गंगा के नाम पर करोड़ों खरबों रुपए खर्च होने के बावजूद भी हर की पौड़ी पर बहता रहा ..?
करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़..?
नमामि गंगे,स्पर्श गंगा, अखाड़ा परिषद, संत समाज, गंगा प्रदूषण इकाई, सरकार, प्रशासन सब मौन आज पूरे दिन माँ गंगा में यह शिवर बेहतर है लेकिन किसी की नजर हर की पौड़ी पर बह रहे सीवर पर नहीं पड़ी ना ही सरकार नहीं है धार्मिक संस्थाएं एवं संत समाज इस पर संज्ञान ले पाया यहां तक कि हर की पौड़ी पर गंगा सभा के किसी पदाधिकारी की पड़ी और नहीं किसी का कोई विरोध.. जबकि वहां पर गंगा में बाहर से आए हजारों श्रद्धालु गंगा मैं स्नान कर रहे थे और ऐसे में किस तरह से यहां का प्रशासन सरकार स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के साथ खिलवाड़ कर रही हैं
यह आप इन फोटो के माध्यम से देख सकते हैं कोई भी अधिकारी गंगा में गिर रहे सीवर के गंदे नाले को लेकर संज्ञान लेने को तैयार नहीं है जब कि हर की पौड़ी पर गंगा किनारे गंगा का समाज पूजा कराता है लेकिन उन्हें यात्री तो दिखाई देते हैं लेकिन यह बहते हुए गंदे नाले किसी को दिखाई नहीं देते ऐसे में कैसे माँ गंगा स्वच्छ होगी जब यहां के स्थानीय लोग भी गंगा मैं बहते हुए नालों का विरोध नहीं करेंगे
यहां की सरकार हो या नमामि गंगे हो और या फिर स्पर्श गंगा या फिर यहां का प्रशासन सब गंगा के नाम पर कमाई तो कर रहे हैं लेकिन नाले बंद करवाने में कोई भी कामयाब नहीं हो पा रहा इसका मतलब साफ है कि गंगा के नाम पर भ्रष्टाचार के सिवा कुछ नहीं हो रहा है जबकि गंगा के सफाई के नाम पर अब तक हजारों करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं और तीर्थ नगरी में एक भी नाला आज तक टेप नहीं हो पाया है इसकी सच्चाई यह गंगा में गिरते हुए नाले स्वयं कह रहे हैं..
करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़..?
नमामि गंगे,स्पर्श गंगा, अखाड़ा परिषद, संत समाज, गंगा प्रदूषण इकाई, सरकार, प्रशासन सब मौन आज पूरे दिन माँ गंगा में यह शिवर बेहतर है लेकिन किसी की नजर हर की पौड़ी पर बह रहे सीवर पर नहीं पड़ी ना ही सरकार नहीं है धार्मिक संस्थाएं एवं संत समाज इस पर संज्ञान ले पाया यहां तक कि हर की पौड़ी पर गंगा सभा के किसी पदाधिकारी की पड़ी और नहीं किसी का कोई विरोध.. जबकि वहां पर गंगा में बाहर से आए हजारों श्रद्धालु गंगा मैं स्नान कर रहे थे और ऐसे में किस तरह से यहां का प्रशासन सरकार स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के साथ खिलवाड़ कर रही हैं
यह आप इन फोटो के माध्यम से देख सकते हैं कोई भी अधिकारी गंगा में गिर रहे सीवर के गंदे नाले को लेकर संज्ञान लेने को तैयार नहीं है जब कि हर की पौड़ी पर गंगा किनारे गंगा का समाज पूजा कराता है लेकिन उन्हें यात्री तो दिखाई देते हैं लेकिन यह बहते हुए गंदे नाले किसी को दिखाई नहीं देते ऐसे में कैसे माँ गंगा स्वच्छ होगी जब यहां के स्थानीय लोग भी गंगा मैं बहते हुए नालों का विरोध नहीं करेंगे
यहां की सरकार हो या नमामि गंगे हो और या फिर स्पर्श गंगा या फिर यहां का प्रशासन सब गंगा के नाम पर कमाई तो कर रहे हैं लेकिन नाले बंद करवाने में कोई भी कामयाब नहीं हो पा रहा इसका मतलब साफ है कि गंगा के नाम पर भ्रष्टाचार के सिवा कुछ नहीं हो रहा है जबकि गंगा के सफाई के नाम पर अब तक हजारों करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं और तीर्थ नगरी में एक भी नाला आज तक टेप नहीं हो पाया है इसकी सच्चाई यह गंगा में गिरते हुए नाले स्वयं कह रहे हैं..
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