आम जनता के खिलाफ अन्यायपूर्ण नियम: एनजीटी के फैसले के खिलाफ आवाज उठाएं

एनजीटी द्वारा 10 साल और 15 साल के लिए निजी वाहनों पर लगाए जा रहे नियम आम जनता के खिलाफ हैं। यह नियम केवल व्यवसायिक वाहनों के लिए तो ठीक हो सकते हैं, लेकिन निजी वाहनों के लिए बिल्कुल भी लागू नहीं होने चाहिए। निजी वाहन आम तौर पर इतने समय में ज्यादा नहीं चलते हैं और अति आवश्यक होने पर ही सड़क पर निकलते हैं।

*निजी वाहनों का महत्व*

हम सभी जानते हैं कि निजी वाहन हमारे परिवार की सुविधा के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। हम अपने परिवार के लिए वाहन खरीदते हैं ताकि बसों और ट्रेनों की भीड़ से बचा जा सके और इनकी मैनटेन्स का भी बहुत ध्यान रखते हैं। अपने शरीर से भी ज्यादा वाहन को मैन्टेन रखते हैं।

*अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं*

एनजीटी के नियम निजी वाहनों को कन्डम घोषित करने के बारे में हैं, जो हमारे ऊपर अन्याय है। हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा और इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी। हमें एकता के सूत्र में बंधकर सरकार के अन्यायपूर्ण नियमों का विरोध करना होगा और सरकार को ऐसे नियम वापस लेने के लिए बाध्य करना होगा।

*आवाज सरकार तक पहुंचाएं*

आप सभी से सविनय निवेदन है कि आम जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाएं और सरकार को ऐसे नियम वापिस लेने के लिए बाध्य होने के लिए मजबूर करें। इस संदेश को कम से कम पांच ग्रुप में जरूर भेजें और आम जनता के अधिकारों की रक्षा में अपना योगदान दें।

*एकता में शक्ति है*

हमें एकजुट होकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी। अगर हम सभी एक साथ खड़े होंगे, तो सरकार को हमारे अधिकारों का सम्मान करना होगा। आइए, हम सभी एकजुट हों और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ें।

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