जालौर में ब्लड बैंक की बढ़ती ज़रूरत और उसका समाधान


जालौर / भीनमाल : जालौर जिले में ब्लड बैंक की बढ़ती जरूरत और उसका समाधान। समस्त जालोर जिले में सिर्फ 4 ब्लड बैंक हैं और जालोर जिले की कुल जनसँख्या 20 लाख के करीब है, जहाँ रक्त / ब्लड की ज़रूरत जैसे एनीमिया, मलेरिया, डेंगू, गर्भवती महिलाओं, किडनी रोग, आंतरिक ब्लीडिंग इत्यादि बीमारियों में पड़ती है। इसके बाद सर्जरी के दौरान भी रक्त की बहुत आवश्यकता होती है जैसे ट्रॉमा, ऑर्थोपेडिक सर्जरी, यूरोलॉजी, लीवर सर्जरी इत्यादि।  जहाँ जिले का पहला ब्लड बैंक जालोर राजकीय चिकित्सालय में स्थित है लेकिन वहां सिर्फ पूर्ण ब्लड ही उपलब्ध है, जिन रोगियों को ब्लड कंपोनेंट्स की ज़रूरत होती है उन्हें दुसरे ब्लड बैंकों में जाना पड़ता है और जिन मरीज़ों को प्लाज्मा एफेरेसिस और प्लेटलेट एफेरेसिस की ज़रूरत होती है वह उच्च तकनीक सिर्फ नाहर ब्लड सेंटर में ही उपलब्ध है। 

नाहर ब्लड सेंटर में एक बार में 750 यूनिट रक्त जमा किया जा सकता है, और इतना ही नहीं रक्त की बेहतर प्रोसेसिंग के लिए नाहर ब्लड सेंटर में डीप फ्रीजर, ब्लड बैंक रेफ्रीजिरेटर, प्लेटलेट एजीटेटर, ब्लड कॉम्पोनेन्ट सेपेरशन मशीन, कर्यो बाथ, प्लाज्मा थाइंग बाथ, लमीनार एयर फ्लो, एलिसा रीडर और वॉशर, प्लाज्मा / प्लेटलेट एफेरेसिस मशीन, ऑटो मेटेड क्रॉस मशीन विद जेल टेक्नोलॉजी,  ब्लड कलेक्शन मॉनिटर जैसी अत्याधुनिक मशीनें भी उपलब्ध हैं।

नाहर ब्लड सेंटर सामाजिक संस्थाओं के साथ मिल कर समय समय पर ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन भी करता रहता है।  अभी तक नाहर ब्लड सेंटर ने 11 ब्लड डोनेशन कैंप भीनमाल मैं लगाए हैं जहाँ पर 600 यूनिट रक्त का दान हुआ है, वहीँ आज तक नाहर ब्लड सेंटर ने कुल मिला कर 2200 से ज़्यादा ब्लड कंपोनेंट्स इशू कर के 2200 मरीज़ों की जान बचायी है।

नाहर ब्लड सेंटर के इंचार्ज डॉ अनुराग गुप्ता के अनुसार "नाहर ब्लड सेंटर का उद्देश्य जालोर और आस पास के सभी मरीज़ों को सही समय पर रक्त उपलब्ध कराना है, और हम हर रोज़ 5-7 मरीज़ों को रक्त उपलब्ध करा कर उनकी जान बचाने मैं अहम् भूमिका निभा रहे है जिससे हमारे उद्देश्य की पूर्ती हो रही है। "जनरल सर्जरी विभाग में भी ब्लड/रक्त की बहुत आवश्यकता होती है, हालांकि लैप्रोस्कोपी मशीन/दूरबीन विधि और अत्याधुनिक तकनीक द्वारा सर्जरी करने से रक्त की आवश्यकता में कुछ कमी तो आयी है, लेकिन कुछ ही  अस्पताल इस  उच्च तकनीक का उपयोग करते हैं जिससे मरीज़ को अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिलती है,

घाव भी जल्दी भरता है और सर्जरी के दौरान ब्लड/रक्त भी कम से कम लगता है । लैप्रोस्कोपी मशीन (दूरबीन विधि) का प्रयोग  नाहर अस्पताल में सबसे ज़्यादा देखा गया है, डॉ नाडकर्णी और डॉ शर्मा दोनों ही नाहर अस्पताल में वरिष्ठ सर्जन हैं और प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से शाम 6 बजे तक नाहर अस्पताल की OPD में उपलब्ध रहते हैं। नाहर अस्पताल में एक ही छत के नीचे अच्छे सर्जन और उच्चतम ब्लड बैंक भीनमाल समेत पूरे जालोर जिले के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।।   जालौर / भीनमाल : समझो भारत न्यूज डिजिटल चैनल नई दिल्ली से राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. के.एल.परमार की कलम स्पेशल कवरेज : 9636125006

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