कैराना। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा भूमाफियाओं के खिलाफ उठाए गए सख्त कदमों का असर कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। प्रशासन की लापरवाही के चलते जनपद शामली में वन विभाग की भूमि पर हुए अवैध कब्जे के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब कैराना क्षेत्र के ग्राम प्रधान पति, इमराना, ने वन विभाग के अधिकारियों को एक शिकायती पत्र सौंपा जिसमें स्पष्ट रूप से आरोपियों की दबंगई का उल्लेख किया गया है।
ग्राम अकबरपुर सुन्हेटी की खसरा संख्या 231 की भूमि पर आरोपियों ने अवैध कब्जा कर रखा है। आरोप है कि मुन्साद, सज्जाद, इमदाद और जावेद पुत्र इशाक जैसे अराजक तत्व बेखौफ होकर वन विभाग की भूमि पर कृषि कर रहे हैं। ये सभी पूर्व में जालसाजी और धोखाधड़ी के मामलों में भी आरोपी हैं, जिनके खिलाफ कैराना, देहरादून और हरियाणा में मुकदमे दर्ज हैं।
यह बेहद चिंताजनक है कि एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूमाफियों के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। स्थानीय लोगों में आक्रोश है, और उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या प्रशासन इन दबंगों के आगे बेबस है? क्या केवल कागजी कार्रवाई का नाटक किया जा रहा है?
ग्राम प्रधान इमराना ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि अवैध कब्जा हटा कर वन विभाग की भूमि को सुरक्षित किया जा सके। उनकी यह भी मांग है कि इस मामले में कार्रवाई करना सामाजिक न्याय की प्रवृत्ति के तहत आवश्यक है।
क्या योगी सरकार का आदेश केवल राजनीतिक दिखावा है? यह प्रश्न आज शामली जिले के बाशिंदों की जुबान पर है, और जब तक कार्रवाई नहीं होती, तब तक लोगों में इसी तरह की चर्चाएं चलती रहेंगी।
इस मामले को लेकर प्रशासन का मौन दर्शाता है कि कहीं न कहीं, इस प्रकार के मामले में मानवीय और कानूनी ढांचे पर सवाल उठ रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। अब देखना होगा कि क्या प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर पाएगा या फिर जनता को अपने हक के लिए और संघर्ष करना पड़ेगा। समझो भारत न्यूज से पत्रकार गुलवेज आलम की रिपोर्ट
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