञान तकनीकि फाउण्डेंशन आॅफ इण्डिया के मैनेजर श्री मयंक शर्मा व उनकी इंजीनियर्स की टीम आर. रवि, शुभमपाल, शुभम सैनी, मनीष कुमार, सुमित, आकाश, मुकुल, ऋषभ आदि ने कक्षा-5 व कक्षा-6 के छात्र/छात्राओं के लिए तकनीकि कौशल विकास विज्ञान कार्यशाला में हाइड्रोलिक ब्रेक के विषय में जानकारी प्रदान करते हुए हाइड्रोलिक ब्रेक तैयार करने की विधि के विषय में विस्तृत रूप से बताया।


 इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में कार्ड बोर्ड, मोटर, काम्पेक्ट डिस्क, बेटन, बेट्री, स्विच वायर, टेप आदि सामग्री का प्रयोग किया गया।
हाइड्रोलिक ब्रेक प्रोजेक्ट में विद्यार्थियों को एक माॅडल बनाकर सिखाया गया कि इस प्रोजेक्ट में एक चक्र जो कि मोटर के द्वारा घूमता है और गाड़ी के टायर के समान है इसमें हाइड्रो ब्रेक रूपी इंजेक्शन है जिसके अन्दर तरल पदार्थ और स्प्रिंग है जिसके दबाने से तरल पदार्थ आगे बढते हुए ब्रेक शू को आगे बढ़ाता है

और घूमती हुई चक्री को रोक देता है जिससे चलती हुई चक्री में ब्रेक लग जाता है और इस तरह जब हम इजेक्शन को वापिस खींचते है तो चक्री दुबारा घूमने लगती है। हाइड्रोलिक ब्रेक का प्रयोग कार, क्रेन आदि को रोकने में किया जाता है। इसके प्रयोग के द्वारा लिफ्ट आदि में भारी से भारी वजन को आसानी से उठाया जाता है।

जब विद्यार्थियों ने अपने हाथों से माॅडल तैयार किया तो उनके चेहरे पर मानों एक विजयश्री झलक रही थी। यहीं कारण है जिससे विद्यार्थियों के जीवन में आत्मविश्वास बढ़ता है। उनके मन में कुछ नया करने अथवा सीखने की ललक उत्पन्न होती है। 



कार्यशाला सत्र स्कूल डायरेक्टर भारत संगल के दिशा निर्देशन में सम्पन्न कराया गया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हाइड्रोलिक ब्रेक एक एफ्यालड़ विज्ञान तथा इंजीनियरिंग का विषय है जो तरलता की मैकेनिकल विशेषताओं से सम्बन्धित फ्यूड मैकेनिक्स हाइड्रोलिक से सम्बन्धित सैद्धान्तिक जानकारी प्रदान करता है।

 हाइड्रोलिक ब्रेक एक ऐसा यंत्र है जो ब्रेकिंग मैकेनिज्म के अन्र्तगत तरल ब्रेक का प्रयोग करता है। इसे इथलाइन ग्लाइकोल के द्वारा इस यन्त्र का प्रयोग किया जाता है। विद्यार्थियों को विज्ञान की आधुनिक तकनीकि के विषय में जानकारी प्रदान करने के लिए अनेकों प्रकार के वैज्ञानिक प्रोजेक्ट के विषय में हरिद्वार की विज्ञान तकनीकि फाउण्डेशन आॅफ इण्डिया के कुशल इंजीनियर्स द्वारा आगे भी जानकारी प्रदान की जायेगी तथा कक्षा-7, 8 व 9 तक के सभी विद्यार्थियों से शेष अगले दो दिवस में अलग-अलग प्रोजेक्ट तैयार कराये जायेगे। 


इस अवसर पर स्कूल प्रधानाचार्य आदित्य कुमार, उप-प्रधानाचार्य आर.पी.एस. मलिक, रवि कुमार, सीमा पांचाल, आरती कौशिक, नीलम पराशर, प्रतिभा शर्मा, अंजू, शालिनी, भावना, निशा शर्मा आदि अध्यापक/अध्यापिकाएं उपस्थित रहे।

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