भ्रमित करने से नहीं 2024 के लोकसभा चुनाव होने तक तीनों कानून होल्ड करने व एमएसपी पर कानून बनाने के साथ-साथ 100% फसल खरीद की गारंटी पर ही समाप्त हो सकता है किसान आंदोलन --उपेंद्र चौधरी


किसानों को भ्रमित करने से नहीं 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव तक तीनों काले कानूनों को होल्ड पर डालने व एमएसपी गारंटी कानून बनाने के साथ-साथ 100% फसल खरीद की गारंटी का कानून बनाने पर ही किसान आंदोलन वापस हो सकता है उक्त वक्तव्य कुंडू खाप उत्तर प्रदेश के के बाबा उपेंद्र चौधरी ने किसानों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा उन्होंने कहा कि वैसे तो लगता नहीं सरकार अभी गंभीर है यह किसानों की और परीक्षा लेने के मूड में हैं लेकिन फिर भी बीच का रास्ता केवल एक ही तरीके से निकाला जा सकता है वह तरीका केवल एक ही है यहां सरकार कह रही है कि डेढ़ से 2 साल तक वहीं किसानों  के विरोधी तीनों कानूनों को होल्ड पर डालने को तैयार है मेरा इसमें अपना सुझाव है कि इन तीनों काले कानूनों को 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों तक होल्ड पर डालें जो अगली सरकार बनेगी वहीं इनको लागू कर लेगी तब तक केंद्र सरकार इन कानूनों की विषय में किसानों को  खूब समझाएं यदि किसानों की समझ में आया कि कानून अच्छे हैं तो बीजेपी की सरकार लौट आएगी यदि सरकार समझाने में नाकाम रही तो जिस की सरकार बनेगी वह निर्णय ले कानून अच्छे या बुरे इसलिए सबसे अच्छा जरिया है कि इन तीनों काले कानूनों को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों तक ओल्ड पर डाल दी केंद्र सरकार और वही साथ ही साथ एमएसपी पर कानून बनाएं एवं 100% फसल की खरीद की गारंटी भी कानून में शामिल करें इतना होने से ही मुझे पूर्ण उम्मीद है कि आंदोलित हमारा अन्नदाता निश्चित रूप से समझेगा और आंदोलन वापसी हो सकता है ऐसा मेरा सुझाव है केंद्र सरकार यदि वाक्य किसानों को अन्नदाता का दर्जा देती है और उनके प्रति सम्मान रखते हैं तो उन्हें यह बीच का रास्ता निश्चित रूप से स्वीकार कर लेना चाहिए क्योंकि यह ऐसा सुझाव है जिसमें किसी के भी स्वाभिमान को ठेस नहीं पहुंचती में ही किसान के नई सरकार के किसान के द्वारा दिया जा रहा नारा कि कानून वापसी नहीं घर वापसी को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए कि अन्नदाता की आवाज है इतना आसानी से अन्नदाता  अपनी जुबान से पड़ने वाला नहीं अन्नदाता की आवाज है किसी राजनेता कि नहीं इसलिए इसे गंभीरता से लें और हठधर्मिता छोड़ते हुए इस बीच के रास्ते पर विचार करें निश्चित रूप से ऐसा मेरा मानना है कि समाधान होगा यह हर कोई जानता है कि समाधान वार्ता से होगा यदि इस दिशा में आगे बढ़ा जाए तो निश्चित रूप से सार्थक कदम होगा और निश्चित रूप से देश की जो आज हालात है इनसे उभरने में मदद मिलेगी आगे बढ़कर वार्ता को आगे आने वाला कभी छोटा नहीं होता और देश का प्रधानमंत्री होने के नाते मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि बड़ा मन दिखाते हुए किसानों से वार्ता करें और हमारे द्वारा सुझाए गए बीच के रास्ते पर चलकर किसान आंदोलन खत्म करने में अपनी भूमिका निभाई यूं तो आप विदेशों में जाकर भी अपनी आवाज को बुलंद करते हो सबसे मन की बात करते हो राज्यसभा और लोकसभा में भी भ्रमित भाषण देते हो लेकिन ऐसा क्या कारण है कि आप आंदोलित किसानों के मध्य आकर किसानों को समझा नहीं सकते वह तीनों काले कानूनों के लाभ यहां तक कि किसानों में फूट डालने का प्रयास भी आपके द्वारा छोटे मझोले और बड़े किसानों के रूप में किया जा रहा है लेकिन यह सब ऐसे प्रयास न करते हुए आपको केवल आंदोलन को किस स्तर से खत्म किया जाए इस पर विचार करना चाहिए किस तरह अन्नदाता को सम्मान दिया जाए इस पर विचार करना चाहिए इसलिए अध्यक्षता के रास्ते पर चल कर आगे बढ़े चौधरी द्वारा दिए गए सुझाव को बैठक में मौजूद सभी किसानों ने सरकार और साथ ही साथ सभी किसानों ने केंद्र सरकार से अपील की कि बीच के दिखाई गई इस रास्ते पर चलकर अपनी दरियादिली दिखाई और किसान जो लगभग ढाई महीने से आंदोलित है 200 से ज्यादा शहादत हो चुकी है तो इस आंदोलन को समाप्त होने में अपनी भूमिका निभाई प्रधानमंत्री बैठक में मौजूद क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने देश के प्रधानमंत्री से अपील की कि किसानों के दर्द को समझे और उम्मीद जताई कि निश्चित रूप से देश के प्रधानमंत्री किसानों की पीड़ा को समझेंगे

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