बत्तीसा खाप चौधरी उदयवीर सिंह पवार (भैंसवाल) का निधन


लंबी बीमारी के चलते कि कल देर रात बत्तीसा खाप चौधरी उदयवीर सिंह पवार ने 91 वर्ष की आयु में अपने पुत्र अजय के निवास पानीपत में आखिरी सांस ली आज उनका सुबह अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव भैंसवाल में भैंसवाल  मलेंडी रोड स्थित उनके कृषि फार्म पर किया गया आपको बता दें कि किसान आंदोलनों का दौर 1980 के दशक में शुरू हुए किसान आंदोलनों दौरान मिस्टीरियस चल रही खाप पंचायतों को एक बार फिर से संजीवनी मिली

और सब एकजुट होकर किसान आंदोलन में जुट गए जो कि 1987 में भारतीय किसान यूनियन का जन्म शामली के ही  खेडी करमू बिजली घर  के आंदोलन से हुआ था इसी दौरान एक बार फिर से यूं तो इस परिवार में बतीसा खाप की चौधर पूर्व से ही चली आ रही थी लेकिन एक बार फिर से क्षेत्र के लोगों ने इकट्ठा होकर चौधरी उदयवीर सिंह पवार को बत्तीसा खाप की  पगड़ी बालकर जिम्मेदारी सौंपी गई

चौधरी उदयवीर सिंह मुजफ्फरनगर पहले छात्र कुश्ती चैंपियन और 1950 में संयुक्त पंजाब जिसमें हरियाणा और हिमाचल प्रदेश भी सम्मिलित थे की लाइट एवं हैवीवेट कुश्ती चैंपियन रहे शिक्षा के क्षेत्र में हाई स्कूल में शामली स्थित  वेसय इंटर कॉलेज मैं पढ़ाई के समय किसानों के बच्चों को अलग कालीज की मांग करते हुए


किसान इंटर कॉलेज बनवाने में योगदान दिया और फिर 1960 में शामली किसान इंटर डिग्री कॉलेज के प्रबंधक भी रहे इसके अलावा ग्राम भैंसवाल स्थित कल्याण देव इंटर कॉलेज की स्थापना कराने में महत्वपूर्ण योगदान और संस्थापक मैनेजर भी रहे सहयोग त्याग की भावना परिवार जन्मजात ही मिली थी


क्योंकि पूर्व समाजिक कार्यों में उठते ही लगे रहते थे वही भाव चौधरी उदय वीर सिंह पवार में भी पहले से थे क्योंकि जब भी पढ़ाई के लिए शहर में आते जाते थे तो उस वक्त भी अपने साथ अपने समाज व अन्य समाज के लोगों की खूब मदद किया करते थे या यूं कहिए कि हर समय दूसरों की सहायता के लिए प्यार भरी क्षेत्र में भी मशीनीकरण का दौर चला  देश आजाद हुआ तो इनके परिजनों द्वारा खरीदा गया 1947 में पहला ट्रैक्टर चर्चा का विषय बना हुआ है 1951 में इन्हीं के परिवार द्वारा लॉन्च ट्रैक्टर खरीदा गया उस समय ट्रैक्टर 5000 से 6000 में आते थे और सिंचाई के क्षेत्र में भी सो प्रथम  नलकूप  लगाकर सिंचाई शुरू करने वाले किसान परिवार होने का गौरव हासिल किया

वहीं ट्रैक्टर के प्रथम चालक होने का सौभाग्य भी चौधरी उदयवीर  सिंह पवार को प्राप्त हुआ नहीं उन्होंने अपने ट्रैक्टर से क्षेत्र के कितने किसानों को ट्रैक्टर चलाना सिखाया और क्षेत्र के किसानों के लिए मशीन के करण के दूर के शुरुआत में एक प्रेरणा स्रोत साबित हुए जिससे अन्य को किसानों ने प्रेरणा लेकर मशीनीकरण को अपनाया और अपनी आय को बढ़ाया जिन किसानों ने उस समय मशीनीकरण को अपनाया था वह आज भी समाज में संपन्न किसानों की श्रेणी में आते हैं क्योंकि समय रहते जिसने समय के साथ चलना सीख लिया और निश्चित रूप से आगे बढ़ता है चौधरी उदयवीर सिंह पवार अपने परिवार में 2 पुत्र विनय कुमार जो गांव में कृषि कार्य करते हैं वही दूसरे को एडवोकेट अजय कुमार क्योंकि अभी हरियाणा में नौकरी करते थे और उसी वक्त इसी वर्ष रिटायर हुए हैं अब कैराना कोट में प्रैक्टिस कर रहे हैं।

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